ब्रह्मानंद मिश्र
तमाम प्रकार के व्यवसायों और संस्थाओं के वित्तीय व रणनीतिक लक्ष्यों को पूरा करने में प्रतिभाशाली प्रोफेशनल्स की भूमिका सबसे अधिक होती है. आज दुनियाभर में कार्यकुशल पेशेवर हर छोटे-बड़े बिजनेस की चाल-ढाल बदल रहे हैं. किसी बिजनेस की कामयाबी ऑडिटिंग, टैक्सेशन, अकाउंटिंग और फाइनेंशियल प्लानिंग जैसे कार्यों पर टिकी होती है, चाहे वह बिजनेस छोटा हो या बड़ा. इन सब कार्यों को अंजाम तक पहुंचाने में जो सबसे बड़ी भूमिका अदा करता है, वह है- प्रोफेशनल चार्टर्ड अकाउंटेंट. बड़ी जिम्मेदारियों की ही वजह से यह बेहद चुनौतीपूर्ण जॉब मानी जाती है, लेकिन एक कैरियर के लिहाज से देखें, तो यह प्रोफेशन अपार संभावनाओं को समेटे हुए है. यही वजह है कि हर वर्ष लाखों की तादाद में छात्र सीए-सीपीटी की परीक्षा में शामिल होते हैं. अकाउंटिंग, ऑडिटिंग और टैक्सेशन एक्सपर्ट के तौर पर एक सीए से कई अन्य स्किल की भी अपेक्षा होती है. सीए की योग्यता हासिल कर लेने के बाद प्राइवेट सेक्टर ही नहीं, बल्कि सरकारी और सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों में भी बतौर ऑडिटर भरपूर मौके होते हैं.
तीन चरणों में होता है सीए प्रोग्राम
अन्य कोर्सेज के इतर चार्टर्ड अकाउंटेंसी प्रोग्राम की खासियत है कि यह केवल सैद्धांतिक ज्ञान तक ही सीमित नहीं होता, बल्कि इसमें व्यावहारिक पहलुओं से भी रू-ब-रू होने का मौका मिलता है. हालांकि, शुरुआत सैद्धांतिक प्रशिक्षण से होती है और पहला चरण पूरा करने के बाद पेशेवर ज्ञान हासिल करने का अवसर प्राप्त होता है. सीए प्रोग्राम तीन चरणों में संपन्न होता है- कॉमन प्रोफिसिएंसी टेस्ट (सीए-सीपीटी), इंटीग्रेटेड प्रोफेशनल कंपीटेंसी कोर्स (आईपीसीसी) और फाइनल कोर्स.
कॉमन प्रोफिशिएंसी टेस्ट (सीपीटी) : चार्टर्ड अकाउंटेंट प्रोफेशनल के रूप में कैरियर शुरुआत सीए सीपीटी के माध्यम से होती है. यह प्रारंभिक परीक्षा है, जिसमें शामिल होने के लिए किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12वीं पास होना अनिवार्य है. यदि आप न्यूनतम 55 प्रतिशत अंकों के साथ कॉमर्स में स्नातक या परास्नातक हैं, तो आपको सीपीटी की परीक्षा देने की जरूरत नहीं है. सीपीटी के तहत चार विषयों अकाउंटिंग, मर्केंटाइल लॉ, जनरल इकोनॉमिक्स और क्वांटिटेटिव एप्टीट्यूट का टेस्ट देना होता है. पेपर-पेंसिल मोड में इस बार यह परीक्षा 16 दिसंबर, 2018 को आयोजित की जायेगी.
इंटीग्रेटेड प्रोफेशनल कंपीटेंस कोर्स (आईपीसीसी) : आईपीसीसी कोर्स के तहत छात्र के अकाउंटेंसी फाउंडेशन को मजबूत किया जाता है. इसमें अकाउंटेंसी प्रोफेशन के कोर और अलाइड विषयों पर फोकस किया जाता है. इस कोर्स के दौरान छात्र बिजनेस कम्युनिकेशन, बिजनेस स्ट्रेटजी, इन्फॉरमेशन टेक्नोलॉजी और ऑडिट आदि की बारीकियां सीखते हैं. आईपीसीसी पास करने के बाद अभ्यर्थी आर्टिकल्ड क्लर्क/ ऑडिट क्लर्क के रूप में काम करने के लिए पात्र हो जाते हैं.
सीए फाइनल : कोर्स के इस अंतिम पड़ाव पर अकाउंटिंग के व्यावहारिक पहलुओं पर विशेष जोर दिया जाता है. इस दौरान फाइनेंशियल रिपोर्टिंग, स्ट्रेटिजिक फाइनेंशियल मैनेजमेंट, एडवांस्ड मैनेजमेंट अकाउंटिंग, ऑडिटिंग, प्रोफेशनल एथिक्स, इन्फॉरमेशन कंट्रोल सिस्टम से जुड़ी हर जानकारी से छात्र परिपक्व हो जाते हैं. छात्रों को ई-गवर्नेंस के सिद्धांतों, कॉरपोरेट और इससे जुड़े क्षेत्रों के कानूनों, अंतरराष्ट्रीय टैक्सेशन व वैट आदि के बारे में भी परिचित कराया जाता है.
सीपीटी, दिसंबर-2018 के लिए करें आवेदन
कॉमन एडमिशन टेस्ट (सीपीटी) के छात्र आधिकारिक वेबसाइट http://icaiexam.icai.org पर जाकर 25 अक्तूबर, 2018 तक आवेदन कर सकते हैं. इसके अलावा 600 रुपये विलंब शुल्क के साथ 1 नवंबर, 2018 तक ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है. देश के विभिन्न परीक्षाकेंद्रों पर आयोजित होनेवाली सीपीटी परीक्षा के लिए अभ्यर्थियों को 1000 रुपये और देश के बाहर परीक्षा केंद्रों के लिए 1700 रुपये का भुगतान करना होगा. सीपीटी के लिए वही छात्र आवेदन के पात्र हैं, जो इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया से इस कोर्स के लिए पंजीकृत हैं और निर्धारित योग्यता शर्तों को पूरा करते हैं.
तैयारी के लिए विशेष टिप्स
सीपीटी का प्राथमिक उद्देश्य सीए कोर्स के लिए अभ्यर्थी का एप्टीट्यूड टेस्ट करना होता है. चूंकि, सभी विषयों में न्यूनतम 30 प्रतिशत अंक लाना अनिवार्य है, इसलिए सभी विषयों की तैयारी जरूरी है. आप किसी विषय को नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं.
इस परीक्षा में अकाउंटिंग विषय सबसे अधिक महत्वपूर्ण है. अगर आपकी इस विषयों की तैयारी और कंसेप्ट क्लियर है, तो आगे की राह आसान हो जायेगी. इस विषय में थ्योरी के साथ-साथ प्रैक्टिस भी जरूरी है. इस सेक्शन में कंपनी अकाउंट्स, पार्टनरशिप अकाउंट्स थ्योरेटिकल फ्रेमवर्क, डिप्रेसिएशन अकाउंटिंग और बैंक री-कॉन्सिलेशन स्टेटमेंट से पर्याप्त प्रश्न पूछे जाते हैं.
मर्केंटाइल लॉ की तैयारी से आप सीपीटी में अच्छा स्कोर कर सकते हैं. गुड्स एक्ट, 1930 समेत विभिन्न अधिनियमों के साथ-साथ इंडियन कांट्रैक्ट एक्ट 1930 और पार्टनरशिप एक्ट आदि की विशेष रूप से तैयारी करना फायदेमंद रहेगा.
जनरल इकोनॉमिक्स का खंड अन्य विषयों के मुकाबले रोचक और स्कोरिंग है. तैयारी की शुरुआत माइक्रोइकोनॉमिक्स से करें. इस खंड में आर्थिक सुधार, मांग व आपूर्ति, उत्पादन व लागत से प्रश्न पूछे जाते हैं.
नियमित अभ्यास करके आप क्वांटिटेटिव एप्टीट्यूड सेक्शन में अच्छा स्कोर कर सकते हैं. इस सेक्शन में कैल्कुलस, सेट्स थ्योरी, फंक्शन व रिलेशन, सिंपल व कंपाउंड इंटरेस्ट, रेशियो, लॉगर्थिम्स आदि चैप्टर महत्वपूर्ण है.