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मई 2014 से अब तक का आकलन : चार राज्यों में सिमटी कांग्रेस अब बढ़ा रही है अपना दायरा

नरेंद्र मोदी ने 26 मई 2014 को जब प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी, उस समय कांग्रेस देश के 11 राज्यों- अरुणाचल प्रदेश, असम, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम और उत्तराखंड में सत्ता में थी. धीरे-धीरे कांग्रेस कई राज्यों से सत्ता से बाहर होती चली गयी. इस साल दिसंबर में हुए […]

नरेंद्र मोदी ने 26 मई 2014 को जब प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी, उस समय कांग्रेस देश के 11 राज्यों- अरुणाचल प्रदेश, असम, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम और उत्तराखंड में सत्ता में थी. धीरे-धीरे कांग्रेस कई राज्यों से सत्ता से बाहर होती चली गयी. इस साल दिसंबर में हुए चुनावों से पहले तक कांग्रेस सिर्फ चार राज्यों तक सिमट चुकी थी. पांच राज्यों में से तीन में जीत और एक में हार के बाद अब कांग्रेस शासित राज्यों की संख्या बढ़ कर छह हो गयी है.
2014 हरियाणा: भाजपा ने कांग्रेस को हराया
महाराष्ट्र: बीजेपी ने कांग्रेस को हराया
झारखंड: बीजेपी ने अपनी सहयोगी पार्टियों के साथ कांग्रेस, आरजेडी और झारखंड मुक्ति मोर्चा के गठबंधन को हराया
2015 नयी दिल्ली: आप ने दूसरी बार सरकार बनायी.
बिहार: सितंबर 2013 में मोदी के पीएम उम्मीदवार घोषित करने के बाद नीतीश कुमार ने बीजेपी से गठबंधन तोड़ा. 2015 में विधानसभा चुनाव हुए, जिसमें नीतीश ने लालू और कांग्रेस के साथ महागठबंधन बनाकर चुनाव लड़ा और जीते. हालांकि, जुलाई 2017 में वह फिर लालू-कांग्रेस का साथ छोड़कर बीजेपी के साथ आ गये, जिससे बीजेपी सत्ता में वापस आ गयी
2016 असम: 15 साल से सत्ता में रही कांग्रेस को भाजपा ने हराया
केरल: वाम मोर्चे ने सत्ता में वापसी की
पुडुचेरी: कांग्रेस सत्ता में लौटी
तमिलनाडु: एआइएडीएमके ने सत्ता में वापसी की
पश्चिम बंगाल: ममता बनर्जी सत्ता में लौटीं
2017 गुजरात: भाजपा चौथी बार सत्ता में लौटी
हिमाचल : भाजपा ने कांग्रेस को हराया
गोवा: भाजपा सरकार में लौटी मणिपुर: भाजपा ने कांग्रेस को हराया
पंजाब: कांग्रेस ने अकाली दल-बीजेपी के गठबंधन को हराया
उत्तर प्रदेश: भाजपा ने सपा सरकार को सत्ता से बाहर किया
उत्तराखंड: कांग्रेस भाजपा से हारी
2018 कर्नाटक: ज्यादा सीटें लाकर भी भाजपा सरकार नहीं बना सकी. कांग्रेस ने जेडीएस संग सत्ता में वापसी की
त्रिपुरा: भाजपा ने सीपीएम को हराया
मेघालय: एनपीपी संग भाजपा की सरकार नागालैंड: विपक्षी पार्टियों के गठबंधन ने कांग्रेस को हराया, बीजेपी भी गठबंधन का हिस्सा थी
छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश समेत पांच राज्यों में धर्मनिरपेक्ष लोगों की जीत है. भाजपा के राज में जो महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार फैला है. जिस तरह जीएसटी लगाया गया है, तब से देश की जनता परेशान है. यह आगामी लोकसभा चुनाव के लिए सीधा संदेश है.
शिवपाल यादव, प्रसपा-लो नेता
भाजपा के पास अब भी भूल सुधार का कुछ वक्त बाकी है. ‘सबका साथ, सबका विकास’ की धुन में भगवान राम की जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण में हो रही देरी से राम भक्तों ने उस दल से किनारा किया है, जिसके घोषणा-पत्र में यह विषय प्रमुखता से रहा था. इसका समाधान निकाला जाना चाहिए.
पुरुषोत्तम नारायण सिंह, विहिप
विधानसभा चुनावों के परिणाम इस बात का संकेत हैं कि लोग जुमलों से आजिज आ चुके हैं. भाजपा को अपने काम के आधार पर वोट मांगने चाहिए, न कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के नाम पर. हमारे स्थानीय नेतृत्व ने सीमित संसाधनों के साथ चुनाव लड़ा और कड़ी मेहनत की.
संजय सिंह, आप सांसद
लोगों ने मंदिर- मस्जिद राजनीति को खारिज दिया, नतीजों से भारत में राजनीतिक जागृति बढ़ती दिख रही है. भाजपा की नीतियों से लोगों में आक्रोश है. लोकसभा चुनाव में जनता भाजपा को सबक सिखायेगी. पांच राज्यों का चुनाव परिणाम आम चुनाव के संदेश है.
महबूबा मुफ्ती, पीडीपी प्रमुख्स
छत्तीसगढ़ के सीएम बाहर आते हैं और कहते हैं कि मैं छत्तीसगढ़ में हार की पूरी जिम्मेदारी लेता हूं. उन्होंने मोदी जी और योगी जी का कोई जिक्र नहीं किया. मैं सोच रहा हूं कि अगर उन्होंने जीत की पूरी जिम्मेदारी ली होती तो उनका क्या होता.
हुसैन हैदरी, साहित्यकार
मुख्यमंत्रियों ने स्वीकार की हार, दिया इस्तीफा, विजयी प्रत्याशियों ने जनता को दिया धन्यवाद
अगली सरकार हमारे कामों को आगे बढ़ाये : वसुंधरा
वसुंधरा राजे ने विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद मंगलवार रात अपने पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने अपना इस्तीफा राज्यपाल कल्याण सिंह को सौंपा. कांग्रेस को जीत की बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि अगली सरकार हमारे कामों को आगे बढ़ाये. हम अच्छे विपक्ष की भूमिका निभाएंगे. राजे ने कहा कि उनकी सरकार ने इन पांच सालों में विकास के कई कार्य किये हैं. मुझे पूरी उम्मीद है कि राज्य की आने वाली सरकार इन कामों को आगे ले जाने का काम करेगी. राजे ने कहा कि मैं पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं को धन्यवाद देती हूं कि उन्होंने इस चुनाव में कड़ी मेहनत की. साथ ही, प्रधानमंत्री मोदी, पार्टी अध्यक्ष अमित शाह व पदाधिकारियों को इस चुनाव में अपना मार्गदर्शन देने के लिए धन्यवाद दिया.
हार की जिम्मेदारी मेरी जनता का मैं ऋणी : रमन
छत्तीसगढ में सत्ता गंवाने के बाद राज्य के मुख्यमंत्री रमन सिंह राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को अपना इस्तीफा सौंप दिया. रमन सिंह ने कहा कि इस जनादेश के लिए छत्तीसगढ़ की जनता को, सभी अधिकारी, कर्मचारी और समाज के सभी वर्ग के लोगों को मैं धन्यवाद दूंगा कि शानदार मतदान में उन्होंने हिस्सा लिया. जनादेश का हम सब सम्मान करते हैं. कांग्रेस को जीत पर बधाई देता हूं और जनता से किये गये वादों को निभाने के लिए कांग्रेस पार्टी को अपनी ओर से शुभकामनाएं देता हूं. जो वादा उन्होंने किया है, उसे निभाएं. रमन सिंह ने कहा कि यह चुनाव मेरे नेतृत्व में लड़ा गया था. इसलिए इस हार की नैतिक जवाबदारी मैं स्वयं लेता हूं.
केंद्र में करूंगा सक्रिय राजनीति : केसीआर
तेलंगाना में टीआरएस की आंधी के बाद तेलंगाना राष्ट्र समिति के अध्यक्ष और तेलंगाना के कार्यवाहक मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (केसीआर) ने हैदराबाद में कहा कि मैं राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय रूप से हिस्सा लूंगा. उन्होंने कहा कि मैं दूसरी राजनीतिक पार्टियों से बातचीत करूंगा. हम राष्ट्रीय राजनीति में एक अहम भूमिका निभाने जा रहे हैं. अपनी जीत के बाद केसीआर ने जनता का धन्यवाद किया. चुनाव से पहले एक बातचीत के दौरान उन्होंने संवाददाताओं से कहा था कि मैं योद्धा हूं, भिखारी नहीं. उनका मानना था कि राज्य में टीआरएस का कोई मुकाबला नहीं है. सत्ता किसी और को सौंपे जाने पर उन्होंने कहा कि मोदी जब मुख्यमंत्री थे, तब वह प्रधानमंत्री बने. राज्य में मुख्यमंत्री रह कर भी केंद्र में अपनी भूमिका निभा सकता हूं.
मिजोरम को भाजपा की नहीं है जरूरत : जोरम थंगा
मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) के मुख्यमंत्री उम्मीदवार जोरम थंगा ने जनादेश के बाद कहा कि मिजोरम को भाजपा की जरूरत नहीं है. एमएनएफ प्रेजिडेंट जोरम थंगा ने कहा कि हमारी भाजपा के साथ या किसी अन्य स्थिति में गठबंधन सरकार नहीं बनेगी क्योंकि हमारी पार्टी अपने दम पर सरकार बनाने में सक्षम है. हमने 40 में से 26 सीटों पर जीत दर्ज की है.
हम नेडा (नॉर्थ-ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस) और एनडीए का हिस्सा हैं. लेकिन, हम कांग्रेस या यूपीए के साथ नहीं जाना चाहेंगे. इस चुनाव में मिजो नेशनल फ्रंट के 40 प्रत्याशी मैदान में थे. भाजपा के 39 और नेशनल पीपल्स पार्टी के नौ उम्मीदवार चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे थे. मिजोरम में इस बार 75 फीसदी मतदान हुए हैं. मिजोरम में एमएनएफ कार्यकर्ताओं ने मिठाई बांटकर और नाच-गाकर जश्न मनाना शुरू कर दिया है.
कहीं खुशी कहीं गम. सत्य की विजय हुई है. उन लोगों को दिल से बधाई देता हूं, जिन्होंने जीत हासिल की है. जो चुनाव हार गये हैं, वे साथी सांत्वना के पात्र हैं. आशा और दुआ करता हूं कि उनको सदबुद्धि जल्दी आयेगी.
शत्रुघ्न सिन्हा
लोगों ने भाजपा के खिलाफ मत डाले. यह जनादेश है और इस देश के लोगों की जीत है. यह लोकतंत्र की जीत और संस्थानों की बर्बादी, एजेंसियों के दुरुपयोग, किसानों, युवाओं के लिए कोई काम नहीं करने के खिलाफ हासिल जीत है.
ममता बनर्जी
अब जनता भाजपा के खोखले वादों से परेशान हो चुकी है. अब बुरे दिन जा रहे हैं और अच्छे दिन आयेंगे. आसमान जितना ऊंचा हो गया हमारा भाई राहुल. हम तो सिपाही हैं. हम तो उन्हीं के नाम पर जीते हैं. वह हमारी जड़ हैं.
नवजोत सिंह सिद्धू
राज्य सरकारों के परफॉर्मेंस पर ये सब चुनाव होता है. जिन राजनीतिक पार्टियों को विजय प्राप्त हुई है, सभी को बधाई.
राजनाथ सिंह, गृह मंत्री
देश में ‘गाय’ का शोर और ‘गाय मंत्री’ ही हार गये चुनाव
इन दिनों देश में गाय पर सियासत हो रही है. वहीं, देश में इकलौते गाय मंत्री ओटाराम देवासी राजस्थान के सिरोही विधानसभा से करीब 10 हजार वोटों से चुनाव हार गये. राजस्थान देश का पहला ऐसा राज्य है, जहां पि‍छली सरकार ने गाय पालन मंत्रालय बनाया था. ओटाराम देवासी राजस्थान के मुंडारा गांव के रहने वाले हैं. उन्होंने भाजपा के टिकट से 2008 में सिरोही से चुनाव लड़ा था. वसुंधरा सरकार में गाय पालन मंत्री बने थे.

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