मेरा बेटा 12वीं की परीक्षा देने के बाद काफी उदास रहने लगा है. वह अक्सर मां से कहता है कि जीने की इच्छा नहीं होती है. डर है कि वह गलत कदम न उठा ले.
रामप्रवेश ठाकुर, गया
आपका बेटा काफी संवेदनशील है. किशोरावस्था में अक्सर रिजल्ट का तनाव होता है. ऐसे में वे जल्दी विचलित हो जाते हैं. वे अपनों से सहयोग की उम्मीद रखते हैं. उससे बातचीत करें. उसके आत्मविश्वास को कमजोर न होने दें.
मेरी उम्र 25 वर्ष है. मुङो कहीं भी चोट या दर्द होता है, तो यही डर लगता है कि कैंसर तो नहीं. किसी भी काम में मन नहीं लगता है.
सुभद्रा, दानापुर
आपको बीमारी से संबंधित असंगत भय है. इसे रोगभ्रम भी कहते हैं. इसकी वजह से आपको लगता है कि आपको बीमारी हो गयी है. खुद को अच्छे कामों में व्यस्त रखें. इस समस्या से छुटकारा आपकी इच्छाशक्ति पर निर्भर करता है.
मैं प्राइवेट नौकरी में हूं. हर काम को किसी तरह निबटा लेना चाहता हूं. न ऑफिस के लोग मुझसे खुश हैं और न मेरे घरवाले. हमेशा चिंता और घबराहट से घिरा रहता हूं. अकेलापन अच्छा लगता है ?
मनोरंजन कुमार, रांची
ऑफिस का काम कल पर न टालें. परिवार के साथ समय बिताएं. अकेले रहने पर मन में नकारात्मक विचार आते हैं. इससे व्यक्ति तनावग्रस्त हो जाता है. अत: इससे बचें.
मैं 22 वर्षीया छात्र हूं. मैं हमेशा स्कूल के सभी कार्यक्रमों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेती रही हूं. घरवाले कभी मेरे कार्यो की सराहना नहीं करते. मैं टूट-सी गयी हूं.
राधिका, भागलपुर
यह सच है कि व्यक्तित्व निखारने में परिवार का सहयोग महत्वपूर्ण होता है. आप जीवन में कुछ करने की चाह को बरकरार रखें. अपने जोश और लगन से सफलता को चूमें, परिवार आपके साथ दिखेगा.
डॉ बिन्दा सिंह
क्लिनिकल
साइकोलॉजिस्ट, पटना
संपर्क: 09835018951