हमारे परिवार में एक ताया छज्जू भी थे. उनसे ज़्यादा कानों का कच्चा और शक्की मिज़ाज हमारी सात पीढ़ियों में पैदा नहीं हुआ.
ताया छज्जू का सबसे मशहूर वाक़या ये है कि एक बार उन्होंने सुबह ही सुबह उठकर ताई जी को कपड़े धोने के डंडे से धुन दिया. "बदचलन! पड़ोसी के कपड़े धोती है! नीच औरत!"
ताई की चिल्ली पुकार सुनकर घर के बड़े जमा हो गए और छज्जू से पूछा कि ऐसी क्या हरक़त कर डाली तुम्हारी बीवी ने कि सुबह ही सुबह डंडा लेकर पिल पड़े. ताया ने कहा कि ये कमीनी पड़ोसी के कपड़े धोती है. ताई ने रोते-रोते पूछा, "मैंने कब धोए? तुमने कब देखा? क्या सुबूत है तुम्हारे पास?"
ताया छज्जू बोले, "सुबूत की बच्ची! अरे हमने कल रात ख़ुद सपने में देखा कि तुम हंस हंसकर उसके कपड़े धो रही हो. ख़ुद हमने अपनी आंखों से देखा, सपने में."
मैं समझ सकता हूं अमरीकी टीवी सिरीज़ क्वांटिको वालों की हैरानी और उस तक़लीफ़ को जो उन्हें बहुत से भारतीयों से माफी मांगते समय हुई होगी. क्योंकि उन्होंने ग़लती से इंडियन आइकन प्रियंका चोपड़ा के मुंह से वो बातें कहलवा दीं जो किसी ग़ैर भारतीय एक्टर के मुंह से कहलवानी चाहिए थी, ताकि भारत की बदनामी न होती कि वहां भी कोई हिंदू चरमपंथी हो सकता है.
फिर किसी ने हैरान अमरीकियों को सुझाया होगा कि भाईसाहब माफी मांग लो. मान लिया कि ये कोई रियलिटी शो नहीं था, बल्कि फिक्शन था, अफ़साना था, लेकिन फिर भी माफ़ी मांग लो. जिन लोगों को संजय लीला भंसाली और दीपिका न समझा सके कि पद्मावती की कहानी ऐतिहासिक सच्चाई नहीं बल्कि अफ़साना है, वो तुम्हारी बात काहे को समझने लगे. प्रियंका को घर भी जाना है.
यूं क्वांटिको वालों और प्रियंका ने देशभक्तों से माफी मांग ली.
- पढ़ें: ‘क्वांटिको’ के एक एपिसोड के लिए प्रियंका ने मांगी माफी
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जिस ज़माने फिल्म जिन्ना के लिए क्रिस्टफर ली को चुना गया तो पाकिस्तानी मीडिया में भी कड़ा विरोध हुआ कि जो शख़्स ड्रैकुला के तौर पर मशहूर है वो मोहम्मद अली जिन्ना जैसी अज़ीम शख़्सियत का रोल कैसा कर देंगे. लेकिन किसी विरोधी ने ये धमकी नहीं दी कि जिन्ना फिल्म रिलीज़ हुई तो क्रिस्टफर ली का ख़ून पी जाएंगे. शायद इन विरोधियों को किसी ने कान में कह दिया होगा कि क्रिस्टफर ली का ख़ून पीने का सोचना भी मत. वो तो ख़ुद ख़ून पीकर जीने वाला ड्रैकुला था.
जब मैंने बीबीसी हिंदी सर्विस के लिए लिखना शुरू किया तो एक शुभचिंतक ने पूछा कि क्या आप मुसलमान हैं? मैंने कहा, अलहमदुलिल्लाह. उसने पूछा कि क्या आप देशभक्त पाकिस्तानी भी हैं? मैंने कहा कि इसमें क्या शक़ है. उन्होंने कहा कि तो फिर आपको हिंदुओं की ज़ुबान में हिंदुओं के लिए लिखते हुए शर्म नहीं आती?
ये सुनकर जो मेरा हाल हुआ, मुझे यक़ीन है कि वही हाल संजय लीला भंसाली, दीपिका, प्रियंका चोपड़ा और क्वांटिको टीवी सिरीज़ वालों का भी हुआ होगा. मैं समझता था कि ताया छज्जू सिर्फ हमारे ख़ानदान में हैं. अब पता चला कि कन्याकुमारी से पेशावर तक करोड़ों ताया छज्जू फैले हुए हैं और रोज़ बरोज़ बढ़ रहे हैं.
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