वर्तमान में अनियमित खान-पान, फास्ट फूड इत्यादि के अत्यधिक सेवन से गैस की समस्या आम हो गयी है. इसके अलावा पेट की दूसरी समस्याओं में भी वृद्धि हुई है. प्रतिदिन पवनमुक्तासन के अभ्यास से पेट की इन समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है.
पवन मुक्तासन में पाचन क्रिया में उत्पन्न होनेवाली और आंतों की सारी वायु
बाहर निकली जाती है. इसलिए इसे पवन मुक्तासन कहते हैं. यह आसन दो प्रकार से किया जाता है.
आसन से इन रोगों में लाभ
पवन मुक्तासन से मांसपेशियां और मेरूदंड (रीढ़ की हड्डी) मजबूत होते हैं. यह फेफड़े और हृदय के विकारों को दूर करता है. यह आसन शारीरिक व मानसिक थकान को दूर करता है.
इस आसन से खून के बहाव की गति तेज होती है तथा आलस्य दूर होता है. यह आसन वायु को शरीर से मुक्त करता है. इससे पेट की चर्बी कम होती है और कब्ज, एसिडिटी व पेट के सभी रोग ठीक होते हैं. इसको करने से पेनक्रियाज सक्रिय होता है, शरीर की जकड़न, तनाव, थकान तथा सांस के रोग दूर होते हैं. यह आसन बवासीर को दूर करता है तथा एक गिलास पानी पीकर सुबह इसे करने से शौच सही से होता है.
विधि 1 : इस आसन में सबसे पहले चटाई पर पीठ के बल लेट जाएं. दोनों पैरों को सीधे सामने की और फैलाकर रखें. अब अपने दाहिने पैर को घुटने से मोड़कर सिर की ओर लाएं और अपने दोनों हाथों की उंगलियों को आपस में फंसा कर उसके बीच में घुटनों को रखें. अब धीरे-धीरे घुटनों को जितना संभव हो मुंह की ओर लाएं और अपने सिर को फर्श से ऊपर उठा कर घुटने से नाक छूने की कोशिश करें. इस स्थिति में 2 मिनट तक रहें. आखिर में सांस अंदर खींच कर सिर व पैरों को सामान्य स्थिति में लाकर सांस छोड़ें. यह प्रक्रिया बायें पैर से भी करें. दोनों पैरों से यह क्रिया 10-10 बार करें.
विधि 2 : इस आसन को दोनों पैरों से भी कर सकते हैं. इसके लिए अपने दोनों पैरों को घुटनों से मोड़ कर सिर की ओर लाएं तथा दोनों हाथों की उंगलियों को आपस में फंसा कर हाथ के बीच में घुटनों को रखें. अब घुटनों को हाथों के सहारे ऊपर खींचें और सिर को ऊपर उठा कर घुटनों को नाक में लगाने की कोशिश करें. कुछ समय तक इस स्थिति में रहने के बाद सांस लेते हुए पैरों व सिर को सीधा कर सांस को छोड़ें. इस तरह इस क्रिया को 3 बार करें.
सावधानी : इस आसन को आराम से करें तथा पहले दिन जितना संभव हो उतना ही घुटनों को सिर के पास ले जाएं. जिन लोगों को कमर व गरदन में दर्द की शिकायत हो उन्हें इस आसन का अभ्यास नहीं करना चाहिए.
विशेष : मोटे पेटवाले व्यक्तियों को पवन मुक्तासन करने में परेशानी हो सकती है. शुरू में घुटने नाक या ठोड़ी पर न लग सके, तो ऐसी स्थिति में घुटनों को सिर के जितना करीब ले जा सकें, ले जाएं. तब इसे करने में आसानी होगी.
प्रज्ञा अग्रवाल
योग विशेषज्ञ,
आर्ट ऑफ लिविंगआर्ट आफ साइलेंस टीचर, पटना