‘मां के हाथों का स्वाद निराला होता है.’ यह डायलॉग कुछ समय बाद पुराना होनेवाला है. अब तक बाजार में रेडीमेड सब्जियां तो उपलब्ध थीं, लेकिन जल्द ही रोटी बनाने की मशीन भी आनेवाली है. अगर इसे ‘रोबोटिक रोटी’ कहें, तो गलत नहीं होगा, क्योंकि इसे एक मशीन बना रही है!
हमारे जाननेवालों में कई लोग ऐसे होंगे, जो बाहर कितना भी घूम-फिर लें, खा-पी लें, लेकिन उनका पेट तभी भरता है या यूं कहें की आत्मा तभी तृप्त होती है, जब घर की रोटी और सब्जी पेट में जाती है. क्या आप भी उनमें से ही हैं? अगर हां, तो एक और सवाल.. क्या आपको आटा गूंथना और रोटी बनाना पसंद है या सिर्फ खाना?
ऐसे में जब महिलाओं की बात आती है, तो पूरे दिन ऑफिस में काम करना, इसके बाद घर में सबका पेट भरने के लिए खाना बनाना, जिसमें रोटी सबसे अहम होती है. ऐसी महिलाओं को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है. लेकिन, अब इस परेशानी का हल निकाल लिया गया है. अब आपको रोटी बनाने के लिए हाथ जलाने की जरूरत नहीं होगी. बाजार में बहुत जल्द एक ऐसी मशीन आनेवाली है, जो आपको मिनटों में रोटियां बना कर देगी. इस मशीन का नाम है- रोटीमैटिक.
क्या है रोटीमैटिक
असल में रोटीमैटिक एक ऐसी मशीन है, जिसमें आपको बस आटा और पानी डालना होगा. इसके बाद उसमें दी गयी टचस्क्रीन इंस्ट्रक्शंस को फीड कर देना है. बस गरमा-गरम रोटी तैयार. इसमें एक रोटी को बनने में ज्यादा से ज्यादा एक मिनट का समय लगता है. इसे दुनिया का पहला फुली ऑटोमेटिक रोटी मैकिंग एप्पाइंस कहा जा रहा है.
किसने बनायी डिजाइन
रोटीमैटिक का डिजाइन तैयार किया है जिमप्लिस्टिक ने. इसकी शुरुआत सिंगापुर से हुई है. इस प्रोडक्ट की तैयारी लंबे समय से चल रही थी. फिलहाल इस माह से यह लंदन और सिंगापुर में इच्छुक लोगों के ऑर्डर्स ले रही है. उम्मीद की जा रही है कि अलगे एक-दो वर्षो में यह घरेलू गैजेट भारत के बाजारों में भी उपलब्ध हो जायेगा. फिलहाल इसे अमेरिका, यूके और सिंगापुर के लोग ज्यादा बुक कर रहे हैं. इस वर्ष अप्रैल और मई माह में इसका पब्लिक लांच किया गया है.
कहां से आया आइडिया
जिमप्लिास्टि की को-फाउंडर प्रणॉति का कहना है कि सदियों से रोटी हमारे खाने का अहम हिस्सा रही है. रोटी से मिलनेवाले पोषकतत्वों की भरपाई किसी भी और चीज से नहीं की जा सकती है. आज की जीवनशैली में काम के बाद घर आकर रोटी बनाना बहुत मुश्किल होता है. कई बार मैं खुद भी इतनी थकी होती थी कि रोटी बनाने की इच्छा नहीं करती थी. इसी समस्या का हल निकालने के लिए मैंने और मेरी टीम ने लंबे समय की कड़ी मेहनत के बाद रोटीमैटिक को तैयार किया. शुरुआत में इसे बनाना किसी असंभव काम जैसा ही लग रहा था.
कीमत भी होगी वाजिब
फिलहाल इसकी कीमत का ऐलान नहीं किया गया है. लेकिन लंदन के बाजारों में आने के बाद बहुत जल्द इसका भी खुलासा हो जायेगा. वैसे जिमप्लिस्टिक के सह-संस्थापक और सीइओ ऋषि के अनुसार इसे रोजमर्रा में आनेवाली समस्या को दूर करने के लिए बनाया गया है. इसलिए इसकी कीमत भी ऐसी होगी, जिसे साधारण लोग आसानी से अपना सकें. ऋषि के साथ प्रणोती नागरकर जिमप्लिस्टिक की को-फाउंडर हैं .