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प्रोडक्टिविटी बढ़ाने के लिए दें थोड़ी छूट

।। दक्षा वैदकर ।। हर ऑफिस में दो तरह के कर्मचारी होते हैं. एक होते हैं ज्यादा घंटे ऑफिस में बिताने वाले और दूसरे होते हैं कम घंटे ऑफिस में बिताने वाले. अकसर उन लोगों के काम पर सवाल उठाया जाता है, जो ऑफिस में कम समय बिताते हैं. जबकि ध्यान हमें इस बात पर […]

।। दक्षा वैदकर ।।

हर ऑफिस में दो तरह के कर्मचारी होते हैं. एक होते हैं ज्यादा घंटे ऑफिस में बिताने वाले और दूसरे होते हैं कम घंटे ऑफिस में बिताने वाले. अकसर उन लोगों के काम पर सवाल उठाया जाता है, जो ऑफिस में कम समय बिताते हैं. जबकि ध्यान हमें इस बात पर देना चाहिए कि कौन कम समय में ज्यादा काम करता है और कौन ज्यादा समय में कम काम करता है.

किसी भी व्यक्ति के काम का आकलन समय से न कर के उसके काम से किया जाना चाहिए. यह इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि कई लोगों के काम करने की स्पीड बहुत ज्यादा होती है और कई लोगों की बहुत कम होती है.

कई एचआर एक्सपर्ट्स भी मानते हैं कि ऑफिस में 12 घंटे बैठे रहना कोई अच्छी बात नहीं है. अगर किसी कंपनी में वर्किग आवर्स ज्यादा हैं, तो यह मान लेना चाहिए कि उसके पास कोई क्लियर एजेंडा नहीं है. हमें समझना होगा कि प्रोडक्टिविटी बढ़ाने के लिए अनुशासन बहुत जरूरी है और दक्षता बढ़ाने के लिए नॉलेज. अगर अनुशासन और ज्ञान का तालमेल बैठ जाये, तो आपको अच्छे परिणाम मिल सकते हैं. बेहतर आउटपुट का सबसे अच्छा तरीका यह है कि हर कर्मचारी को क्लियर बता दिया जाये कि उससे क्या-क्या अपेक्षाएं हैं. काम शुरू और खत्म करने का वक्त तय कर दिया जाये और उसके बाद कर्मचारी को फ्री छोड़ दिया जाये. उसे यह छूट दी जाये कि वह अपने मुताबिक उसे पूरा करे. यह जरूरी नहीं है कि वह कर्मचारी सारा समय ऑफिस में ही दिखे.

दरअसल, ज्यादा देर तक काम करने से कर्मचारी परेशान हो जाते हैं. इसका काम पर विपरीत असर पड़ता है. अगर कर्मचारी की लाइफ स्टाइल हेल्दी और बैलेंस्ड होगी, तो ऑफिस के काम में भी इसका पॉजिटिव असर देखने को मिलेगा और ओवर टाइम की जरूरत नहीं होगी. इस बात को समझना बेहद जरूरी है कि प्रोडक्टिविटी बढ़ाने के लिए कंपनी में कर्मचारियों की फ्लेक्सिबिलिटी को तोहफा दिया जाना चाहिए. इससे कर्मचारी अपने जीवन को व्यवस्थित रखते हुए अपने टारगेट्स पूरा करता है.

बात पते की..

– आज कर्मचारियों से कम समय में ज्यादा परिणाम की अपेक्षा होती है. ऐसे में खुद का मैनेजमेंट सीखना जरूरी है, ताकि ओवरटाइम न करना पड़े.

– कम समय में ज्यादा काम कैसे किया जाये, इसकी तकनीक को विकसित करें. बेवजह खाली ऑफिस में न बैठें. हर मिनट का सही उपयोग करें.

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