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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने SCO सम्मेलन में क्या कहा

<p>प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किर्गिस्‍तान की राजधानी बिश्‍केक में हो रहे एससीओ देशों के सम्मेलन में आज अपनी बात रखी. अपनी बात रखते हुए उन्होंने अपने अंदाज़ में एससीओ सम्मेलन को HEALTH नाम का मंत्र दिया. </p><p>उन्होंने कहा, &quot;हम सबका विज़न हमारे क्षेत्र में HEALTH सहयोग को मज़बूत करना है. HEALTH शब्द के अक्षरों से […]

<p>प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किर्गिस्‍तान की राजधानी बिश्‍केक में हो रहे एससीओ देशों के सम्मेलन में आज अपनी बात रखी. अपनी बात रखते हुए उन्होंने अपने अंदाज़ में एससीओ सम्मेलन को HEALTH नाम का मंत्र दिया. </p><p>उन्होंने कहा, &quot;हम सबका विज़न हमारे क्षेत्र में HEALTH सहयोग को मज़बूत करना है. HEALTH शब्द के अक्षरों से हमारे के अक्षरों से हमारे सहयोग के लिए अच्छा टेम्पलेट बन सकता है. एच का मतलब हेल्थ कोऑपरेशन (स्वास्थ्य क्षेत्र में सहयोग), ई का मतलब इकॉनामिक कोऑपरेशन (आर्थिक सहयोग), ए का मतलब ऑलटरनेट एनर्जी (वैकल्पिक ऊर्जा), एल का मतलब लिटरेचर एंड कल्चर (साहित्य तथा संस्कृति), टी से टेररिज़्म फ्री सोसायटी (आतंकवाद मुक्त समाज), एच से ह्यूमेनिटेरियन अप्रोच (मानवतावादी रवैया).&quot;</p><p>उन्होंने श्रीलंका में हाल के चरमपंथी हमलों को याद करते हुए कहा कि एससीओ देशों को मिलकर आतंक के खिलाफ लड़ना होगा और चरमपंथ के ख़िलाफ़ अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन होना चाहिए. </p><p>&quot;इस ख़तरे से निपटने के लिए सभी मानवतावादी ताकतों को अपने-अपने संकीर्ण दायरे से निकलकर एकजुट होना चाहिए. आतंकवाद को प्रोत्साहन, समर्थन और पैसा देने वाले देशों को ज़िम्मेदार ठहराना ज़रूरी है.&quot; </p><h1>ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों पर साझेदारी</h1><p>नरेंद्र मोदी ने जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर कहा कि ऊर्जा के क्षेत्र में वैकल्पिक स्रोतों को विकसित करने में भारत अपना अनुभव एससीओ देशों के साथ साझा करने के लिए तैयार है. </p><p>&quot;जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए भारत की प्रतिबद्धता हमारे दर्शन में निहित है, जो पृथ्वी को माता के रूप में मानता है. आज, भारत अक्षय ऊर्जा का छठा और सौर ऊर्जा का पांचवां बड़ा उत्पादक है. अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन भारत की संयुक्त पहल है. इसका उद्देश्य सौर ऊर्जा की लागत को कम करने के लिए प्रौद्योगिकी और बजट जुटाना है.&quot; </p><p>उन्होंने बताया कि भारत ने एससीओ की सभी गतिविधियों में सकारात्मक योगदान दिया है. उन्होंने महत्वपूर्ण योजनाओं जैसे चाबहार पोर्ट, इंटरनेशनल नॉर्थ साउथ ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर आदि के ज़रिेए गिनाया कि भारत का फोकस स्पष्ट है. उन्होंने कहा कि भारत ने 2017 में काबुल और कंधार और नई दिल्ली और मुंबई के बीच एयर फ्रेट कॉरिडोर का भी संचालन किया है. </p><p>भारत साल 2017 में एससीओ का पूर्णकालिक सदस्य बना. पहले (2005 से) उसे ऑब्जर्वर देश का दर्जा प्राप्त था. 2017 में एससीओ की 17वीं शिखर बैठक में इस संगठन के विस्तार की प्रक्रिया के एक महत्वपूर्ण चरण के तहत भारत और पाकिस्तान को सदस्य देश का दर्जा दिया गया. </p><p>वर्तमान में एससीओ के आठ सदस्य चीन, कज़ाखस्तान, किर्गिस्तान, रूस, तज़ाकिस्तान, उज़्बेकिस्तान, भारत और पाकिस्तान हैं. इसके अलावा चार ऑब्जर्वर देश अफ़ग़ानिस्तान, बेलारूस, ईरान और मंगोलिया हैं.</p><p>शिखर सम्मेलन में इनके अलावा बहुराष्ट्रीय संस्थानों जैसे आसियान, संयुक्त राष्ट्र और सीआईएस के कुछ मेहमान प्रतिनिधियों को भी बुलाया जाता है.</p><p><strong>ये भी पढ़ें</strong><strong>:</strong></p><p><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-44428442?xtor=AL-%5B73%5D-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">एससीओ में भारत के आने से क्या हासिल होगा?</a></p><p><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-48576180?xtor=AL-%5B73%5D-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मालदीव जाकर क्या मिला?</a></p><p><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-48600542?xtor=AL-%5B73%5D-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">मोदी की विदेश नीति में क्या है जयशंकर फैक्टर </a></p><p>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां <a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">क्लिक</a> कर सकते हैं. आप हमें <a href="https://www.facebook.com/BBCnewsHindi">फ़ेसबुक</a>, <a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a>, <a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम</a> और <a href="https://www.youtube.com/bbchindi/">यूट्यूब</a> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</p>

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