22.3 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

समस्याएं बड़ी होने का इंतजार न करें

।। दक्षा वैदकर।। औरलैंडो मैजिक के ऑनर रिच डेवॉस समस्याओं के सामने आने का इंतजार नहीं करते. वे बहुत सक्रिय हैं. वे समस्याओं के उत्पन्न होने से पहले ही उन्हें खोज निकालते हैं. वे यह सुनिश्चित करते हैं कि वे समस्याओं को तभी पकड़ लें, जब वे छोटी हों, ताकि बाद में पछतावा न हो […]

।। दक्षा वैदकर।।

औरलैंडो मैजिक के ऑनर रिच डेवॉस समस्याओं के सामने आने का इंतजार नहीं करते. वे बहुत सक्रिय हैं. वे समस्याओं के उत्पन्न होने से पहले ही उन्हें खोज निकालते हैं. वे यह सुनिश्चित करते हैं कि वे समस्याओं को तभी पकड़ लें, जब वे छोटी हों, ताकि बाद में पछतावा न हो कि इन्हें तभी हल कर लेना चाहिए था, जब यह छोटी बात थी. पूर्व आल्टीकोर कर्मचारी स्टीव हाएशटर एक घटना के बारे में बताते हैं, जो समस्याओं के बारे में रिच की सक्रिय नीति का उदाहरण है.

स्टीव बताते हैं कि ‘रिच अपनी कंपनी एमवे में ‘स्पीक-अप सेशन’ आयोजित करते थे. कर्मचारी उनके साथ बैठ कर अपनी भावनाएं, शिकायतें या सुझाव बता सकते थे और रिच उन्हें सुन कर जवाब देते थे. अपने पहले स्पीक-अप सेशन में भाग लेते समय मैं 29 साल का था और फैक्ट्री में काम करता था. टेबल के चारों तरफ 25 कर्मचारी बैठे थे. मैं रिच के ठीक पास बैठा था. रिच ने सत्र शुरू किया और टेबल पर बैठा हर कर्मचारी बारी-बारी से अपनी शिकायतें या समस्याएं बताने लगा.

एक व्यक्ति ने कहा, ‘वेंडिंग मशीनों में 7 अप नहीं है.’ दूसरे ने कहा, ‘इस यूनिफॉर्म का रंग दीवारों के रंग जैसा नहीं है.’ ऐसी शिकायतें सुन कर मुङो इस मूर्खता पर यकीन नहीं हुआ. हर शिकायत बहुत छोटी लग रही थी. मैंने आवेश में सांस छोड़ी. रिच ने मेरी ओर मुड़ कर पूछा ‘आपकी क्या समस्या है?’ मैंने कहा ‘ये सभी शिकायतें इतनी छोटी हैं कि इनका जिक्र ही नहीं होना चाहिए. यह आपके समय की बर्बादी है.’ रिच ने कहा, ‘इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि समस्याएं कितनी छोटी या बड़ी हैं.

अगर कोई भी समस्या है, तो मैं उसे सुनना चाहता हूं.’ बाद में रिच मुझसे मिलने आये और अलग से जा कर बोले, ‘स्टीव, मैं तुम्हें एक बात बता रहा हूं. इस तरह की मीटिंग मेरे लिए पैमाने की छड़ी हैं. मैं समस्याओं को खोजता हूं और मुङो उम्मीद है कि मिलनेवाली हर समस्या ‘वेंडिंग मशीन में 7 अप नहीं है’ जितनी छोटी हो. अगर यह हमारी सबसे बड़ी समस्या है, तो मुङो खुशी होती है. इसका मतलब है कि कंपनी अच्छी चल रही है.

बात पते की..

समस्या सुलझाने के पहले आपको हर तत्व की ठीक से जांच कर लेनी चाहिए. आप यह स्पष्ट रूप से समझ लें कि असल समस्या क्या है.

समस्या को समझ लेना, उसे 90 प्रतिशत हल कर देना है. अब आप समस्या को सभी के सामने रखें, लोगों की राय लें. यह हल हो जायेगी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें