वॉशिंगटन: अमेरिका में नौकरी केलिए भारतीयआइटी पेशेवरों के बीच प्रचलित एच-1 बी वीजा के लिए आवेदन प्रकिया कल से शुरू हो रही है. ट्रंप प्रशासन ने इस प्रकार के वीजा जारी करने से पहले कड़ी जांच का प्रावधान किया है. संघीय एजेंसी अमेरिकी नागरिकता एवं आव्रजन सेवा (यूएससीआइएस) विभाग की ओर से कड़े संकेत आ रहे हैं कि इस मामले में छोटी-सी गलती भी बर्दाश्त नहीं जाएगी.
विभिन्न सोशल मीडिया मंचों और समूहों में चल रही चर्चा इशारा कर रहा है कि इस बार आवेदन अस्वीकृत होने की दर कहीं अधिक रहने की आशंका है. अमेरिका में एक अक्तूबर से शुरू होने वाले नये वित्तीय वर्ष 2019 के लिए यह आवेदन प्रक्रिया शुरू होने जा रही है. एच1 बी वीजा एक गैर-प्रवासी वीजा है, जो विदेशी कर्मचारियों को अमेरिका में काम करने की इजाजत देता है.
आइटी कंपनियां इस वीजा पर बहुत अधिक निर्भर हैं और हर साल भारत और चीन जैसे देशों से हजारों कर्मचारियों कोइस वीजा के जरिये नौकरियां मिलतीं हैं. आवेदन प्रक्रिया शुरू होने से पहले यूएससीआइएस ने चेतावनी जारी करके कहा था कि सभी डुप्लीकेट आवेदनों को निरस्त किया जाएगा. साथ ही वीजा आवेदन के प्रीमियम प्रसंस्करण पर भी अस्थायी रोक लगायी गयी है. विभाग ने कहा, हम जल्द ही प्रीमियम प्रसंस्करण शुरू करने की तिथि की घोषणा करेंगे. यूएससीआइएस ने आवेदन दाखिले के लिए दिए टिप्स में कहा, प्रपत्र के सभी खंड़ों को सही ढंग से पूरा करें… इसी के साथ आवेदनकर्ता को लाभार्थियों के वैध पासपोर्ट की एक प्रति भी जमा करनी चाहिए.