वाशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आज अपने विवादास्पद आदेश को पलट दिया और अमेरिका-मेक्सिको सीमा पर प्रवासी परिवारों को अलग करने की कार्रवाई पर रोक लगानेवाले एक शासकीय आदेश पर गुरुवारको हस्ताक्षर किये.
अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश करनेवाले प्रवासी परिवारों के बच्चों को बाड़े में रखने की तस्वीरें सामने आने और माता-पिता के लिए बच्चों के रोने का ऑडियो सामने आने के बाद से दुनियाभर में ट्रंप के फैसले के प्रति रोष देखने को मिल रहा था. शासकीय आदेश पर हस्ताक्षर करते हुए ट्रंप ने कहा, ‘परिवारों को अलग करने के दृश्य अच्छे नहीं लगे.’ उन्होंने कहा कि अवैध रूप से सीमा लांघनेवाले लोगों पर आपराधिक अभियोजन चलाने में प्रशासन ‘कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति’ पर चलेगा. चौतरफा आलोचना झेल रहे ट्रंप ने प्रवासी नीति में बदलाव करते हुए इस शासकीय आदेश पर हस्ताक्षर किये. अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश करनेवाले लोगों को उनके बच्चों से अलग किया जा रहा था. पिछले कुछ हफ्तों में ऐसे 2,500 बच्चों को उनके मां-बाप से जुदा किया गया.
शासकीय आदेश पर हस्ताक्षर करने के बाद ट्रंप ने व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में संवाददाताओं से कहा, हम परिवारों को साथ रखेंगे और इससे समस्या सुलझ जायेगी. साथ ही हम सीमा पर सख्ती बनाये रखेंगे और इस संबंध में कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति बरकरार रहेगी. हम उन लोगों को कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे जो देश में अवैध रूप से प्रवेश करते हैं. इस शासकीय आदेश में गृह सुरक्षा विभाग से परिवारों को साथ रखने को कहा गया है जब तक कि उन पर अवैध रूप से सीमा पार करने के मामले में मुकदमा पूरा न हो जाये. लेकिन, उन मामलों को इस शासकीय आदेश से अलग रखा गया है जहां परिजन बच्चों के हित के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं. ट्रंप ने कहा कि यह शासकीय आदेश परिवारों को साथ रखने के साथ ही एक मजबूत और शक्तिशाली सीमा सुनिश्चित करने के संबंध में है.
उन्होंने कहा, सीमा पर सुरक्षा भले ही पहले के मुकाबले बढ़ाई न गयी हो, लेकिन पहले जितनी रहेगी. हम सीमा पर सख्ती बरकरार रखेंगे, लेकिन हम परिवारों को साथ रखनेवाले हैं. ट्रंप ने कहा कि उन्हें परिवारों को अलग होते हुए देखना अच्छा नहीं लगता. यह एक ऐसी समस्या है जो कई साल से चली आ रही है, कई प्रशासनों के कार्यकाल से. हम आव्रजन पर बहुत मेहनत कर रहे हैं. यह मामला ठंडे बस्ते में रहा है. लोगों को इसका सामना नहीं करना पड़ा, लेकिन हम इसका सामना कर रहे हैं. अमेरिका की पहली महिला मेलानिया ट्रंप और राष्ट्रपति की बेटी तथा सलाहकार इवांका ट्रंप ने उनसे अपील की थी कि सीमा पर परिवारों को अलग करने की नीति खत्म की जाये.
पोप फ्रांसिस, ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरीजा मे और कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन त्रुदू ने ट्रंप प्रशासन की नीति को बुधवार को गलत बताया था. हालांकि, ट्रंप के विपक्षी इस शासकीय आदेश से संतुष्ट नहीं हैं और उन्होंने कहा है कि यह पर्याप्त नहीं है. डेमोक्रेटिक नेता नेन्सी पेलोसी ने कहा, राष्ट्रपति का शासकीय आदेश बाल उत्पीड़न के एक रूप को दूसरे से बदलने का काम करेगा. भयभीत बच्चों को संरक्षण देने के बजाय राष्ट्रपति ने अपने अटॉर्नी जनरल को निर्देश दिये कि वह परिवारों को जेल जैसी स्थितियों में लंबे समय तक कैद रखने के लिए रास्ता तलाशें. नेन्सी ने कहा कि राष्ट्रपति के आव्रजन रोधी एजेंडा को आगे बढ़ाने के लिए आतंकित बच्चों का फायदा उठाना’ हमारे राष्ट्र के लिए बेहद अनैतिक है. शीर्ष डेमोक्रेट नेता जो क्रोअली ने कहा कि यह आदेश बच्चों को उनके परिजनों से अलग करने पर रोक लगाता है, लेकिन यह प्रशासन की उस घृणित नीति को खत्म नहीं करता जिसमें शरण मांगनेवालों और हिंसा के कारण यहां आनेवाले लोगों को अकारण हिरासत में ले लिया जाता है.