चिलचिलाती धूप, गरमी और परीक्षा के कारण पढ़ाई का प्रेशर बच्चों को मायूस कर देता है. इनसे उबरने के लिए समर वैकेशन अच्छा मौका होता है. ज्यादातर बच्चे इसे खेल-कूद में बिताना चाहते हैं. समर कैंप में उन्हें मनोरंजन के साथ स्किल डेवलपमेंट का भी मौका मिलता है. ऐसे तो बहुत से स्कूल समर कैंप आयोजित करते हैं, पर जिन बच्चों को यह मौका स्कूल में नहीं मिल पाता, वे विभिन्न संस्थाओं द्वारा आयोजित कैंप का हिस्सा बन सकते हैं. विस्तृत जानकारी दे रहे हैं सौरभ चौबे.
लगभग सभी स्कूल गरमी की छुट्टियों में 10-12 दिन के समर कैंप का आयोजन करते हैं. जिन बच्चों के स्कूल में समर कैंप का आयोजन नहीं होता, वे अन्य संस्थाओं द्वारा आयोजित कैंप में भाग ले सकते हैं. यहां उन्हें एक्टिंग, डांसिंग, सिंगिंग के अलावा म्यूजिकल इंस्ट्रमेंट बजाना सिखाया जाता है. इसके अलावा बहुत-से संस्थान आर्ट एंड क्राफ्ट, खेल-कूद, साइंस एंड टेक्नोलॉजी से जुड़े विषयों के बारे में भी रोचक क्लास कराते हैं, जहां छोटे-छोटे टिप्स की मदद से मुश्किल प्रश्नों के आसान हल बताये जाते हैं. कहीं-कहीं तो स्वीमिंग, पैरासेलिंग, बंजी जंपिंग आदि भी आयोजित किये जाते हैं.
जो चाहो, वही करो
समर कैंप को मस्ती की पाठशाला कहा जाये, तो गलत नहीं होगा. यहां बच्चों को उनकी रुचि के हिसाब से गाइड किया जाता है. उन पर किसी भी काम को सीखने के लिए प्रेशर देने के बजाये, उन्हें फ्री छोड़ दिया जाता है. ताकि, वे अपनी क्षमता को पहचानें और मस्ती के साथ सीखें. यहां एक ही उम्र के अलग-अलग जगहों से आये बच्चे आपस में मिलते-जुलते हैं. नये आइडियाज पर काम करते हैं. नया, अलग और अनोखा बनाने के लिए हर संभव प्रयास करें.
पटना में बच्चों की ‘किलकारी’
बच्चों में स्किल डेवलपमेंट के लिए भारत सरकार की संस्था बाल भवन ने अलग-अलग राज्यों में कई संस्थाएं खोली हैं. इनमें पटना की ‘किलकारी’ भी है. बिहार में पटना के अलावा भागलपुर और गया में बाल भवन हैं. मुजफ्फरपुर, कैमूर, दरभंगा, सहरसा आदि जगहों पर बाल केंद्र हैं, जहां समर कैंप के दौरान खास आयोजन होते हैं. पटना के ‘किलकारी’ में इस बार ‘ग्रीष्मोत्सव’ का आयोजन हो रहा है. कैंप को कई भागों में बच्चों की रूचि के हिसाब से बांटा गया है