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कैसे श्रीदेवी बोनी कपूर की होती चली गई थीं…

श्रीदेवी ने अपने 51 साल लंबे करियर में फ़िल्मी पर्दे पर ज़बरदस्त कामयाबी हासिल की थी. लेकिन एक वक्त ऐसा भी था जब उनकी निजी ज़िंदगी में काफी उथल-पुथल मची हुई थी. ये वो दौर था जब श्रीदेवी अपने शिखर पर थीं- और पर्दे के पीछे उनकी असल ज़िंदगी में प्रेम कहानी लिखी जा रही […]

श्रीदेवी ने अपने 51 साल लंबे करियर में फ़िल्मी पर्दे पर ज़बरदस्त कामयाबी हासिल की थी.

लेकिन एक वक्त ऐसा भी था जब उनकी निजी ज़िंदगी में काफी उथल-पुथल मची हुई थी.

ये वो दौर था जब श्रीदेवी अपने शिखर पर थीं- और पर्दे के पीछे उनकी असल ज़िंदगी में प्रेम कहानी लिखी जा रही थी.

90 के दशक में श्रीदेवी ने निर्माता बोनी कपूर से शादी की, लेकिन उस समय वे शादीशुदा थे.

दोनों की प्रेम कहानी 80 के दशक में शुरू हुई जब बोनी बतौर प्रोड्यूसर खुद के लिए जगह बना रहे थे.

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‘मिस्टर इंडिया’ की कहानी

वरिष्ठ फ़िल्म पत्रकार और समीक्षक जयप्रकाश चौकसे ने बीबीसी की सहयोगी पत्रकार सुप्रिया सोगले को बताया, "मिस्टर इंडिया फ़िल्म बनाने की योजना बन रही थी तब लेखक जावेद अख्तर और बोनी कपूर श्रीदेवी को फ़िल्म ऑफ़र करने चेन्नई गए थे."

"फ़ोन पर श्रीदेवी की माँ ने दोनों को इंतज़ार करने को कहा क्योंकि श्रीदेवी उस दौरान व्यस्त थीं. तक़रीबन 3-4 दिन तक कोई फ़ोन नहीं आया."

"जावेद साहब को अफ़सोस हो रहा था कि कोई बात नहीं बन रही है और बोनी कपूर गहरी चिंता में थे क्योंकि बहुत बड़ी फ़िल्म बनाने जा रहे थे."

"बोनी कपूर श्रीदेवी के बंगले के रोज़ चक्कर काटते रहे. फिर 10 दिन बाद श्रीदेवी ने मिलने का समय दिया और सुनाई तो फ़िल्म की कहानी बहुत अच्छी लगी और फ़िल्म करने राज़ी हो गईं.

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बोनी का प्यार

कोई पाँच साल पहले इंडिया टूडे के एक सार्वजनिक कार्यक्रम में बोनी कपूर ने अपनी प्रेम कहानी कुछ यूँ बताई थी, "जब मैंने श्रीदेवी की पहली बार पर्दे पर देखा तो मुझे पर्दे पर तभी उससे एक तरह से प्यार हो गया था."

"मैंने उन्हें 70 के दशक में तमिल फ़िल्म में देखा था और उनसे मिलने चेन्नई चला गया कि फ़िल्म में साइन कर लेता हूँ."

"लेकिन वो उस समय चेन्नई में नहीं थीं. फिर मैने उन्हें ‘सोलवां सावन’ में देखा. मेरे ज़हन में वे कभी गई नहीं. आख़िरकर मैंने उन्हें ‘मिस्टर इंडिया’ में साइन किया."

"तब उनकी माँ उनके फ़ैसला लिया करती थी. मैं श्रीदेवी को साइन करने उनकी माँ से मिलने गया. तब श्रीदेवी सबसे महंगी अभिनेत्री थीं."

"उनकी माँ ने मुझे 10 लाख की फ़ीस रखी -शायद मुझे टरकाने के लिए. मैंने कहा मैं 11 लाख दूँगा."

"उनकी माँ से मेरी दोस्ती हो गई और मैं सेट पर उनके लिए हर चीज़ तैयार रखता था-बेहतरीन मेकअप रूम, बेहतरीन कपड़े. दरअसल मुझे उनसे प्यार हो गया था."

"उन दिनों वो ‘चांदनी’ के लिए शूट कर रही थीं. मैं बहाने से स्विट्ज़रलैंड जाता था ताकि उनसे मिल सकूँ. ये सिलसिला ऐसे ही चलता रहा."

"मैंने पूरी कोशिश की उन्हें जताने की कि मैं हर कदम पर उनके साथ हूँ. धीरे-धीरे श्रीदेवी को समझ में आया कि मैं वाकई उनसे प्यार करता हूँ."

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श्रीदेवी की मां की बीमारी

कहा जाता है कि श्रीदेवी की मां की बीमारी और फिर उनकी मौत के दौरान दोनों की नज़दीकियां बढ़ी थीं.

जयप्रकाश चौकसे कहते हैं, "श्रीदेवी की माँ बीमार थीं, उन्हें ब्रेन सर्जरी करवाना था. जब बोनी कपूर को पता चला तो वो चेन्नई चले गए."

"डॉक्टर की सलाह पर श्रीदेवी की माँ को सर्जरी के लिए अमरीका ले जाया गया. पूरे ट्रिप में बोनी कपूर उनके साथ थे. पर डॉक्टरों ने श्रीदेवी की मां की ग़लत सर्जरी कर दी."

"श्रीदेवी ने अस्पताल पर मुक़दमा किया और आख़िर में हॉस्पिटल से सेटलमेंट हुआ और उन्हें मुआवज़े के तौर पर 16 करोड़ रुपये मिले थे."

"इस नाज़ुक घडी में बोनी कपूर किस तरह से उनकी माँ और उनकी सेवा कर रहे थे, वो श्रीदेवी ने देखा."

"श्रीदेवी के पिता का निधन पहले ही हो चुका था और वो अपनी माँ के करीब थीं."

"माँ के निधन के बाद उन्हें सांत्वना देने के लिए हर समय उनके पास रहने वाले बोनी कपूर ही थे. इस तरह उनका रिश्ता सहानभूति से शुरू हुआ और प्रेम में बदल गया."

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दक्षिण भारत से आई थीं…

बोनी कपूर के साथ श्रीदेवी ने मिस्टर इंडिया, रूप की रानी चोरों का राजा, मॉम जैसी फ़िल्में की हैं.

हालांकि ये रिश्ता आसान नहीं था क्योंकि बोनी कपूर की शादी हो चुकी थी और उनके दो बच्चे भी थे. इसे लेकर काफ़ी विवाद भी हुआ था.

लेकिन 90 के दशक में श्रीदेवी और बोनी कपूर ने शादी कर ली.

दोनों की पारिवारिक पृष्ठभूमियां भी काफी अलग थीं. एक ओर जहां श्रीदेवी दक्षिण भारत से आई थीं तो बोनी कपूर का परिवार पंजाबी था.

जयप्रकाश चौकसे बताते हैं, "शादी के बाद श्रीदेवी ने पंजाबी रीति-रिवाज़ सीखे. अपने आप को पंजाबी परिवार में ढालने कोशिश की."

"श्रीदेवी ने कभी भी बोनी कपूर को दक्षिण भारतीय रीति-रिवाज़ में ढलने को नहीं कहा."

"श्रीदेवी बोनी कपूर के परिवार मतलब उनके भाई और भाइयों के बच्चों के प्रति समर्पित थीं."

"अपने ससुर सुरिंदर कपूर के 75वें जन्मदिन के लिए चेन्नई में उन्होंने बहुत बड़े कार्यक्रम का आयोजन किया था. चन्नई के बंगले पर यज्ञ पूजा हुई, पार्टी रखी गई.

"इस पार्टी में कमल हासन और रजनीकांत मेहमानों को बतौर होस्ट मिले और स्नैक्स सर्व करते दिखे क्यूंकि वे श्रीदेवी का बहुत आदर करते थे."

श्रीदेवी अपनी सेहत को लेकर बहुत ही सचेत रहती थीं और बोनी कपूर जो अपनी सेहत को लेकर लापरवाह थे, उनसे अक्सर इस मुद्दे पर बहस करती थीं.

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