<p>नाबालिग से बलात्कार के मामले में जोधपुर की अदालत ने धर्मगुरु आसाराम को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई है.</p><p>आसाराम के अलावा शिवा, शरतचंद्र, शिल्पी और प्रकाश इस मामले में अभियुक्त थे.</p><p>अदालत ने शिल्पी और शरतचंद्र को 20-20 साल की सज़ा सुनाई. आसाराम के आश्रम के रसोइया प्रकाश और आसाराम के निजी सचिव रहे शिवा को बरी कर दिया गया.</p><p>शरतचंद्र छिंदवाड़ा आश्रम के डायरेक्टर थे जहां नाबालिग लड़की पढ़ाई करती थी. शिल्पी छिंदवाड़ा आश्रम की वॉर्डन थीं.</p><p>इस बीच, आसाराम के बेटे नारायण साईं का क्या हाल है. जब जोधपुर की अदालत आसाराम की क़िस्मत का फ़ैसला कर रही थी, सूरत की स्थानीय अदालत उनके बेटे नारायण साईं के ख़िलाफ़ बलात्कार के मामले में सुनवाई कर रही थी.</p><p>गवाहों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं जिसके बाद अंतिम जिरह होगी. नारायण साईं को इस मामले में गुरुवार को एक बार फिर अदालत में पेश किया गया.</p><h1>50 दिन तक फरार थे नारायण साईं</h1><p>साईं को दिल्ली पुलिस ने दिसंबर, 2013 को गिरफ़्तार किया था. वो 50 दिन तक फ़रार रहने के बाद गिरफ़्त में आए थे. इस मामले में कुल 34 लोगों पर आरोप हैं जिनमें साईं भी शामिल हैं.</p><p>सूरत पुलिस ने इस मामले में दो शिकायत दर्ज की थीं. एक आसाराम और दूसरी साईं के ख़िलाफ़. </p><p>6 अक्टूबर, 2013 को दर्ज शिकायत में इन दोनों पर बलात्कार, यौन शोषण, बंधक बनाने के आरोप लगे. जहांगीरपुरा पुलिस थाने में दो अलग-अलग आपराधिक शिकायत दर्ज हैं.</p><p>बाद में आसाराम के ख़िलाफ़ मामला अहमदाबाद भेज दिया गया था. दोनों बहनों में से छोटी ने साईं के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराई. </p><p>उसका कहना है कि साल 2002 से 2005 के बीच सूरत में नारायण साईं ने उसका यौन शोषण किया.</p><p>बड़ी बहन ने दूसरी शिकायत में आसाराम के ख़िलाफ़ शिकायत की थी और आरोप लगाया कि साल 1997 से 2006 के बीच उसका यौन शोषण किया गया जब वो अहमदाबाद के बाहर एक आश्रम में रह रही थी.</p><h1>मां के इलाज के लिए ज़मानत</h1><p>गुजरात उच्च न्यायालय ने अप्रैल 2015 में नारायण साईं को अपनी बीमार मां से मिलने के लिए तीन हफ़्तों की ज़मानत दी थी. उनकी मां को अहमदाबाद में एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया था.</p><p>हालांकि 29 अप्रैल को उन्होंने अदालत ने उनकी दूसरी ज़मानत याचिका ख़ारिज कर दी थी जिसनें उन्होंने अपनी माँ के दिल के ऑपरेशन के लिए ज़मानत मांगी थी. अदालत ने कहा कि उन्हें ज़मानत तभी मिलेगी, जब डॉक्टर यह बता देंगे कि उनकी माँ का ऑपरेशन किस तारीख़ को होगा.</p><p><strong>चुनाव लड़ने के लिए </strong><strong>भी मांगी </strong><strong>ज़मानत</strong></p><p>नारायण साईं ने जनवरी 2017 में उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में अपनी उम्मीदवारी के लिए कोर्ट में अर्जी देकर जमानत की अपील की थी.</p><p>याचिका में उन्होंने ज़िक्र किया था वो उत्तर प्रदेश की दो विधानसभा सीटों से चुनाव लड़ना चाहते हैं. चुनावी तैयारियों की देखरेख के लिए उन्हें कुछ दिनों के लिए जेल से रिहा किया जाए. हालांकि कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका ख़ारिज कर दी थी. </p><p>नारायण साईं ने ओजस्वी पार्टी नाम से अपना राजनीतिक संगठन भी बनाया है. </p><h1>धमकी और हमले</h1><p>आसाराम के बेटे नारायण साईं और उनके समर्थकों पर केस से जुड़े गवाहों और पुलिस अधिकारियों तक को धमकी देने के आरोप लगे हैं. उन पर गवाहों की हत्या का भी आरोप है. </p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi/">फ़ेसबुक</a><strong> और </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>
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आसाराम के बाद अब नारायण साईं का क्या होगा?
<p>नाबालिग से बलात्कार के मामले में जोधपुर की अदालत ने धर्मगुरु आसाराम को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई है.</p><p>आसाराम के अलावा शिवा, शरतचंद्र, शिल्पी और प्रकाश इस मामले में अभियुक्त थे.</p><p>अदालत ने शिल्पी और शरतचंद्र को 20-20 साल की सज़ा सुनाई. आसाराम के आश्रम के रसोइया प्रकाश और आसाराम के निजी […]
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