वाशिंगटन : पेंटागन ने कहा है कि आतंकवादियों की पनाहगाहों को लेकर अमेरिकी चिंताओं का निराकरण होने तक अमेरिका पाकिस्तान को सुरक्षा सहायता दोबारा शुरू नहीं करेगा. पेंटागन ने कहा है कि आतंकवादियों के खिलाफ पाकिस्तान की कार्रवाई न केवल अफगानिस्तान की मदद करेगी, बल्कि इससे भारत और पूरे क्षेत्र की रक्षा होगी.
उल्लेखनीय है कि जनवरी में अमेरिका ने पाकिस्तान को 1.15 अरब डॉलर की सुरक्षा सहायता पर रोक लगा दी थी. अमेरिका ने पाकिस्तान पर अपनी सीमाओं पर अफगान तालिबान और हक्कानी नेटवर्क जैसे आतंकवादी संगठनों को पनाह देने और आतंकवादियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने की अनिच्छा दिखाने का आरोप लगाया था. इसके अलावा रक्षा विभाग ने वित्तीय वर्ष 2017 के लिए पाकिस्तान को गठबंधन सहायता निधि (सीएसएफ) के पूरे 90 करोड़ डॉलर पर भी रोक लगा दी थी.
रक्षा विभाग के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल माइक एंड्रयूज ने कहा,‘अमेरिकी सरकार बहुत ही ईमानदारी से पाकिस्तान के साथ सार्वजनिक और निजी तौर पर उन चीजों को स्पष्ट करने का प्रयास कर रही है कि उन्हें (पाकिस्तान) हमारी चिंताओं पर ध्यान देने की जरूरत है ताकि हम सहायता को बहाल करने के लिए आगे बढ़ सकें.’ एंड्रयूज हाल ही में अफगानिस्तान से लौटे थे. उनके साथ रक्षा मंत्री जिम मैटिस भी थे. एंड्रयूज से जब यह पूछा गया कि पाकिस्तान से अमेरिका की विशेष मांगें क्या हैं तो उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान के भीतर स्थित सुरक्षित पनाहगाह जहां तालिबान लड़ाके सीमा पार जा सकते हैं, हमला कर सकते हैं और वापस आ सकते हैं और सुरक्षित रह सकते हैं. पाकिस्तानी अधिकारियों से वे सुरक्षित हैं. हमें इसे देखने की जरूरत है.’
उन्होंने कहा,‘हमें उम्मीद है कि वे कार्रवाई करेंगे क्योंकि हमें लगता है कि इससे न केवल अफगानिस्तान की सुरक्षा होगी, बल्कि ऐसा करने से हम पाकिस्तान, भारत और पूरे क्षेत्र की रक्षा करने जा रहे हैं.’ एंड्रयूज ने कहा कि अमेरिकी सैनिकों की अंतरराष्ट्रीय सीमा पार करके आतंकवादियों को खोजने की कोई योजना नहीं है.