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बैंकिंग क्षेत्र में नौकरी पाने का सुनहरा मौका, कोर्स पूरा होते ही बनेंगे अधिकारी

यदि आप स्नातक हैं, तो बैंक में अधिकारी बनने की ओर कदम बढ़ाने का यह सुनहरा मौका है. पीजी डिप्लोमा इन बैंकिंग एंड फाइनेंस कोर्स एक माध्यम है बैंकिंग क्षेत्र में अधिकारी बनने का. इन दिनों देश के दो बड़े बैंकों ने इस कोर्स में दाखिले के लिए आवेदन आमंत्रित किये हैं. इसके कोर्स को […]

यदि आप स्नातक हैं, तो बैंक में अधिकारी बनने की ओर कदम बढ़ाने का यह सुनहरा मौका है. पीजी डिप्लोमा इन बैंकिंग एंड फाइनेंस कोर्स एक माध्यम है बैंकिंग क्षेत्र में अधिकारी बनने का. इन दिनों देश के दो बड़े बैंकों ने इस कोर्स में दाखिले के लिए आवेदन आमंत्रित किये हैं. इसके कोर्स को पूरा करनेवालों से अधिकारी स्तर की कुल 800 रिक्तियां भरी जाएंगी. आइए जानें विस्तार से.

बैंकिंग क्षेत्र में कैरियर बनाने के कई रास्ते हैं. इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनल सेलेक्शन (आइबीपीएस) के कॉमन रिटेन एग्जामिनेशन (सीडब्ल्यूइ) के जरिये प्रॉबेशनरी ऑफिसर (पीओ), क्लर्क और आरआरबी ऑफिसर, असिस्टेंट की नियुक्ति होती है. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की पीओ और क्लर्क परीक्षाएं अलग होती हैं. प्राइवेट बैंक भी अपने स्तर पर अलग-अलग परीक्षाएं आयोजित करते हैं. इनके अलावा एक कोर्स है, जो बैंक में अधिकारी की नौकरी दिलाता है. यह कोर्स है एक वर्ष का पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन बैंकिंग एंड फाइनेंस.

अब कई बैंक इस कोर्स को विभिन्न संस्थाओं के साथ मिल कर खुद संचालित करने लगे हैं और इनके माध्यम से भरी जानेवाली रिक्तियों की घोषणा प्रवेश के समय ही कर देते हैं. इन दिनों बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) और आइडीबीआइ बैंक ने प्रोबेशनरी ऑफिसर इन जूनियर मैनेजमेंट ग्रेड / स्केल 1 और असिस्टेंट मैनेजर ग्रेड ए पदों की रिक्तियों का अलग-अलग ऐलान किया है. अभ्यर्थियों को आवेदन एक वर्षीय पीजी डिप्लोमा इन बैंकिंग एंड फाइनेंस के लिए करना होगा.

पद एवं रिक्तियों की संख्या

बैंक ऑफ बड़ौदा में प्रोबेशनरी ऑफिसर इन जूनियर मैनेजमेंट ग्रेड / स्केल-1 के 300 पदों को भरने की घोषणा की है.

आइडीबीआइ में असिस्टेंट मैनेजर ग्रेड ए के लिए 500 पदों को भरने का ऐलान किया है.

योग्यताओं पर करें गौर
बीओबी के लिए : बीओबी के लिए आवेदन करनेवाले आवेदकों का किसी भी संकाय से स्नातक होना अनिवार्य है. इसमें कम से कम 60 फीसदी अंक अनिवार्य हैं. आवेदकों की उम्र 20 से 28 वर्ष के बीच होनी चाहिए.

आइडीबीआइ के लिए : आइडीबीआइ के लिए आवेदन करनेवालों के पास स्नातक डिग्री होनी चाहिए. इसमें न्यूनतम अंकों की सीमा नहीं रखी गयी है. इसके लिए आवेदकों की उम्र 20 से 26 वर्ष के बीच होनी चाहिए.

चयन का जानें तरीका
विद्या गुरु के डायरेक्टर अभिषेक कालरा के अनुसार दोनों बैंकों में चयन ऑनलाइन टेस्ट के माध्यम से होता है. बीओबी में ऑनलाइन टेस्ट के बाद चयनित परीक्षार्थियों को ग्रुप डिस्कशन और पर्सनल इंटरव्यू देना होगा. वहीं आइडीबाआइ बैंक में ऑनलाइन टेस्ट पास करनेवालों को पर्सनल इंटरव्यू का सामना करना पड़ेगा.

इन्हें पास करनेवालों को एक वर्षीय पाठ्यक्रम में दाखिला मिलेगा. इसे सफलतापूर्वक पास करने पर जारी किये गये पदों पर भरती दी जाती है.

परीक्षा पद्धति
डायरेक्टर अभिषेक कालरा का कहना है कि दोनों की परीक्षाएं ऑनलाइन होंगी. यह एक वस्तुनिष्ठ प्रकार की परीक्षा है. दो घंटे के ऑनलाइन टेस्ट में कुल 200 अंकों के 200 प्रश्न होंगे. टेस्ट में चार सेक्शन आते हैं. रीजनिंग, इंगलिश, क्वांटिटेटिव एप्टीट्यूड (मैथ्स), जनरल अवेयरनेस (इसमें बैंकिंग पर ज्यादा फोकस होगा). हर सेक्शन से 50 अंक के 50 प्रश्न पूछे जायेंगे. बैंक ऑफ बड़ौदा में ऑनलाइन टेस्ट में एक चौथाई अंकों की निगेटिव मार्किग भी होगी.

क्यों है खास
अगर आप यह कोर्स पहले कर चुके हैं, तो समय-समय पर प्राइवेट बैंकों में निकलनेवाली रिक्तियों के लिए आवेदन कर सकते हैं. लेकिन पब्लिक सेक्टर बैंकों में इस कोर्स को अलग से करने पर सीधी भरती का प्रावधान नहीं है. दोनों बैंकों के लिए होनेवाली इस परीक्षा की तैयारी बैंकिंग की अन्य परीक्षाओं की तरह ही करनी है. बीओबी एक वर्षीय पीजीडीबीएफ के लिए 3.45 लाख रुपये लेता है, जबकि आइडीबीआइ 3.50 लाख रुपये लेता है. इनमें रहने-खाने, कोर्स के साथ अन्य फीस भी शामिल हैं. डायरेक्टर अभिषेक कालका कहते हैं कि इन रिक्तियों के लिए छात्र के मन में दुविधा होती है कि कहीं ये फर्जी विज्ञापन तो नहीं है. इसे मन से निकाल दें. इस परीक्षा को पास करने पर बैंकों द्वारा सर्विस बॉन्ड भी भरवाया जाता है.

तैयारी का तरीका
इस परीक्षा के लिए कैलकुलेशन पर फोकस करें. टेस्ट के दौरान अच्छी स्पीड बनानी जरूरी होती है. परीक्षार्थियों को 120 मिनट में 200 प्रश्न करने होते हैं. इसलिए स्पीड और एक्यूरेसी दोनों बहुत जरूरी है. अगर स्पीड नहीं होगी तो पेपर छूट जायेगा और एक्यूरेसी नहीं होगी, तो निगेटिव मार्किग से परिणाम खराब हो जायेगा. यह एक ऑनलाइन परीक्षा है. इसके लिए खास अभ्यास जरूरी होता है. क्योंकि इसमें एक खास तरह का ऑरिएंटेशन जरूरी होता है. ऑनलाइन होने के कारण प्रश्न को पढ़ने में समय लगता है. इसलिए अभ्यास से रीडिंग स्पीड अच्छी की जा सकती है.

रीजनिंग : इसमें मानसिक क्षमता का आकलन किया जाता है. इसके प्रश्न ज्यादा लंबे होते हैं. इसलिए रीडिंग स्पीड अच्छी होनी चाहिए. इसमें लॉजिक, तर्क लगाना आना चाहिए. इसी सेक्शन में सबसे ज्यादा समय लगता है.

क्वांटिटेटिव एप्टीट्यूड (मैथ्स) : इसके लिए शॉर्टकट और ट्रिक्स आनी चाहिए, क्योंकि इस सेक्शन के प्रश्नों को टाइम लिमिट में हल करना होता है.

इंगलिश : कॉम्प्रिहेंशन को पढ़ कर हल करना होगा. इसमें रटने की जरूरत नहीं होती है. पूरे सेक्शन में रीडिंग स्किल को परखा जाता है. सेंटेंस एरर के माध्यम से इंगलिश ग्रामर जांची जाती है. इंगलिश यूजेज के माध्यम से शब्दों के उपयोग की समझ देखी जाती है. इसमें सेंटेंस रीअरेंजमेंट के प्रश्न भी होते हैं.

जनरल अवेयरनेस : इसके लिए दीन-दुनिया की खबर रखनी चाहिए. फाइनेंस, इकोनॉमिक्स, बैंकिंग से संबंधित चीजों के बारे में जानकारी रखें.

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