गुरुवार को पेश आम बजट पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आई हैं.
सोनिया गाँधी, कांग्रेस अध्यक्ष:
सामाजिक क्षेत्र के लिए बजट में कुछ भी नहीं हैं, उन्होंने हमारी अधिकतर योजनाओं की नकल की है.
राजनाथ सिंह, गृह मंत्री:
यह यथार्थवादी बजट है. नरेंद्र मोदी सरकार भारत का निर्माण कैसे करेगी ये बजट उसी का रोडमैप है.
नितिन गडकरी, केंद्रीय मंत्री:
इस बजट को दस में से दस नंबर, इसका असर दिखने में टाइम लगेगा.
अरविंद केजरीवाल, नेता आम आदमी पार्टी:
बजट में महंगाई कम करने के लिए कुछ भी नहीं है. बहुत ही निराशाजनक. यूपीए का बजट भी ऐसा ही होता. बस चिंदबरम की जगह जेटली जी ने ले ली है. बाक़ी सब वही है.
अभिषेक मनु सिंघवी, कांग्रेस:
खोदा पहाड़ निकला चूहा. उन्होंने हमारी योजनाओं को ही आगे बढ़ाया है. नए विचार कहाँ हैं, वो अच्छे दिन कहाँ हैं?
मुख़्तार अब्बास नक़वी, प्रवक्ता भाजपा:
यह देश के लिए उत्तम और व्यावहारिक बजट है और देश को विकास के रास्ते पर ले जाएगा.
उमा भारती, केंद्रीय मंत्री:
गंगा के लिए यह बजट असीमित है, कोई कमी नहीं है. हमारी आकांक्षा से ज़्यादा है.
निधि गोयल, निदेशक डेलॉइट इंडिया:
रक्षा क्षेत्र में विदेशी निवेश को बढ़ाकर 49 फ़ीसदी करना एक सकारात्मक क़दम है. इससे संयुक्त उपक्रमों का नियंत्रण भारतीयों के ही हाथ में रहेगा. भारत में स्वदेशी रक्षा विनिर्माण आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए यह संतुलित तरीक़ा है.
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