मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक़ इस साल जून महीने में अभी तक मॉनसून सामान्य से काफ़ी कम रहा है.
पानी की इस किल्लत को भारत की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले शहर मुंबई में साफ़ तौर से देखा जा सकता है. जून का लगभग पूरा महीना बीत जाने पर भी मुंबई बारिश के लिए तरस रही है.
मुंबई नगर निगम के जल आपूर्ति विभाग के वरिष्ठ अधिकारी रमेश बामब्ले ने बताया, "शहर के लोगों को पानी की समस्या के प्रति जागरूक करने के लिए नगर निगम जल्द ही अख़बार और होर्डिंग के ज़रिए इश्तेहार ज़ारी करेगा. अगर बारिश नहीं होती है तो जल आपूर्ति में कटौती अनिवार्य हो जाएगी."
उन्होंने कहा कि अच्छा होगा कि लोग पहले ही बचत शुरू कर दें.
जल आपूर्ति विभाग के अधिकारियों के मुताबिक़ अगर अगले सप्ताह अच्छी बारिश न हुई तो पानी सप्लाई में 10 से 20 प्रतिशत तक की कटौती करनी पड़ेगी.
खाली हुए जलाशय

यह कटौती जुलाई के पहले सप्ताह से लागू करने की योजना है. नगर निगम अधिकारियों के अनुसार शहर को पानी की आपूर्ति करने वाले जलाशयों में पानी तेज़ रफ़्तार से घट रहा है, जिसके चलते यह संकट पैदा हुआ है.
मुंबई शहर को कुल सात जलाशयों से पानी की आपूर्ति की जाती है. ये जलाशय मोडक सागर, तानसा, विहार, तुलसी, भातसा, अप्पर वैतरना और मध्य वैतरना हैं. इनमें से तीन में पानी निम्नतम स्तर तक पहुंच गया है.
इसके चलते इनसे अब पानी की आपूर्ति नहीं की जा सकती. नगर निगम की विज्ञप्ति में बताया गया है कि अब केवल पांच जलाशयों से ही पानी की आपूर्ति की जा सकती है.
जानकारी के अनुसार 27 जून 2014 को इन जलाशयों में कुल 13,254.5 करोड़ लीटर पानी उपलब्ध था, जो पिछले साल के मुक़ाबले आधे से भी कम है.
पिछले साल इसी दौरान मुंबई के जलाशयों में कुल 33390.6 करोड़ लीटर पानी था.
मुंबई शहर की रोज़ाना पानी की ज़रूरत 420 करोड़ लीटर है, जबकि नगर निगम 345 करोड़ लीटर पानी की आपूर्ति करता है.
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