नयी दिल्ली/बीजिंग : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवारको फोन पर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से बात की. मोदी ने शी को पांच साल के एक अन्य कार्यकाल के लिए राष्ट्रपति चुने जाने पर बधाई दी और उच्च स्तरीय आदान-प्रदान एवं द्विपक्षीय सहयोग बेहतर बनाने को लेकर दोनों देशों की ओर से किये जा रहे प्रयासों पर चर्चा की.
मोदी संभवत: पहले विदेशी नेता हैं जिन्होंने शी के दूसरी बार राष्ट्रपति चुने जाने के बाद उनसे बात की है. प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवारको चीन की सोशल मीडिया साइट पर शी को बधाई दी थी. चीन की सरकारी न्यूज एजेंसी शिन्हुआ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मोदी ने कहा कि भारत और चीन दोनों प्राचीन सभ्यताएं हैं और दोनों का वैश्विक प्रभाव है. उन्होंने कहा कि भारत उच्च स्तरीय आदान-प्रदान बढ़ाने, द्विपक्षीय संबंधों को गहरा बनाने, अंतरराष्ट्रीय मामलों में समन्वय एवं सहयोग मजबूत बनाने के लिए चीन के साथ मिलकर काम करेगा, ताकि दोनों देशों के बीच करीबी विकास साझेदारी बने और वैश्विक एवं क्षेत्रीय शांति एवं विकास को बढ़ावा मिले. शी ने मोदी की ओर से दी गयी बधाई स्वीकारी और कहा कि नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) और चाइनीज पीपुल्स पोलिटिकल कंसल्टेटिव कांफ्रेंस (सीपीपीसीसी) के संपन्न हुए सत्र ने बड़ी सफलता हासिल की है.
रिपोर्ट के मुताबिक, मोदी ने कहा कि शी का फिर से चुना जाना दिखाता है कि उन्हें पूरे चीनी राष्ट्र का समर्थन प्राप्त है. शी ने मोदी को एनपीसी और सीपीसीसीसी के वार्षिक सत्रों के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इन सत्रों में देश के शीर्ष स्तर पर नये नेतृत्व और सीपीपीसीसी के नए नेतृत्व को चुना गया. संवैधानिक संशोधनों जैसे अहम प्रस्ताव मंजूर किये गये और स्टेट काउंसिल (कैबिनेट) के संस्थागत ढांचे के नए दौर की शुरुआत हुई. उन्होंने कहा कि चीन अपने सुधार को व्यापक बनायेगा और अपने विकास के साथ-साथ दुनिया की साझा प्रगति में भी अहम योगदान करेगा.
मोदी ने चीन की सोशल मीडिया साइट ‘वीबो’ पर डाले गये एक संदेश में कहा था, ‘प्रिय राष्ट्रपति शी जिनपिंग, आपको दोबारा चीन का राष्ट्रपति चुने जाने पर बधाई.’ उन्होंने कहा था, ‘मैं अपने द्विपक्षीय रिश्तों के विकास के लिए आपके साथ मिलकर काम करने को लेकर उत्सुक हूं.’ पिछले हफ्ते 64 साल के शी को कठपुतली मानी जानेवाली चीन की संसद नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) के 2970 डिप्टी द्वारा एकमत से निर्वाचित किया गया था. शी आजीवन राष्ट्रपति बने रह सकते हैं. वह माओत्से तुंग के बाद देश के सबसे ताकतवर नेता के तौर पर उभरे हैं. राष्ट्रपति पद संभालने के अलावा वह सत्ताधारी कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) और सेना के सर्वेसर्वा हैं.
पिछले साल सिक्किम सेक्टर के डोकलाम में 73 दिनों तक कायम रहे गतिरोध के बाद भारत और चीन रिश्ते सुधारने के राजनयिक प्रयास कर रहे हैं. विदेश सचिव विजय गोखले ने हाल में बीजिंग का दौरा किया था और चीन के शीर्ष स्तरीय अधिकारियों से बातचीत की थी, जबकि रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल में कहा था कि वह अगले महीने चीन की यात्रा पर जा सकती हैं. मोदी और शी इस साल जून में चीन के किंगदाओ में होनेवाले शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन में मिल सकते हैं.