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जयंत सिन्हा लिंचिंग अभियुक्तों के साथ कैसे खड़े?

<p>&quot;व्हाट्सऐप से लेकर सोशल मीडिया पर आती ये तस्वीर देखकर दिल को बहुत कष्ट होता है. सरे आम किसी अपराधी को फूलों की माला पहनाकर बहुत ही गंदा संदेश दिया जा रहा है, बताया जा रहा है कि देखो – हम मारेंगे, हम काटेंगे भी और फिर हम बाद में मारने वाले का फूलों से […]

<p>&quot;व्हाट्सऐप से लेकर सोशल मीडिया पर आती ये तस्वीर देखकर दिल को बहुत कष्ट होता है. सरे आम किसी अपराधी को फूलों की माला पहनाकर बहुत ही गंदा संदेश दिया जा रहा है, बताया जा रहा है कि देखो – हम मारेंगे, हम काटेंगे भी और फिर हम बाद में मारने वाले का फूलों से स्वागत भी करेंगे. जिसका घर उजड़ गया, उसका कोई ध्यान नहीं है लेकिन जिसने घर उजाड़ा है, उसका दिल से स्वागत करेंगे, सरेआम, बीच सड़क, बीच राह पर.&quot;</p><p>ये शब्द शमा परवीन के हैं जिनके पिता अलीमुद्दीन अंसारी को बीते साल 29 जून को भीड़ ने भरे बाज़ार सड़क पर पीट-पीटकर मार डाला था. </p><p>इस मामले के लिए बनाई गई फास्ट ट्रैक कोर्ट ने 11 अभियुक्तों को दोषी मानकर उन्हें उम्रक़ैद की सज़ा सुनाई थी जिनमें स्थानीय बीजेपी नेता नित्यानंद महतो भी शामिल थे. </p><p>लेकिन जब ये मामला रांची हाईकोर्ट पहुंचा तो हाईकोर्ट ने इन लोगों की सज़ा पर स्टे लगाकर उन्हें ज़मानत पर रिहा कर दिया. </p><p>बताया जा रहा है कि शुक्रवार को जब ये लोग जेल से छूटे तो केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने कथित तौर पर माला पहनाकर उनका स्वागत किया. ये तस्वीरें इंटरनेट पर शेयर की जा रही हैं.</p><hr /> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-44705196">मॉब लिंचिंग: जान से मार देने वाली ये भीड़ कहां से आती है?</a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-40445424">जब मोदी निंदा कर रहे थे तभी अलीमुद्दीन मारा गया</a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-40538441">मॉब लिंचिंग पर रोक कैसे लगेगी?</a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-40483439">झारखंड: मॉब-लिंचिंग में भाजपा नेताओं की गिरफ्तारी</a></li> </ul><h1>आम आदमी दिखाएगा अपनी ताक़त</h1><p>अलीमुद्दीन अंसारी की मौत के मामले में शुरुआती पुलिस जांच के मुताबिक़, गौ-रक्षकों के एक दल ने उनका 15 किलोमीटर तक पीछा करने के बाद बाजाटांड़ इलाके में भीड़ देखकर गौमांस ढोए जाने का हल्ला किया.</p><p>इसके बाद भीड़ में शामिल लोगों ने सरेआम पीट-पीटकर उन्हें बुरी तरह घायल कर दिया. लोगों ने उनकी गाड़ी भी फूंक दी थी. बाद में अस्पताल ले जाते समय अलीमुद्दीन की मौत हो गई.</p><p>केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा के साथ अभियुक्तों की माला पहने तस्वीरें देखकर आहत होतीं अलीमुद्दीन की बड़ी बेटी शमा परवीन बीबीसी से कहती हैं, &quot;केंद्र सरकार हमें क्या संदेश देना चाहती है. मैं कहूंगी कि जो लोग भी ये फोटो देख रहे हैं वो समझें कि क्या संदेश देने की कोशिश की जा रही है. बड़ी तकलीफ़ हो रही है टीवी चैनलों पर ये तस्वीर देखकर जिसमें एक शख़्स जिसने किसी के कपड़ों को खून से रंग दिया, उसे लाल फूलों की माला पहनाई जा रही है.&quot;</p><p>शमा परवीन कहती हैं, &quot;वो केंद्रीय मंत्री हैं, ताक़तवर हैं लेकिन आम आदमी जब किसी को इतनी ताक़त देता है तो उसे उसकी हैसियत भी बता सकता है.&quot; </p><p>अलीमुद्दीन अंसारी के बेटे शहज़ाद और उनकी पत्नी मरियम ख़ातून इस मामले में सुप्रीम कोर्ट तक जाने की बात करते हैं. </p><p>मरियम ख़ातून कहती हैं, &quot;हमें अभी भी क़ानून पर पूरा विश्वास है. हम ये चाहते हैं कि जो कसूरवार है, उसे कड़ी से कड़ी सज़ा मिलनी चाहिए लेकिन बेकसूरों को सज़ा नहीं मिलनी चाहिए.&quot;</p><h1>क्या कहते हैं केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा</h1><p>हज़ारीबाग से सांसद और केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने भारतीय जनता पार्टी के उस नेता का अभिनंदन किया जिन्हें कोर्ट ने अलीमुद्दीन की मौत के मामले में दोषी करार दिया था. </p><p>सोशल मीडिया पर लोगों ने सवाल उठाया कि जिनके ऊपर क़ानून की रक्षा का दायित्व है वो उन लोगों को कैसे सम्मानित कर सकते हैं जो अभियुक्त हैं.</p><p>राजनीतिक दलों के विरोध के बाद जयंत सिन्हा ने ट्विटर के माध्यम से अपनी सफाई पेश की है.</p><hr /> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-44439481">मृत्यु प्रमाणपत्र के लिए चक्कर काट रहा अलीमुद्दीन का परिवार</a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-40655773">’अयूब पंडित को हिंदू समझकर नहीं मारा गया'</a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-40932824">मोदी जी बोले अच्छा, पर कई सवाल छोड़ गए</a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-40423433">लिंचिंग पर राजनीतिक दलों की निष्क्रियता का मतलब</a></li> </ul><p>जयंत सिन्हा ने ट्वीट में लिखा है, &quot;मैं स्पष्ट रूप से हर तरह की हिंसा की निंदा करता हूं. संविधान के आधार पर चलने वाले हमारे लोकतंत्र में क़ानून सर्वोपरी है. किसी भी तरह के गैरक़ानूनी काम जो किसी नागरिक के अधिकारों का उल्लंघन करते हैं उनके ख़िलाफ़ कड़ी से कड़ी सज़ा मिलनी चाहिए.&quot; </p><p>&quot;रामगढ़ मामले में माननीय रांची हाई कोर्ट, जो कि याचिका के लिए पहली अदालत है, ने उनका तर्क मानते हुए अभियुक्तों की सज़ा पर स्टे लगा दिया है और इस मामले की दोबारा सुनवाई की जाएगी.&quot; </p><p><a href="https://twitter.com/jayantsinha/status/1015453513923653632">https://twitter.com/jayantsinha/status/1015453513923653632</a></p><p>फास्ट ट्रैक कोर्ट के फ़ैसले पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा, &quot;मैंने बार-बार फास्ट-ट्रैक कोर्ट द्वारा प्रत्येक अभियुक्त को उम्र क़ैद की सज़ा दिए जाने पर अपना विरोध जताया है. मैं ख़ुश हूं कि माननीय हाई कोर्ट इस मामले को अपीलीय अदालत की तरह फास्ट ट्रैक कोर्ट के फ़ैसले की शुद्धता की जांच करेगा. मुझे हमारी न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है. दुर्भाग्य से मेरे काम के बारे में गैर-ज़िम्मेदाराना बयान दिए जा रहे हैं जबकि मैं क़ानूनी प्रक्रिया का सम्मान कर रहा हूं. जो लोग निर्दोष हैं वो छूट जाएंगे और दोषियों को उचित सज़ा मिलेगी.&quot;</p><p>बीबीसी ने जब केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा से इस मसले पर कुछ सवालों के जवाब जानने की कोशिश की तो उनके प्रतिनिधि ने कहा है कि उन्हें जो कहना था वह पूरी बात ट्विटर के माध्यम से कह चुके हैं. </p><p>विपक्षी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता हेमंत सोरेन ने ट्वीट करके कहा है कि &quot;क्या भेदभाव पैदा करना और अपराधियों का समर्थन करना बीजेपी के लिए विकास का मॉडल है.&quot;</p><hr /> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-44665266">अफ़वाहें रोकने वाले की पीट-पीट कर हत्या</a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-44468474">पशु चोरी के आरोप में भीड़ ने दो लोगों को पीट पीट कर मारा</a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-44721117">भारत में फ़र्ज़ी ख़बरों पर कैसे कसे लगाम?</a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-40310886">शौच करती औरतों की तस्वीरें लेने से रोकने पर मार डाला</a></li> </ul><h1>जानिए क्या है पूरा मामला</h1><p>दरअसल, पिछले साल 29 जून को रामगढ़ में मांस कारोबारी अलीमुद्दीन की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी. वो अपनी मारुती वैन से मांस लेकर जा रहे थे तो उसे गौमांस बताकर उन्हें पीटा गया जिससे उनकी मौत हो गई. </p><p>इस मामले में रामगढ़ कोर्ट में 11 लोगों के ख़िलाफ़ हत्या का दोष सिद्ध हुआ था जिनमें से तीन लोगों के ख़िलाफ़ हत्या की साज़िश रचने का भी दोष सिद्ध हुआ था. </p><p>दोषियों में बीजेपी नेता नित्यानंद महतो भी शामिल थे. </p><p>फास्ट्र ट्रैक कोर्ट ने जब इन 11 लोगों को उम्र-कैद की सज़ा सुनाई तो बीजेपी नेताओं ने सीबीआई से इस मामले की जांच कराए जाने की मांग उठाई. जयंत सिन्हा ने भी पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी. </p><p>दोषियों ने रांची हाईकोर्ट में अपील की है जिसकी सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने सज़ा पर फिलहाल रोक लगा दी है और अभियुक्तों को ज़मानत पर रिहा किया है.</p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम </a><strong>और </strong><a href="https://www.youtube.com/user/bbchindi">यूट्यूब</a><strong>पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>

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