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हिमाचल प्रदेश वोटिंग: क्या राहुल की तीन रैलियों पर भारी पड़ेंगी नरेंद्र मोदी की सात रैलियां ?

शिमला : हिमाचल प्रदेश के 68 विधानसभा क्षेत्रों के चुनाव के लिए गुरुवार सुबह से मतदान डाले जा रहे हैं. यहां 62 विधायकों समेत कुल 337 उम्मीदवार अपना भाग्य आजमा रहे हैं. भाजपा और कांग्रेस ने अपनी-अपनी जीत का दावा किया है. वीरभद्र सिंह अपने बेटे विक्रमादित्य के साथ शिमला के एक पोलिंग बूथ पर […]

शिमला : हिमाचल प्रदेश के 68 विधानसभा क्षेत्रों के चुनाव के लिए गुरुवार सुबह से मतदान डाले जा रहे हैं. यहां 62 विधायकों समेत कुल 337 उम्मीदवार अपना भाग्य आजमा रहे हैं. भाजपा और कांग्रेस ने अपनी-अपनी जीत का दावा किया है. वीरभद्र सिंह अपने बेटे विक्रमादित्य के साथ शिमला के एक पोलिंग बूथ पर अपना वोट डालने पहुंचे. मतदान करने के बाद उन्होंने कहा कि कांग्रेस को इसबार पूर्ण बहुमत मिलेगा. वहीं, हमीरपुर में भाजपा मुख्‍यमंत्री उम्मीदवार प्रेम कुमार धूमल और भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर वोट डालने पहुंचे. मताधिकार को प्रयोग करने के बाद धूमल ने कहा कि हमारा लक्ष्य 50 सीटों का था लेकिन अब जब हमें इतना समर्थन मिल रहा है तो हमें 60 से अधिक सीटों की उम्मीद है.

मतदान शुरू होने के पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी से मतदान करने की अपील की. उन्होंने अपने ट्विटर वॉल पर लिखा कि आज देवभूमि हिमाचल प्रदेश में मतदान का दिन है. मेरी विनती है कि सभी मतदाता लोकतंत्र के महापर्व में भाग लें और भारी संख्या में मतदान करें. आपको बता दें कि इस चुनाव में कुल 50,25,941 मतदाता मतदान के योग्य हैं. राज्य में 7,525 मतदान केंद्र बनाये गये हैं और चुनाव ड्यूटी के लिए कुल 37,605 मतदानकर्मियों को तैनात किया गया है. सुरक्षा के लिए पुलिस और होमगार्ड के 17,850 कर्मियों के अलावा केंद्रीय अर्द्धसैन्य बल की 65 कंपनियां तैनात की गयी हैं.

इन दिग्गजों पर है नजर
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह, 10 मंत्री, आठ मुख्य संसदीय सचिव, विधानसभा के उपाध्यक्ष जगत सिंह नेगी, पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल और एक दर्जन से ज्यादा पूर्व मंत्री समेत अन्य उम्मीदवार चुनावी मुकाबले में हैं. मुख्यमंत्री के नेतृत्व में सत्तारुढ कांग्रेस और पूर्व मुख्यमंत्री धूमल की अगुवाई में भाजपा सभी 68 सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं. बसपा 42 सीट पर, इसके बाद माकपा 14 सीट पर, स्वाभिमान पार्टी और लोक गठबंधन पार्टी छह-छह सीटों पर और भाकपा तीन सीटों पर मैदान में है.

चुनावी रैलियों पर एक नजर

मंगलवार को समाप्त हुए 12 दिन के सघन प्रचार अभियान में भाजपा और कांग्रेस के स्टार प्रचारकों ने 450 से ज्यादा रैलियां कीं. भाजपा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने क्रमश: सात और छह रैलियों को संबोधित किया. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने तीन रैलियों को संबोधित किया. भ्रष्टाचार को मुख्य मुद्दा बनाकर प्रचार अभियान में भाजपा ने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह पर जमकर निशाना साधा जबकि कांग्रेस ने जीएसटी और नोटबंदी को लेकर कांग्रेस पर प्रहार किया.

वीरभद्र सिंह और धूमल दोनों ने अपनी सीट बदली

झंडुता एकमात्र ऐसा निर्वाचन क्षेत्र है जहां सीधा मुकाबला है. वहीं धर्मशाला में सबसे ज्यादा 12 उम्मीदवार मैदान में हैं. भाजपा ने पूर्व मंत्री अनिल शर्मा सहित चार पूर्व कांग्रेसियों को तथा चौपाल से एक निर्दलीय को टिकट दिया है जबकि कांग्रेस ने पोंटा साहिब और कांगडा से दो निर्दलीय को उतारा है. मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री धूमल दोनों ने अपनी सीट बदली हैं और वे अरकी एवं सुजानपुर से लड़ रहे हैं. करसोग (एससी) से वर्ष 1967 में पहली बार चुने गये मुख्य संसदीय सचिव मनसा राम 11वीं बार चुनावी मैदान में हैं. चुनाव में कुल 19 महिलाएं भाग्य आजमा रही हैं. इनमें छह उम्मीदवारों को भाजपा ने टिकट दिया है और तीन को कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार बनाया है जबकि भाजपा और कांग्रेस की सात बागी उम्मीदवार भी मैदान में हैं.

वर्तमान स्थिति

वर्तमान में राज्य की 68 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस और भाजपा के क्रमश: 35 और 28 विधायकों के अलावा चार निर्दलीय विधायक हैं और एक सीट खाली है. चुनावों में 180 से ज्यादा निर्दलीय और पूर्व मंत्रियों सिंघी राम (रामपुर) एवं विजय सिंह मनकोटिया (शाहपुर) समेत कांग्रेस के एक दर्जन से ज्यादा बागी मुकाबले में हैं. पारदर्शी और निर्बाध चुनाव के लिए पर्याप्त इंतजाम किये गये हैं. समूचे राज्य में 22 व्यय पर्यवेक्षक और 71 सहायक व्यय पर्यवेक्षक, 1561 माइक्रो पर्यवेक्षकों के साथ 193 सेक्टर मजिस्ट्रेट और 789 सेक्टर ऑफिसर तैनात किये गये हैं. राज्य में चुनावी गतिविधियों की सीधी निगरानी के लिए राज्य में 2,307 मतदान केंद्रों में वेब कास्टिंग का इस्तेमाल किया जाएगा. राज्य में 100 प्रतिशत फोटो पहचान पत्र (ईपीआईसी) धारक और 7,525 इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें (ईवीएम) हैं. वोटर वेरिफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) का इस्तेमाल किया जा रहा है.

पहली बार विधानसभा चुनाव में वीवीपीएटी मशीनों का इस्तेमाल

पहली बार विधानसभा चुनाव में वीवीपीएटी मशीनों का इस्तेमाल हो रहा है और 10 प्रतिशत ईवीएम और वीवीपीएटी को रिजर्व में रखा गया है. निर्वाचन आयोग ने मतदाताओं को 12 पहचान दस्तावेजों में से कोई भी एक दस्तावेज दिखाने पर मतदान करने भी अनुमति दी है.

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