दोस्तों हम ऐसे देश में रहते हैं, जिसके पास हिमालय जैसा प्रकृति का महान वरदान है. विशाल हिमालय सदियों से लोगों, ऋषियों, पर्यटकों और पर्वतारोहियों को आकर्षित करता रहा है.तो गर्मी की छुट्टियों में इस बार मैं आपको ले चलूंगी उत्तर-पूर्व में बसे छोटे से प्रदेश सिक्किम में. सिक्किम ऐसा अनोखा राज्य है, जहां से विश्व की महानतम पर्वत शृंखला- कंचनजंघा देखी जा सकती है. हिमालय की गोद में बसे होने के कारण इस राज्य को कुदरत ने दोनों हाथों से भर-भर के नवाजा है.
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हिमालय का नायाब हीरा है सिक्किम
दोस्तों हम ऐसे देश में रहते हैं, जिसके पास हिमालय जैसा प्रकृति का महान वरदान है. विशाल हिमालय सदियों से लोगों, ऋषियों, पर्यटकों और पर्वतारोहियों को आकर्षित करता रहा है.तो गर्मी की छुट्टियों में इस बार मैं आपको ले चलूंगी उत्तर-पूर्व में बसे छोटे से प्रदेश सिक्किम में. सिक्किम ऐसा अनोखा राज्य है, जहां से […]
सिक्किम में टूरिस्ट अट्रेक्शन हैं- गंगटोक और नामची. गंगटोक के पास थोड़ा ऊपर जाने पर चाइना का बॉर्डर है, जिसे नाथूला पास कहा जाता है. प्राचीन सिल्क रूट भी यहीं से निकलता था.यहां छांगु लेक और बाबा हरभजन मंदिर है. ईस्ट सिक्किम वन्य संपदा से भी भरा हुआ है. यहां चार वाइल्ड लाइफ सेंचुरी हैं.
बाबा हरभजन मंदिर : बाबा हरभजन मंदिर गंगटोक से 191 किमी दूर नाथांग वैली में छांगु लेक से ऊपर पड़ता है. यहां के लोगों का मानना है कि बाबा हरभजन एक सच्चे सिपाही थे.उनकी ड्यूटी बॉर्डर पर थी. एक दिन उनकी गाड़ी गहरे पानी में गिर गयी और इस दुर्घटना में बाबाजी की ड्यूटी पर ही अकाल मृत्यु हो गयी. आज भी बाबाजी की आत्मा यहां ड्यूटी करती है और बॉर्डर पर जवानों की रक्षा करती है. उनकी समाधि के बराबर में बाबाजी का कमरा है, जहां रोज बाबाजी की यूनिफाॅर्म प्रेस करके रखी जाती है.
इंडो-चाइना बॉर्डर और नाथुला पास : अगर आप इंडो चाइना बॉर्डर और नाथुला पास देखना चाहते हैं, तो इसके लिए पहले से परमीशन लेनी होती है. अपनी आईडी और पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ लेकर जाएं. एक दिन पहले परमिट के लिए आवेदन करें.
इसमें आपका होटल स्टाफ मदद करता है. याद रखें, सप्ताह में किसी एक दिन इंडो-चाइना बॉर्डर बंद रहता है. यहां आस पास लोकल लोगों ने दुकानें खोल रखी हैं. जहां से शॉपिंग की जा सकती है, पर कैश साथ लेकर जाएं.
ट्रेकिंग वालों की पसंद वेस्ट सिक्किम : वेस्ट सिक्किम को ट्रेकिंग करनेवालों की पसंदीदा जगहों में एक माना जाता है. यहां दो मुख्य आकर्षण हैं- पेल्लिंग और युक्सोम.
पेल्लिंग से कंचनजंघा पर्वतों का नजारा बहुत खूबसूरत दिखता है. यहां खूबसूरत जंगल, कई मोनेस्ट्री और वाटर फॉल देखने को मिलते हैं. युक्सोम में कई खूबसूरत मोनेस्ट्री हैं.लंबी दूरी तक बॉर्डर क्षेत्र : बहुत ऊंचाई पर होने के कारण कम जनसंख्या वाला राज्य है सिक्किम. चूंकि हम यहां से चीन के साथ काफी लंबी दूरी तक का बॉर्डर शेयर करते हैं, इस लिहाज से नॉर्थ सिक्किम में काफी जगहों पर पाबंदी है. ऊंचाई पर होने के चलते यहां तक पहुंचना मुश्किल है.
नामची और टेमी टी गार्डन : साऊथ सिक्किम के दो मुख्य आकर्षण हैं- नामची और टेमी टी गार्डन. नामची एक छोटा-सा टाउन है, जो बौद्धों का प्रसिद्ध तीर्थ है.यहां बौद्ध संप्रदाय के मशहूर संत पद्मसंभव की विश्व में सबसे लंबी मूर्ति है (लंबाई 118 फिट). यहां नामची मोनेस्ट्री और रालंग मोनेस्ट्री है. यहां एक रॉक गार्डन, सिद्धेश्वर चार धाम और एक खूबसूरत साईं मंदिर भी है.
लोअर हिमालय में होने से सिक्किम को ईकोलॉजिकल सिस्टम के हॉट स्पॉट के रूप में भी जाना जाता है. यहां तरह-तरह के फूल और वनस्पतियां हैं. ऑर्केड यहां का राजकीय पुष्प और रोहडेंडारोंन राजकीय वृक्ष है.सिक्किम में फूलों की लगभग पांच हजार प्रजातियां और रोहडेंडारोंन की छह सौ प्रजातियां पायी जाती हैं. इसलिए हर वर्ष मार्च से मई के बीच यहां इंटरनेशनल फ्लॉवर शो का आयोजन होता है.
सिक्किम सीधे हवाई मार्ग या रेल से नहीं जुड़ा है, इसलिए यहां पहुंचना थोड़ा सा मुश्किल है.
नजदीकी एयरपोर्ट बागडोगरा है. नजदीकी रेलवे स्टेशन न्यू जलपाईगुड़ी है, जहां से आगे सड़क मार्ग से जाना होता है. बागडोगरा से हेलीकॉप्टर से सीधे गंगटोक पहुंच सकते हैं. यह सेवा बहुत महंगी भी नहीं है.
डॉ कायनात काजी
सोलो ट्रेवेलर
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