मिस्र में एक ब्रिटिश महिला को पेन किलर टैबलेट रखने के लिए तीन साल की सज़ा सुनाई गई है.
उनपर दवाईयों की तस्करी का आरोप लगाया गया था.
33 साल की लॉरा प्लमर के पास से 300 पेनकिलर टैबलेट पाया गया था. नौ अक्तूबर को लॉरा के सूटकेस में ट्रेमाडॉल टैबलेट पाई गई, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया.
प्लमर ने दावा किया है कि उनकी ये दवाईयां ब्रिटेन में वैध है लेकिन मिस्र में इनपर प्रतिबंध है, इस बात की उन्हें जानकारी नहीं थी.
इस परिवार को दर्द महसूस ही नहीं होता
उनके परिवार का कहना है कि उनके वकील ने अपील दायर कर दी है.
अदालत में सुनवाई के समय प्लमर की मां रोबर्ट सिनक्लेर वहीं मौजूद थी. उन्होंने बीबीसी को बताया, "आज के फ़ैसले से मैं सदमे में हूं."
परिजनों का कहना है कि प्लमर ने दवाईयों को छिपाने की कोशिश भी नहीं की, जिसे उनके एक दोस्त ने दी थी. जब उन्हें अधिकारियों ने पकड़ा तो प्लमर को लगा कि ये किसी क़िस्म का मज़ाक है.
प्लमर अपने साथी उमर काबू के साथ हूरगादा के रेड सी रिज़ॉर्ट में छुट्टियां बिताने गई थीं. वहीं से प्लमर को पुलिस ने हिरासत में लिया.
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सजा की खबर पर ब्रिटिश सांसद कार्ल टर्नर ने दुख व्यक्त किया है.
उन्होंने कहा, "इस फ़ैसले के बाद लॉरा का जीवन बर्बाद हो जाएगा. यह सही नही है. यह फ़ैसला वाकई में चिंतित करने वाला है."
टर्नर ने कहा कि हमें दूसरे देश के क़ानूनों का सम्मान करना चाहिए. यह ग़लत था लेकिन प्लमर एक ईमानदार और मेहनती लड़की है.
विदेश और राष्ट्रमंडल कार्यालय के प्रवक्ता ने कहा, "लॉरा और उनके परिवार की पूरी मदद की जाएगी. हमारा दूतावास मिस्र के अधिकारियों के साथ नियमित रूप से संपर्क में बना हुआ है."
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