स्थानीय फ़ोटोग्राफ़र क्रिस डोरले-ब्राउन को ये तस्वीर 2017 में मिली जब उन्हें ग्रेनिक की हज़ारों रंगीन स्लाइड्स की समीक्षा के लिए बुलाया गया था.
इस खोज के बाद ‘द ईस्ट एंड इन कलर, 1960-1980’ किताब को रिलीज़ किया गया जिसे होक्सटन मिनी प्रेस ने प्रकाशित किया था.
ग्रेनिक 1968 तक ईस्ट एंड लंदन में ही रहे जहां 68 साल की उम्र में उनकी मृत्यु हो गई.
उनकी तस्वीरों ने उस अतीत में जान डाल दी जो ब्लैक एंड व्हाइट में ही नज़र आता था.
इस क्लेक्शन को 1980 में टॉवर हेमलेट्स लोकल हिस्ट्री लाइब्रेरी एंड आर्काइव्स ने रख लिया था.
नीचे लगी तस्वीर 1961 के स्टीफ़र्ड एस्टेट की है जो डोरले-ब्राउन की पसंदीदा है क्योंकि इसमें वो आशंकाएं समाहित हैं कि आधुनिक टावर ब्लॉक कैसे समुदाय को प्रभावित करेगा.
हालांकि डोरले-ब्राउन ग्रेनिक से कभी नहीं मिले, लेकिन उनका मानना है कि ग्रेनिक ईस्ट एंड लंदन को एक प्रवाह में देख रहे थे और बदलावों को एक लैंडस्केप में सोच रहे थे.
डोरले-ब्राउन सोचते हैं कि ग्रेनिक दृढ़ थे कि वो इस रहस्यमयी वातावरण के ग़ायब होने से पहले फ़िल्मों पर उतार लेंगे.
डोरले-ब्राउन कहते हैं, "सभी शहर तब्दीलियों से गुज़रते हैं, जगहों को दोबारा बनाया जाता है, नए नक्शे में ढलते हैं, इमारतें बदल जाती हैं, लेकिन फिर भी किसी तरह उस जगह का मूल तत्व बचा रह जाता है."
"मेरे ख़्याल से ये लोगों और उनके रवैये की वजह से होता है कि कोई जगह और उसकी परंपरा बची रह जाती है."
ये तस्वीरें टॉवर हेमलेट्स लोकल हिस्ट्री लाइब्रेरी एंड आर्काइव्स के सौजन्य से ली गई हैं जहां इन तस्वीरों को 5 मई 2018 तक प्रदर्शनी में देखा जा सकता है.
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