बीजिंग : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग से दो दिवसीय अनौपचारिक शिखर वार्ता के लिए चीन के वुहान पहुंच चुके हैं जहां महज 24 घंटे के भीतर ही मोदी और शी जिनपिंगके बीच 6 मुलाकातें होनी है. इन मुलाकातों में एक मुलाकात ईस्ट लेक में बोट पर भी होगी. मुलाकातों के दौरान दोनों नेता द्विपक्षीय संबंधों के बढ़ने की रणनीतिक और दीर्घकालीन परिप्रेक्ष्य से समीक्षा करेंगे. खबरों की मानें तो पीएम मोदी के लिए चीन में खास शाकाहारी खाने की भी व्यवस्था की गयी है.
आपको बता दें कि पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंगके बीच 27-28 अप्रैल को वुहान में अनौपचारिक बैठक होगी. इस दौरान द्विपक्षीय एवं आपसी हितों से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होगी. राष्ट्रपति शी गुरुवार को ही वुहान पहुंच गये. पहली बार शी खुद किसी नेता का स्वागत करने बीजिंग से बाहर आये हैं.
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क्या है यह अनौपचारिक यात्रा : पीएम मोदी और राष्ट्रपति शी के बीच अनौपचारिक वार्ता के दौरान किसी समझौते पर दस्तखत नहीं होगा. साझा बयान जारी नहीं होगा व शिष्टमंडल स्तर की बातचीत नहीं होगी. यह मौका दोनों देशों के प्रमुखों के बीच अनौपचारिक सीधी आपसी बातचीत का होगा.
राजीव-डेंग की तर्ज पर हो रही मुलाकात: पीएम मोदी और राष्ट्रपति शी के बीच वुहान शिखर बैठक को 1988 में हुए भारत के पूर्व पीएम राजीव गांधी तथा चीन के तत्कालीन नेता डेंग शियाओपिंग की पहली अनौपचारिक बैठक जैसी ही महत्वपूर्ण मानी जा रही है.
चीन के मध्य क्षेत्र में पहली बार गये पीएम मोदी : वुहान, मध्य चीन का एक प्रसिद्ध शहर है. यहां से यागत्से नदी बहती है. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के अनुसार, मोदी उत्तर में बीजिंग जा चुके हैं, दक्षिण में शंघाई, पश्चिम में शियान और पूर्व में शियामेन भी जा चुके हैं. इसलिए इस बार उन्हें मध्य चीन के वुहान शहर में आमंत्रित किया गया है. वहां सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम किये गये हैं. होटल के सामने स्थित घरों और अन्य प्रतिष्ठानों की खिड़कियों को अगले दो दिनों तक बंद रखने के आदेश दिये गये हैं.
3,488 किमी लंबी सीमा पर है विवाद : मोदी और जिनपिंग, सीमा विवाद के साथ-साथ डोकलाम विवाद पर भी चर्चा कर सकते हैं. भारत-चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा के करीब 3,488 किलोमीटर लंबे हिस्से पर विवाद है. दोनों देश के विशेष प्रतिनिधियों के बीच 20 चरणों की बातचीत हो चुकी है. इसके उचित समाधान से ही आपसी विश्वास बढ़ेगा.
दोनों देशों के बीच 22.1 अरब डॉलर का व्यापार : भारत-चीन के बीच द्विपक्षीय व्यापार में पहली तिमाही में भारी बढ़ोतरी दर्ज की गयी है. 15.4 फीसदी की वृद्धि दर से यह 22.1 अरब डॉलर तक पहुंच गया है. माना जा रहा है कि 2018 के आखिर तक भारत-चीन का निवेश 8 अरब डॉलर के पार पहुंच जायेगा. सीमा विवाद से जहां तनाव गहराया है, वहीं व्यापार से ही दोनों देशों में गर्माहट लौटी है.