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काम करें, लेकिन खुशियों को त्याग कर नहीं

।। दक्षा वैदकर।। अमन 24 साल का है और हाल ही में उसकी नौकरी लगी है. वह अपने काम के प्रति बेहद गंभीर है. न तो छुट्टी लेता है और न ही काम के बीच आराम करता है. कई बार तो वह खाना भी नहीं खाता. उसकीलगन व मेहनत देख कर बॉस उससे बहुत खुश […]

।। दक्षा वैदकर।।

अमन 24 साल का है और हाल ही में उसकी नौकरी लगी है. वह अपने काम के प्रति बेहद गंभीर है. न तो छुट्टी लेता है और न ही काम के बीच आराम करता है. कई बार तो वह खाना भी नहीं खाता. उसकीलगन व मेहनत देख कर बॉस उससे बहुत खुश हैं. वे अकसर दूसरों के सामने उसकी तारीफ करते हैं. ऐसा इसलिए भी है, क्योंकि अमन बड़ों का सम्मान करनेवाला एक संस्कारी लड़का है. अमन को यह सब अच्छा लगता है और वह चाहता है कि अधिक-से-अधिक काम करे और जल्दी-जल्दी ग्रोथ करे. उसे कम उम्र में बहुत कुछ पा लेने की इच्छा है. इन सब खूबियों की मात्र उसके अंदर इतनी ज्यादा है कि अब ये खूबियां, कमियों में तब्दील होती जा रही हैं.

दरअसल, अमन के साथ अब यह समस्या हो गयी है कि वह अपनी छोटी-सी भी गलती बर्दाश्त नहीं करता. फिर वह गलती ऑफिस के काम से संबंधित हो, या कोई और. कोई गलती हो जाने पर बॉस उसे भले ही कुछ न बोलें, लेकिन वह इतना ज्यादा आत्मग्लानि से भर जाता है कि तबीयत खराब कर लेता है. अगर ऑफिस के किसी साथी ने कोई मदद मांगी और वह नहीं कर पाया, तो भी उसका सिर दर्द होने लगता है. अब साथी कर्मचारी कोई भी बात करते हैं, तो वे अमन को हंसते हुए कहते हैं ‘अब इस बात को लेकर सिर दर्द शुरू मत कर देना.’

कई-कई दिनों तक छुट्टी न लेने की वजह से उसकी सेहत गिरती जा रही है. दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलने का समय न निकालने की वजह से उनसे संबंध बिगड़ रहे हैं. खुद के शौक को दबाने की वजह से, हंसी-मजाक कम करने की वजह से उसके चेहरे की चमक कहीं खो गयी है.

आज बड़ी संख्या में ऐसे युवा ऑफिसों में नौकरी कर रहे हैं, जो अमन की तरह हैं. और जिन्होंने बचपन में बहुत बुरा वक्ता देखा और वे चाहते हैं कि नौकरी लगने के बाद वे तेजी से ग्रोथ करें. जल्द-से-जल्द हर चीज पा लेने की इच्छा में वे खुद को काम की आग में इतना झोंक देते हैं कि अपने जीवन के कीमती वक्त ‘युवावस्था’ का आनंद ही नहीं उठा पाते.

बात पते की..

अपनी गलती मानना अच्छी बात है, लेकिन उतना ही जरूरी है खुद को जल्दी से माफ कर देना. गलती से सीख ले कर उसे भूल जाना सही है.

यह सही है कि युवावस्था में हमारी ऊर्जा ज्यादा होती है, हम काम कर सकते हैं. लेकिन ध्यान दें कि यही उम्र है, जब आप इंन्जॉय कर सकते हैं.

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