23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

चीन में अब इस तरह के वीडियो बनाए तो होगी सख्ती

<p>चीन की सरकार इंटरनेट और सोशल मीडिया पर हमेशा ही कड़ी निगरानी रखती रही है.</p><p>चीन की सरकार ने अपनी सेंसरशिप की नीति को आगे बढ़ाते हुए एक और फ़रमान जारी किया है.</p><p>चीन के मीडिया नियामक ने कहा है कि अगर आगे से पैरोडी वीडियो बनाने वालों के ख़िलाफ कार्रवाई होगी. </p><p>इसमें कहा गया है कि […]

<p>चीन की सरकार इंटरनेट और सोशल मीडिया पर हमेशा ही कड़ी निगरानी रखती रही है.</p><p>चीन की सरकार ने अपनी सेंसरशिप की नीति को आगे बढ़ाते हुए एक और फ़रमान जारी किया है.</p><p>चीन के मीडिया नियामक ने कहा है कि अगर आगे से पैरोडी वीडियो बनाने वालों के ख़िलाफ कार्रवाई होगी. </p><p>इसमें कहा गया है कि ऐसी वीडियो वेबसाइट प्रतिबंधित की जा रही हैं जिनमें प्राचीन साहित्य या कला का स्वरुप बिगाड़ने वाले स्पूफ़ वीडियो होंगे. टीवी, रेडियो, ऑनलाइन कार्यक्रमों के वीडियो में बदलाव कर बनाए गए वीडियो पर भी प्रतिबंध होगा. </p><p>चीन के ब्लॉगर्स लगातार स्पूफ़ वीडियो बना रहे हैं, जिनमें सरकारी मीडिया और वर्तमान घटनाओं की खिल्ली उड़ाई जाती है.</p><p>चीन का इंटरनेट पर काफ़ी नियंत्रण है लेकिन फिर भी सोशल मीडिया के यूज़र्स इन प्रतिबंधों को दरकिनार करने की कोशिश करते रहते हैं.</p><p>स्टेट एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ प्रेस, पब्लिकेशन, रेडियो, फिल्म और टेलीविज़न के एक नए दिशा-निर्देश में कहा गया है कि जिन वीडियो को एडिट किया गया है या उसके असली मतलब को ही बदल दिया गया है, उन वीडियो को प्रसारित नहीं किया जाएगा. </p><p>इसमें आगे कहा गया है, ”हाल के समय में कुछ ऑनलाइन सामग्रियों में बहुत-सी समस्याएं आई हैं जिसकी वजह से समाज पर बहुत ही ग़लत असर पड़ा है.”</p><h1>सार्वजनिक संवाद पर बंदिश</h1><p>पिछले सप्ताह टीवी पर दिखाया गया कि चीन की नेशनल पीपल्स कॉन्फ्रेंस की एक न्यूज़ कॉन्फ्रेंस में एक महिला पत्रकार दूसरी महिला रिपोर्टर के सवाल पर हैरानी जता रही है.</p><p>इस घटना का वीडियो वायरल हो गया और इसी के कई दूसरे नकली और मज़ाकिया वीडियो भी बनाये गये.</p><p>2013 में देश के मीडिया ने बताया था कि सरकार के बीस लाख से अधिक लोगों को ऑनलाइन सामग्री को मॉनिटर और प्रतिबंधित करने के लिए रखा गया है.</p><p>संवाददाताओं का कहना है कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग की सरकार के आने के बाद सार्वजनिक संवाद को काफ़ी प्रतिबंधित किया गया है. </p><p>कम्युनिस्ट पार्टी ने संविधान से उस अनुच्छेद को हटा दिया है जिसके तहत कोई व्यक्ति केवल दो ही बार राष्ट्रपति बन सकता था. इसके बाद से पिछले महीने चीन की सोशल नेटवर्किंग साइट-वीबो (ट्विटर जैसा) पर से ‘आई डॉन्ट एग्री’, ‘कॉन्स्टिट्यूशन रुल्स’ और ‘विनी द पू’ जैसे वाक्यों को प्रतिबंधित कर दिया गया है.</p><p>संवैधानिक बदलाव को नेशनल्स पीपल्स कांग्रेस ने मंजूरी दी है. इसके तहत शी जिनपिंग को सत्ता में बने रहने की शक्ति मिल गई है. </p><p><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-43194454">क्या चीन पर शी जिनपिंग का कंट्रोल यूं ही बना रहेगा!</a></p><p><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-43190057">शी जिनपिंग को 2023 के बाद भी राष्ट्रपति बनाने की तैयारी</a></p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक </a><strong>करें. आप हमें </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">फ़ेसबुक</a><strong> और </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong> पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं.)</strong></p>

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें