विश्व कप फुटबॉल टूर्नामेंट में मंगलवार को बेल्जियम का सामना अल्जीरिया से, मेज़बान ब्राज़ील का सामना मैक्सिको से और रूस का मुक़ाबला दक्षिण कोरिया से होगा.
दिन के पहले मैच में ग्रुप-एच में बेल्जियम और अल्जीरिया आमने-सामने होंगे.
इस मैच के बारे में फुटबॉल समीक्षक नोवी कपाड़िया का कहना है कि बेल्जियम शानदार खेल दिखाने का दम रखती है. बेल्जियम के पास ऐडन हेज़ार्ड, लोम्बर्टस, रोमेलू लुकाकू जैसे बेहद प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं.
इसके अलावा बेल्जियम 1986 के विश्व कप में सेमीफ़ाइनल तक भी पहुंची थी. वो उसका अभी तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन रहा है.
तब अर्जेंटीना के ख़िलाफ़ माराडोना के जादुई खेल के कारण बेल्जियम की टीम सेमीफ़ाइनल में हार गई थी लेकिन नोवी के मुताबिक़ बेल्जियम की मौजूदा टीम टूर्नामेंट में आगे जा सकती है.
ब्राज़ील के लिए कठिन मैच
दूसरे मैच में ग्रुप-ए में मेज़बान ब्राज़ील का सामना मैक्सिको से होगा. दोनों ही टीमों का ये दूसरा मैच होगा.
नोवी कपाड़िया कहते हैं कि अधिकांश टीमें एक-एक मैच खेल चुकी हैं और इसके साथ ही इस विश्व कप की तस्वीर भी थोड़ी-थोड़ी साफ़ होने लगी है. वे कहते हैं कि अब यह भी पता चल चुका है कि कौन सी टीम कितनी तैयारी के साथ आई है और कौन सी टीम आगे बढ़ सकती है.
ब्राज़ील और मैक्सिको, दोनों ने ही अपना पहला मैच जीता था. ब्राज़ील ने क्रोएशिया को 3-1 से और मैक्सिको ने कैमरून को 1-0 से हराया था.
नोवी कपाड़िया के अनुसार ये मुक़ाबला अहम होगा. वे कहते हैं, "ब्राज़ील के नेमार ने तो बहुत अच्छी शुरुआत की है लेकिन टीम को थोड़ी चिंता उनके खिलाड़ी हल्क को लेकर है क्योंकि इस तेज़-तर्रार फॉरवर्ड को चोट लगी हुई है और वह पूरी तरह फिट नहीं हैं. दूसरी तरफ मैक्सिको ने दिखाया है कि वह एक बेहद आक्रामक टीम है. इस टीम में जियोवानी डोस सैंटोस और पैलाल्टा ब्राज़ील को परेशान करने का दम रखते हैं."
लंदन ओलंपिक 2012 को याद करते हुए नोवी कहते हैं कि तब भी पेलाल्टा ने ब्राज़ील के सामने सबसे अधिक परेशानी पेश की थी. यहां तक की फ़ाइनल में ब्राज़ील के ख़िलाफ़ खेलते हुए उन्होंने 2 गोल किए जिसकी बदौलत मैक्सिको ने फ़ाइनल 2-1 से जीता था. इसके अलावा मैक्सिको के पास डिफेंस में हेक्टर मोरिनो भी है.
नोवी मानते हैं कि यह ब्राज़ील के लिये काफ़ी कठिन मैच होगा. दूसरी तरफ मैक्सिको की सोच रहेगी कि अगर वह ब्राज़ील के ख़िलाफ़ ड्रॉ भी खेल लेता है तो वह अगले दौर में यानी राउंड ऑफ 16 में पहुंच सकता है.
कम नहीं एशियाई टीमें
मंगलवार के तीसरे मैच में ग्रुप-एच में रूस का सामना दक्षिण कोरिया से होगा.
इस मैच के बारे में नोवी कपाड़िया मानते हैं कि पिछले विश्व कप मुक़ाबलों को देखें तो अब तक एशियाई टीमों में दक्षिण कोरिया ने सबसे अधिक शानदार खेल दिखाया है. साल 2002 में दक्षिण कोरिया सेमीफ़ाइनल में और 2010 में राउंड ऑफ 16 में पहुंची थी. वे कहते हैं कि इन दोनों के बीच इस ग्रुप में दूसरे स्थान के लिए संघर्ष होगा.
दक्षिण कोरिया एक बेहद अनुभवी टीम है. उसके कई खिलाड़ी विदेशी लीगों में खेलते है और उन्हें यूरोपीय फ़ुटबॉल का अनुभव भी है.
नोवी कहते हैं, "अब वे दिन ख़त्म हो चुके जब एशिया की टीमों को मैदान पर उतरकर हीन भावना पैदा होती थी. अब इनके मन से डर हट चुका है. दक्षिण कोरिया में आत्मविश्वास आया है कि वह एशिया में तो टॉप कर सकते हैं साथ ही दूसरी टीमों के साथ बराबरी भी कर सकते हैं."
दूसरी तरफ रूस के कोच फैबियो कैपेलो अनुशासन में बड़ा भरोसा रखते है. उन्होंने एक नई टीम बनाई है जिसमें जोश और भाईचारा काफ़ी है.
नोवी कहते हैं कि रूस के पास भी बहुत बढ़िया खिलाड़ी हैं. उनके गोलकीपर अकीनफ़ेयव दुनिया के सबसे बेहतरीन गोलकीपरों में गिने जाते हैं. रूस के खिलाड़ी ज़्यादातर अपने देश के क्लबों के लिए खेलते हैं जो भले ही इंग्लिश प्रीमियर लीग या स्पेनिश लीग की तरह मशहूर न हो लेकिन रूसी लीग भी बहुत अच्छी है.
इसलिए रूस का थोड़ा बहुत पलड़ा भारी है लेकिन दक्षिण कोरिया की टीम भी उसे अच्छी टक्कर देगी.
यह मैच क्यूएबा में खेला जाएगा जहां गर्मी नहीं है इसका लाभ रूस को मिल सकता है. इस मैच में आक्रामक खेल की उम्मीद है.
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