वॉशिंगटन : ट्रंप प्रशासन एच-1 बी वीजाधारकों के जीवनसाथियों को जारी होनेवाले कामकाजी वीजा (वर्क परमिट) यानी एच-4 वीजा को खत्म करने पर अड़ा है. सरकार के इस प्रस्ताव से अमेरिका में रह रही हजारों भारतीय महिलाएं प्रभावित होंगी.
वर्तमान में ट्रंप प्रशासन एच-1 बी वीजा नीति की समीक्षा कर रहा है. उसका मानना है कि अमेरिकी कर्मचारियों को नौकरियों से दूर रखने के लिए कंपनियां इस नियम का दुरुपयोग करती हैं. एच-1 बी वीजा एक गैर-प्रवासी वीजा है जो कि अमेरिकी कंपनियों को कुछ विशिष्ट क्षेत्रों में विदेशी कर्मचारियों की भर्ती की अनुमति देता है. यह वीजा भारतीय पेशेवरों के बीच खासा लोकप्रिय है. एच-4 वीजा, एच-1 बी वीजाधारकों के जीवनसाथियों (पति-पत्नी) को जारी किया जाता है, जिनमें बड़ी संख्या में भारत के कुशल पेशेवर शामिल हैं.
अमेरिका के गृह विभाग ने कहा, एच-4 आश्रित पति या पत्नी के कामकाजी परमिट को खत्म किया जा रहा है. इस कदम का सबसे ज्यादा असर भारतीय-अमेरिकी महिलाओं पर पड़ेगा, जो कि ओबामा शासनकाल में बनाये गये इस नियम की मुख्य लाभार्थी हैं. सोमवार को प्रकाशित अधिसूचना के मुताबिक, गृह विभाग एच-1 बी गैर प्रवासियों के कुछ एच-4 वीजाधारक जीवनसाथियों के कामकाजी परमिट को खत्म करने का प्रस्ताव कर रहा है. अधिसूचना में कहा गया है कि प्रस्तावित नियमों की सूचना (एनपीआरएम) इस महीने प्रकाशित की जायेगी.
हालांकि, अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवा (यूएससीआईएस) ने जोर दिया कि नियम बनाने की प्रकिया पूरी होने तक एच -4 वीजा को लेकर कोई भी फैसला अंतिम नहीं है. यूएससीआईएस इस संबंध में जनता को सूचित करेगा जब नोटिस ऑफ प्रपोस्ड रूलमेकिंग (एनपीआरएम) को जनता की टिप्पणी के लिए रखा जायेगा. यूएससीआईएस के प्रवक्ता माइकल बार्स ने कहा, राष्ट्रपति ट्रंप की ‘बाय अमेरिकन, हायर अमेरिकन’ नीति को लागू करने के लिए एजेंसी कई नीतिगत और नियामकीय बदलावों पर विचार कर रही है. इसमें रोजगार आधारित वीजा कार्यक्रम भी शामिल है.