नाइजीरिया में पुलिस ने अप्रैल महीने में दो सौ स्कूली छात्राओं की रिहाई को लेकर राजधानी अबुजा में हो रहे विरोध प्रदर्शनों पर प्रतिबंध लगा दिया है.
इन छात्राओं का इस्लामी चरमपंथियों ने अपहरण कर लिया था.
अबुजा के पुलिस आयुक्त जोसेफ म्बु ने कहा कि ये रैलिया “अब सुरक्षा के लिए गंभीर ख़तरा बनती जा रही हैं.”
जब से इन लड़कियों का अपहरण हुआ है, नाइजीरिया में तब से लगभग रोज़ प्रदर्शन हो रहे हैं और सरकार से लड़कियों की रिहाई के लिए ठोस कदम उठाने की मांग हो रही है.
14 अप्रैल को कैमरून की सीमा से लगे चिबोक गांव से बोको हराम के चरमपंथियों ने इन लड़कियों को बंधक बना लिया था.
अबुजा के पुलिस आयुक्त म्बु ने एक बयान जारी कर कहा है कि इन प्रदर्शनों में कुछ ‘ख़तरनाक तत्व’ भी शामिल हो सकते हैं.
कार्रवाई के लिए दबाव

लड़कियों के अपहरण के बाद से नाइजीरिया में लगभग रोज़ ही प्रदर्शन हो रहे हैं
लड़कियों की रिहाई के लिए सख्त कदम उठाने को लेकर नाइजीरियाई सरकार पर देश के भीतर और बाहर दोनों ही तरफ़ से काफी दबाव पड़ रहा है.
बीबीसी को पता चला है कि कुछ लड़कियों की रिहाई के लिए जेल में बंद कुछ इस्लामी चरमपंथियों को छोड़ने को लेकर सरकार के साथ सौदेबाजी भी चल रही थी.
साल 2009 में जबसे बोको हराम ने नाइजीरियाई सरकार के खिलाफ हिंसक अभियान चलाया है तब से अब तक हजारों लोग मारे जा चुके हैं.
जिन लड़कियों का अपहरण किया गया है उनमें से ज्यादातर ईसाई हैं और इन्हें उत्तर पूर्वी राज्य बोर्नो के चिबुक स्थित इनके स्कूल से ही उठा लिया गया था. ऐसा कहा जा रहा है कि इन्हें चाड और केमरून की सीमा पर किसी दूर-दराज के जंगली इलाके में रखा गया है.
इन लड़कियों का पता लगाने में मदद के लिए ब्रिटेन, अमरीका, चीन और फ्रांस जैसे देशों ने अपने विशेषज्ञ और उपकरण भेजे हैं.
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