कई बार बच्चे स्कूल से किसी और का सामान उठा कर घर ले आते हैं. कई पेरेंट्स इसे चोरी मान कर बच्चे के साथ सख्ती से पेश आते हैं, जबकि ऐसी स्थिति में पेरेंट्स को बच्चों के साथ दोस्त की तरह बरताव करना चाहिए.
अपने बच्चों के साथ अगर आप दोस्त की तरह बरताव करेंगे, तो वे कभी ऐसा काम करने की हिम्मत नहीं करेंगे. कई बार ऐसा भी होता है कि बच्चे दूसरे बच्चे का सामान इसलिए घर लेकर आ जाते हैं, चूंकि उन्हें वह सामान बेहद अच्छा लगता है. उन्हें लगता है कि उनके पास भी वह सामान होना चाहिए. आमतौर पर बच्चे काटरून बने पेंसिल, इरेजर, वॉटर बॉटल जैसी चीजें लेकर घर आ जाते हैं. इसलिए यह बेहद जरूरी है कि पेरेंट्स इन बातों का खास ख्याल रखें कि बच्चे के घर आने के बाद उनका बैग जरूर चेक करें और अगर उन्हें कोई भी ऐसी चीज मिलती है, तो उन्हें प्यार से समझाएं.
बच्चों को यह समझाना जरूरी है कि चोरी बुरी आदत है. बच्चे के मन को समझना एक अभिभावक के लिए बेहद जरूरी होता है. यह देखने और समझने की कोशिश करें कि आखिर क्यों आपके बच्चे ने ऐसा करने की कोशिश की. कहीं ऐसा तो नहीं कि उसे वह चीज बेहद पसंद है और आपसे बार-बार कहने के बावजूद आपने वह चीज उसे नहीं दी है. कई बार बच्चे जिद पर भी आ जाते हैं. ऐसे में उन्हें समझाना और भी कठिन हो जाता है. ऐसे में अभिभावक को धैर्य रखना चाहिए और उन्हें प्यार से समझाना चाहिए.
बच्चों को काटरून और अलग तरह के बने बनाये इरेजर, पेंसिल, बॉटल पसंद आते हैं. कई बार बच्चे सिर्फ इस ईष्र्या से ऐसा करते हैं कि उस बच्चे के पास ऐसा है, मेरे पास क्यों नहीं. यही सोच कर दूसरे बच्चों की चीजें चुरा लेते हैं. सो, ऐसे में आपको अपने बच्चे को प्यार से समझाना चाहिए और उनमें भाईचारे की भावना विकसित करनी चाहिए.
कई बार बच्चे घर से पैसे चोरी करके ले जाते हैं. चूंकि वे अन्य बच्चों की तरह लंच में बाहर की चीजें खाना पसंद करते हैं. इस बात का खास ख्याल रखें कि वापस आने के बाद आपके बच्चे का लंच बॉक्स खाली है या नहीं. जब तक बच्चे समझदार न हो जायें, उन्हें पैसे न दें. एक समय के बाद ही उन्हें पॉकेट मनी देना शुरू करें.