झुमरीतिलैया : झुमरीतिलैया स्थित जगन्नाथ जैन महाविद्यालय में मंगलवार को दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला शुरू हुई. कार्यशाला को संबोधित करते हुए विनोबा भावे विवि के पूर्व वीसी प्रो एमएल दास ने कहा कि इस राष्ट्रीय विचार गोष्ठी में अपने अनुभवों को बांटना चाहिए.
श्री दास ने कहा कि सफलता व विफलता विद्यार्थी के जीवन में आता रहता है. विफलता से हतोत्साहित नहीं होना चाहिए.
श्री दास ने शिक्षक की गरिमा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि शिक्षक वो होते हैं, जो विपरीत परिस्थितियों में भी विद्यार्थियों को ज्ञान देने का काम करते हैं. उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने की आवश्यकता क्यों पड़ी, इसे शिक्षकों को जानने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि झारखंड में कई ऐसे महाविद्यालय हैं, जहां न तो बुनियादी शिक्षक हैं और न ही भवन. उन्होंने कहा कि बुरे शिक्षक वो होते हैं, जो बिना तैयारी के कक्षा में आ जाते हैं. अच्छे शिक्षक भगवान के रूप होते हैं.
विशिष्ट अतिथि विधायक अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि आज की शिक्षा पद्धति से शिक्षकों की विश्वसनीयता पर ही सवाल उठने लगे हैं. इस वर्कशॉप की आवश्यकता आज क्यों पड़ी, इसे समझने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा है कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले, तभी विद्यार्थी इसका लाभ लेकर अपने जिले व राज्य का मान बढ़ा सकते हैं. वहीं डॉ एसके अग्रवाल ने कहा कि शिक्षक छात्रों को विषय के साथ नहीं जोड़ पाते हैं. उन्होंने शिक्षकों को होमवर्क कर शिक्षण संस्थान में आने की सलाह दी.
वहीं पीके राय महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ डीके वर्मा ने कहा कि शिक्षा मनुष्य को बार-बार सोचने पर मजबूर करता है. उन्होंने कहा कि शिक्षक ऐसा होना चाहिए, जो विद्यार्थियों के अंदर अच्छे संस्कार दे. वहीं जेजे कॉलेज के प्राचार्य डॉ अली इमाम खान ने कहा कि शिक्षक का काम है विद्यार्थियों के अंदर सोयी हुई बुद्धिमता को जगाना. गोशाला समिति के अध्यक्ष सुरेश जैन ने कहा कि अच्छे हुनर को तलाशने का कार्य शिक्षक का होता है.
वर्कशॉप को प्रो युगल किशोर ने भी संबोधित किया. मौके पर प्रो जेपी साह, प्रो वीरेंद्र कुमार सिंह, डॉ एसके शर्मा मगध विश्वविद्यालय गया, डॉ जेके प्रसाद, डॉ एसके अग्रवाल आदि मौजूद थे. वर्कशॉप का आयोजन नेशनल एसेसमेंट एंड एक्रीडिमेंटेशन काउंसिल बंगलौर द्वारा किया गया है.
कार्यशाला में विभिन्न महाविद्यालयों के लगभग 50 से 60 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं. इसका मुख्य उद्देश्य शिक्षा के प्रति जागरूकता लाना है. संचालन प्रो अशोक अभिषेक व संगीता बरला ने किया. धन्यवाद ज्ञापन सतीश कुमार ने किया.