ओडिशा के आदिवासी गांव के एक घर के आंगन में 12 फ़ीट लम्बा मगरमच्छ मिला है.
इसका पता तब चला जब उस घर का मालिक बुधवार की सुबह तीन बजे अचानक उठा.
घर के बाहर निकलते ही वो अपने आंगन में एक बड़ा-सा मगरमच्छ देख कर डर गए.
दशरथ मदकामी ओडिशा के मंता गांव के रहने वाले हैं. मलकानगिरी ज़िले की अधिकतर आबादी आदिवासियों की है.
दशरथ बुधवार सुबह तीन बजे अचानक हो रही एक अजीब आवाज़ सुनकर नींद से जागे. बाहर निकलने पर उन्होंने देखा कि वहां एक विशालकाय मगरमच्छ उनका इंतज़ार कर रहा था.
दशरथ स्थानीय टीवी से बातचीत में बताते हैं, "मैं मगरमच्छ को देखकर बहुत डर गया था. मैंने तुरंत अपनी पत्नी को उठाया और शोर मचाकर जल्दी से गांव वालों को इकट्ठा किया."
आगे वे बताते है. "काफी मशक्कत करने का बाद गांव वालों की मदद से मगरमच्छ को क़ाबू करने में कामयाब हुए और उसे रस्सी से एक पेड़ से बांध दिया."
गांव वालों ने सबसे पहले दशरथ के दोनों बच्चों को छत का एक हिस्सा निकालकर बचाया, जहां वे मगरमच्छ का पता चलने से पहले सो रहे थे.
घबराए हुए गांव वाले मगरमच्छ को मारने के लिए आगे आए, पर गांव के मुखिया ने रोका और समझाया कि उसे स्थानीय वन अधिकारियों के हवाले कर दिया जाए.
वन अधिकारी मगरमच्छ को पास के सतिगुड़ा बांध में छोड़ना चाहते थे, जहां से मगरमच्छ आया था. लेकिन गांव वालों ने इसके लिए सख़्ती से मना कर दिया और डर जताया कि ऐसा करने से वह फिर से गांव में आ सकता है.
स्थानीय वन अधिकारी सुशांत नायक ने कहा, "सतिगुड़ा बांध में लगभग 30 से 40 मगरमच्छ हैं. यह गांव में अंडे देने के लिए फिसल कर आ गया होगा. क्योंकि यह गांव बांध से केवल एक किलोमीटर की दूरी पर ही है."
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