सोल : अपनी सेना की ताकत के दम पर अमेरिका को धमकियां देने वाले उत्तर कोरिया की महिला सैनिकों की हालत बद से भी बदतर है. सेना में कार्यरत महिलाओं के साथ बलात्कार की वारदात वहां आम बात है. यही नहीं आर्मी ड्यूटी के दौरान मुश्किल परिस्थितियों से निपटने की वजह से कई महिला कर्मियों को तो पीरियड्स आने तक तक बंद हो जाते हैं और अगर पीरियड्स हों भी तो ये महिला सैनिक सैनिटरी पैड्स को दोबारा उपयोग करने को विवश हो जातीं हैं.
सालों तक उत्तर कोरिया की सेना में रहते हुए इस नरक को झेलने वाली ली सो योन ने अपना दर्द साझा किया. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ली सो योन चीन के रास्ते दक्षिण कोरिया पहुंचीं. उन्होंने बताया कि उसने 10 साल उत्तर कोरिया की सेना में सेवा दी है. 1992 में वह 17 साल की थीं और 2001 में उन्होंने सेना छोड़ा. ली ने बताया कि वह बलात्कार की घटना से तो बच गयीं लेकिन उनकी कई साथियों के साथ बलात्कार हुआ.
ली आगे बताया कि कंपनी कमांडर ड्यूटी खत्म होने के बाद भी अपने कमरे में रहता था और इस दौरान अपने अधीन काम कर रहीं महिला सैनिकों का बलात्कार करता था. ऐसा रोज होता था. 41 साल की ली ने बताया कि वह अपनी सेना की नौकरी से काफी प्यार करती थीं लेकिन कड़ी ट्रेनिंग और खाने की कमी की वजह से वहां महिलाओं के शरीर पर बहुत बुरा असर पड़ता था.
ली ने बीबीसी से बातचीत के क्रम में बताया कि तनावपूर्ण माहौल और कुपोषण की वजह से महिलाओं के पीरियड्स बंद होना आम बात थी. महिला सैनिकों को पीरियड्स न होना अच्छा लगता था क्योंकि अगर पीरियड्स होते तो स्थिति और भी बुरी होती थी. ली ने स्वेच्छा से किशोरावस्था में ही सेना में शामिल हुईं थी, लेकिन किम जोंग-उन के शासनकाल में उत्तर कोरियाई महिलाओं को कम से कम 7 साल सेना में सेवा देना अनिवार्य है.
ली ने साल 2008 में उत्तर कोरिया से भागने की सोची और 2 बार भागने की कोशिश भी की लेकिन पहली बार उन्हें पकड़ लिया गया और एक साल के लिए जेल भेजा गया. दूसरी बार वह सफलतापूर्वक नदी में तैरते हुए भागने में सफल रहीं.