ग़ज़ा पट्टी में कई दिनों से जारी संकट ने एक बार फिर मध्य पूर्व संकट की तरफ़ सबका ध्यान खींचा है.
ताज़ा संकट में अब तक 300 से ज़्यादा फ़लस्तीनी मारे जा चुके हैं जबकि हज़ारों लोग अपना घर छोड़ कर भागने को मजबूर हुए हैं. एक नज़र इस संकट की वजहों पर:
ताज़ा तनाव क्यों शुरू हुआ?
जून महीने में तीन इसराइली युवकों का अपहरण कर लिया गया जिनके बाद में शव बरामद हुए.
इसराइल ने इसके लिए ग़ज़ा पट्टी में शासन करने वाले चरमपंथी गुट हमास को ज़िम्मेदार ठहराया.
हमास ने इन हत्याओं में अपना हाथ होने से इनकार किया लेकिन इसराइल ने पश्चिमी तट में हमास के ख़िलाफ़ कार्रवाई शुरू कर दी.
ये तनाव तब और बढ़ गया जब 2 जुलाई को एक फ़लीस्तीनी युवक को अगवा कर लिया गया औ बाद में उसकी लाश मिली.
इसके बाद हमास ने ग़ज़ा से इसराइल पर रॉकेट दागने की ज़िम्मेदारी ली और इसके बाद अपने हवाई हमले शुरू कर दिए.
दोनों पक्ष क्या चाहते हैं?
इसराइल ग़ज़ा पट्टी से अपनी तरफ़ होने होने वाले रॉकेट हमलों को हमेशा के लिए रोकना चाहता है. उसका कहना है कि अगर ज़रूरी हुआ तो वो ज़मीनी कार्रवाई भी शुरू करेगा.
वहीं हमास का कहना है कि वो तभी संघर्ष विराम को स्वीकार करेगा जब इसराइल पश्चिमी तट, यरुशलम और ग़ज़ा में ‘अपनी आक्रामता’ छोड़ेगा.
हमास चाहता है कि इसराइल फ़लस्तीनी गुट फ़तह और हमास की साझा सरकार के लिए परेशानी पैदा न करे.
साथ ही वो उन क़ैदियों की रिहाई की मांग कर रहा है जिन्हें 2011 में इसराइली सैनिक गिलात शालित की रिहाई के बदले छोड़ा गया था, लेकिन हाल में उन्हें फिर गिरफ़्तार कर लिया गया.
क्यों टकराते हैं इसराइल और हमास?
ग़ज़ा पट्टी मध्य पूर्व में मिस्र और इसराइल के बीच ज़मीन का एक छोटा सा टुकड़ा है जिसका कुल क्षेत्रफल लगभग 360 वर्ग किलोमीटर है. यानी ये आकार में दिल्ली के एक चौथाई हिस्से के बराबर है और आबादी लगभग 18 लाख है.
इसराइल ने 1967 के मध्य पूर्व युद्ध के बाद ग़ज़ा पर क़ब्ज़ा कर लिया और लगभग चार दशक बाद 2005 में वहां से अपने सैनिक हटाए. इसके बावजूद ग़ज़ा की सीमाओं, पानी और वायुक्षेत्र पर अब भी इसराइल का नियंत्रण है. वहीं ग़ज़ा की दक्षिणी सीमा को मिस्र नियंत्रित करता है.
ग़ज़ा में लोगों और सामान की आवाजाही पर इसराइल का कड़ा नियंत्रण है. इसे जहां हमास ग़ज़ा की नाकेबंदी बताता है, वहीं इसराइल अपनी सुरक्षा के लिए इसे अहम मानता है.
हमास के घोषणापत्र में यूं तो इसराइल के विनाश की बात कही गई है लेकिन हाल के वर्षों में उसने कहा है कि वो इसराइल के साथ लंबा संघर्षविराम चाहता है.
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