हर साल मई के दूसरे सप्ताह के अंत में दुनिया के प्रवासी पक्षी दिवस मनाया जाता है. हजारों मील की सैर करनेवाले इन खास पक्षियों के प्रति जागरूकता फैलाने की दृष्टि से यह दिन मनाया जाता है.
गरमियों का मौसम शुरू होते ही लाखों अफ्रीकी पक्षी झुंड में यूरोप और एशिया के देशों में प्रवास के लिए आते हैं. पिछले दशकों में हमारे इन मेहमानों का (प्रवासी पक्षियों) का कुछ लालची लोगों ने खूब शिकार किया. इस कारण कई पक्षियों की प्रजाति लुप्त होने के कगार पर आ गयी है. इसे देखते हुए 2006 से विश्व प्रवासी पक्षी दिवस मनाने की परंपरा शुरू हुई.
भारत में अलग-अलग समय में करीब 300 प्रजातियों के प्रवासी पक्षी कुछ समय के लिए आते हैं. इनमें बिहार-झारखंड के भी बहुत-से जिले और पक्षी विहार हैं. यहां अफ्रीकी देशों के प्रवासी पक्षी आते हैं. उन्हें यहां का वातावरण बहुत भाता है. इन प्रवासी पक्षियों को देखने और इनके बारे में जानने के लिए विदेशों से पर्यटक, पर्यावरणविद और वैज्ञानिक यहां आते हैं. अत: हमें कोशिश करनी चाहिए कि कोई इनका शिकार न करे.