22.3 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

अमरीकी राष्ट्रपति ट्रंप के झटके से भारत में नौकरियों पर ख़तरा

<figure> <img alt="एल्पाइन" src="https://c.files.bbci.co.uk/361E/production/_107245831_d3e95435-2c5c-4ee3-be29-731c679d74fe.jpg" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> </figure><p>अगर हाल ही में अमरीका के मेनहट्टन या मिलान से कोई चमड़े का महंगा हैंडबैग आपने लिया हो तो बहुत मुमकिन है कि ये फ़रीदाबाद के संजय लीखा की तीन मंज़िला फैक्ट्री में बना हो.</p><p>लेकिन अब ऐसे भारतीय निर्यातकों को अमरीका के नए व्यापारिक फैसलों की वजह […]

<figure> <img alt="एल्पाइन" src="https://c.files.bbci.co.uk/361E/production/_107245831_d3e95435-2c5c-4ee3-be29-731c679d74fe.jpg" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> </figure><p>अगर हाल ही में अमरीका के मेनहट्टन या मिलान से कोई चमड़े का महंगा हैंडबैग आपने लिया हो तो बहुत मुमकिन है कि ये फ़रीदाबाद के संजय लीखा की तीन मंज़िला फैक्ट्री में बना हो.</p><p>लेकिन अब ऐसे भारतीय निर्यातकों को अमरीका के नए व्यापारिक फैसलों की वजह से नुक़सान उठाना पड़ेगा. हाल ही में अमरीका की ट्रंप सरकार ने भारत को अपनी व्यापारिक वरीयता की लिस्ट यानी जीएसपी से बाहर कर दिया है. अब निर्यातकों के उत्पादों पर अमरीका में 10 फीसदी ज़्यादा शुल्क लगेगा.</p><p>1976 में जीएसपी को अमरीका ने लागू किया था जो कि अमरीका और दूसरे 120 देशों के बीच व्यापार में वरीयता देने का एक समझौता है. इसे लाया गया ताकि विकासशील देश अपनी अर्थव्यवस्था को बढ़ा सकें और अमरीकियों को उन देशों से आयातित सामान सस्ता उपलब्ध हो सके.</p><p>पिछले साल भारत इस योजना का सबसे बड़ा लाभार्थी था क्योंकि भारत ने लगभग 630 करोड़ डॉलर का सामान अमरीका में निर्यात किया जिस पर बहुत कम या ना के बराबर शुल्क लगा. </p><h1>कीमतें घटाने का दबाव</h1><p>इस जीएसपी की वजह से जिन्हें काफ़ी फायदा हुआ उनमें से एक संजय लीखा की कंपनी एल्पाइन एपारल्स भी है जो कि हर महीने लगभग 40 हज़ार हैंडबैग बनाती है. लेकिन अब अमरीका के खरीददार उन्हें अपने प्रोडक्ट का दाम कम करने के लिए कह रहे हैं क्योंकि उन्हें अब ज़्यादा शुल्क चुकाना होगा. </p><figure> <img alt="एल्पाइन" src="https://c.files.bbci.co.uk/843E/production/_107245833_7629d91e-006d-4460-a056-25327417e494.jpg" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> </figure><p>संजय कहते हैं कि अगर उन्हें दाम करने पर मजबूर होना पड़ा तो कम से कम हज़ार कर्मचारियों को काम से निकालना पड़ेगा. </p><p>अमरीका में ये उम्मीद की जा रही है कि अल्पाइन और उसके जैसी कंपनियों के नुकसान के बाद भारतीय व्यापारियों में गुस्सा पैदा होगा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार इसको लेकर सोचेगी. </p><p>पिछले हफ्ते राष्ट्रपति ट्रंप ने बताया था कि भारत की वरीयता खत्म करने के पीछे वजह से है कि भारत अमरीकी कंपनियों को अपने बाज़ार में बराबर और उचित मौका नहीं दे रहा. </p><p>इस शिकायत के पीछे वजह है वो विवाद जिसमें मेडिकल उपकरण और डेयरी उत्पादों को भारत में बेचने की इजाज़त नहीं मिलना है.</p><p>अमरीका चाहता है कि मेडिकल उपकरणों के दाम पर भारत की लगाई सख्ती उसकी कंपनियों पर नहीं हो. साथ ही अमरीका चाहता है कि उसकी कंपनियां यहां पनीर बेच पाएं जो दुधारू पशुओं से बनाया गया है. </p><p>उन दुधारू पशुओं को जो चारा खिलाया जाता है उसमें मांस के अंश भी होते हैं और भारत सरकार को लगता है कि यहां नागरिकों की धार्मिक भावनाएं इससे आहत हो सकती हैं. </p><figure> <img alt="मेन्यूफेक्चरिंग बिज़नेस" src="https://c.files.bbci.co.uk/D25E/production/_107245835_993894ce-3cbd-42d0-8d3f-7a01c0275b30.jpg" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> </figure><p>अमरीका का एक कैंपेन ग्रुप है जिसका कहना है कि जीएसपी की आड़ में ट्रंप सरकार जो प्रतिक्रियात्मक कदम उठा रही है उससे अमरीका के व्यापार को ही नुक़सान होगा क्योंकि 30 करोड़ डॉलर के अतिरिक्त शुल्क हर साल देने होंगे. </p><p>इस बात से अमरीका की कई बड़ी कंपनियां भी इत्तेफ़ाक रखती हैं. </p><p>रिटेल कंपनी वालमार्ट का कहना है कि भारत का जीएसपी का लाभार्थी होने से अमरीकी ग्राहकों को फायदा होता रहा है क्योंकि भारत के उत्पाद यहां बिना शुल्क या बेहद कम शुल्क पर उपलब्ध रहे हैं. </p><p>लेकिन संजय लीखा का कहना है कि भारतीय सप्लायर्स पर इसका ज़्यादा प्रभाव पड़ेगा. </p><p>&quot;जीएसपी से भारत और तुर्की को बाहर किया गया है जिससे बाकी विकासशील देशों की अर्थव्यवस्था को इनके मुक़ाबले फायदा होगा.&quot;</p><p>भारत के निर्यातकों को अपना लाभ अब कम करना पड़ेगा.</p><figure> <img alt="मोदी-ट्रंप" src="https://c.files.bbci.co.uk/1207E/production/_107245837_d8070585-4b04-4d3f-91df-f54305486e48.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>&quot;इसकी वजह से हमें कुछ ऑफर्स को मना करना पड़ेगा और कुछ बिज़नेस ऑफर खुद दूसरे देशों में चले जाएंगे जो अब भी अमरीका की जीएसपी लिस्ट में हैं जैसे कंबोडिया और इंडोनेशिया.&quot;</p><p>उनकी चिंता निराधार नहीं है. </p><p>अमरीका की कंपनी अमरीकन एपारल एंड फुटवियर एसोसिएशन, जिसके ब्रांड न्यू बैलेंस और एडीडास हैं, ने अमरीकी सरकार को चेताया है कि भारत के जीएसपी लाभ खत्म करने का नतीजा ये होगा कि उन्हें चीन से सामान लेना होगा. </p><h1>मोदी सरकार के लिए चुनौती</h1><p>साथ ही चीन से आयात करने का मतलब होगा कि अमरीकी ग्राहकों को अपने ट्रेवल उत्पादों के लिए ज़्यादा पैसा देना होगा. </p><p>इस कदम से नई मोदी सरकार के लिए पहली विदेश नीति की चुनौती सामने आ गई है.</p><p>अब तक भारत सरकार की प्रतिक्रिया नहीं आ रही है जिससे लग रहा है कि अमरीका के इस कदम का प्रभाव आर्थिक से ज्यादा कूटनीतिक है. </p><p>अजय सहाय फेडेरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइज़ेशन के निदेशक हैं. उनका कहना है कि भारत का अमरीका में निर्यात 5,120 करोड़ डॉलर के करीब है. </p><figure> <img alt="मोदी-ट्रंप" src="https://c.files.bbci.co.uk/16E9E/production/_107245839_6998d419-c271-4215-a962-89190215791a.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>उनका अंदाज़ा है कि भारत को जीएसपी का सदस्य होने का फ़ायदा लगभग 26 करोड़ डॉलर होता था. </p><p>&quot;हालांकि मुझे लगता है कि जीएसपी के अंतर्गत व्यापार का फ़ायदा दोनों देशों को होता था लेकिन देखा जाए तो इस फैसले का प्रभाव ज़्यादा नहीं होगा.&quot;</p><p>फिर भी राष्ट्रपति ट्रंप के इस कदम से दोनों देशों के संबंधों में एक राजनीतिक मोड़ तो आया है. </p><p>रोज़ गार्डन में गले मिलने से लेकर ट्विटर पर एक-दूसरे के लिए शुभकामना संदेशों तक मोदी को ट्रंप का गुस्सा कम ही झेलना पड़ा है. </p><p>लेकिन दोनों मज़बूत नेता जिन्होंने अपने देशों के बीच आर्थिक और रक्षा सहयोग को अच्छे से बनाए रखा है, अब अपने-अपने देशों के अंदरूनी हितों को लेकर अलग हो रहे हैं.</p><p><strong>ये भी पढ़ें</strong><strong>:</strong></p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-48470314?xtor=AL-%5B73%5D-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">मैक्सिको के आप्रवासियों को रोकने के लिए ट्रंप ने लगाया टैरिफ़</a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-48171420?xtor=AL-%5B73%5D-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">ट्रंप की धमकी, चीनी वस्तुओं पर बढ़ेगा आयात कर</a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-48110661?xtor=AL-%5B73%5D-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">मोदी-ट्रंप के रिश्ते ईरान से तेल कारोबार को बचा पाएंगे?</a></li> </ul><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम</a><strong> और </strong><a href="https://www.youtube.com/bbchindi/">यूट्यूब</a><strong> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें