।।प्रवीण सिन्हा।।
नॉकआउट दौर के साथ ही वास्तव में फीफा विश्व कप के रोमांचक मुकाबलों का दौर शुरू हो जायेगा. खिताब के प्रबल दावेदार जर्मनी, ब्राजील, अर्जेटीना और नीदरलैंड जैसी टीमें लय हासिल कर चुकी हैं. हालांकि, इन्हें अब तक इतना कड़ा मुकाबला नहीं मिला है, लिहाजा इनका शत-प्रतिशत प्रदर्शन देखने को नहीं मिला है. हां, लियोनेल मैसी, आर्यन रोबेन, थॉमस मूलर और नेमार ने अपने जादुई प्रदर्शन से जता दिया है कि वे स्टार खिलाड़ी क्यों हैं. इसी तरह पुर्तगाली टीम व रियल मैड्रिड के स्टार स्ट्राइकर रोनाल्डो ने अमेरिका के खिलाफ ग्रुप मैच समाप्ति से करीब 30 सेकेंड पहले राइट फ्लैंक से शानदार क्रॉस से न केवल टीम को मुकाबले में बनाये रखा, बल्कि यह भी साबित कर दिया कि प्रतिभाशाली खिलाड़ी को इतनी आसानी से चूका हुआ नहीं मान लेना चाहिए. हालांकि, रोनाल्डो को साथी खिलाड़ियों का अपेक्षित सहयोग नहीं मिला, जिससे पुर्तगाल के लिए पहले दौर का मुकाबला कतई आसाननहीं रहा.
इंग्लिश प्रीमियर लीग या स्पेनिश लीग में लगातार शानदार प्रदर्शन करनेवाले इन खिलाड़ियों में अपने दम पर मैच का पासा पलटने का माद्दा है, जो मैसी, नेमार और रोनाल्डो ने कुछ हद तक कर दिखाया. अब जब नॉकआउट दौर में बराबरी की टक्कर मिलेगी, तो ये अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगे, इसमें कोई शक नहीं.
बहरहाल, ग्रुप एफ से अर्जेटीना और नाइजीरिया की टीमें विश्व कप के नॉकआउट दौर में प्रवेश पाने की वास्तविक हकदार थीं और उन्होंने अंतिम 16 में जगह बना भी ली. अब प्री-क्वार्टर फाइनल में अर्जेटीना का मुकाबला स्विट्जरलैंड से होगा, जबकि ग्रुप एफ में दूसरे स्थान पर रही नाइजीरिया को ग्रुप इ में शीर्ष पर रहे फ्रांस से कड़ी चुनौती मिलेगी. इन दोनों प्री-क्वार्टर फाइनल मुकाबले में अर्जेटीना और फ्रांस का पलड़ा भारी नजर आ रहा है. कमोबेश यही स्थिति अन्य प्री-क्वार्टर फाइनल में ब्राजील और नीदरलैंड की होगी, क्योंकि ब्राजील की भिड़ंत चिली और नीदरलैंड की मैक्सिको से होगी, जो इन दमदार टीमों के सामने अपेक्षाकृत कमजोर आंकी जा रही हैं. हां, कोलंबिया व उरुग्वे और कोस्टारिका व ग्रीस के बीच जोरदार मुकाबला हो सकता है. उरुग्वे की बात आते ही लीवरपुल के उसके स्टार स्ट्राइकर लुईस सुआरेज का घिनौना चेहरा सामने आता है.
विश्व फुटबॉल में जो खिलाड़ी इतनी शोहरत और महारत हासिल कर चुका हो, वह प्रतिद्वंद्वी खिलाड़ी को काट खाने की गलत आदत से बाज नहीं आ रहा. सुआरेज ने दो बेहतरीन गोल ठोकते हुए इंग्लैंड को विश्व कप से बाहर का रास्ता दिखाने में अहम भूमिका निभायी थी, लेकिन इटली के खिलाफ सफलता न मिल पाने की उनकी हताशा साफ झलक रही थी. इसी हताशा में उसने जार्जियो चिलीनी के कंधे पर दांत गड़ाने की घिनौनी हरकत की.
दरअसल, सुआरेज ने ऐसी ओछी हरकत पहली बार नहीं की है. वह कई बार इस तरह की उद्दंडता कर चुका है, जिसकी वजह से पिछले साल उसे इंग्लिश प्रिमियर लीग के 10 मैचों में खेलने से प्रतिबंधित किया जा चुका है. पेले, डिएगो मैराडोना या फ्रेंज बैकरबाउर जैसे महान खिलाड़ी अपने जादुई खेलों के लिए याद किये जाते हैं, न कि सुआरेज जैसी ओछी हरकतों के कारण. विश्व कप जैसे महा मुकाबले में इस तरह की गलतियां कतई बरदाश्त नहीं की जा सकती हैं. जिस खेल महाकुंभ को खेलप्रेमी ओलिंपिक से भी कहीं ज्यादा पसंद करते हों, उसकी गरिमा बरकरार रहनी चाहिए. फीफा इस मामले में सख्त रवैया अख्तियार करता है, तो यह एक स्वागतयोग्य कदम होगा.
विश्व कप फुटबॉल का नॉकआउट दौर खत्म होने के बाद खिताब के लिए रोमांचक जंग शुरू होगी. कई फेवरिट टीमों के फीफा वर्ल्ड कप 2014 से बाहर हो जाने के बावजूद कई टीमें और उसके स्टार खिलाड़ी अपना जलवा दिखाने के लिए बेताब हैं.