17.5 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

गुजरात चुनाव के पहले बीजेपी को पटेल क्यों याद आए?

सिर्फ़ राजनीतिक दल ही नहीं बल्कि वो भी जिन्होंने नए भारत के निर्माण में सरदार वल्लभ भाई पटेल की केंद्रीय भूमिका की भूरी-भूरी प्रशंसा की है, इस सवाल से जूझ रहे हैं कि तक़रीबन तीन साल से केंद्र में मौजूद नरेंद्र मोदी सरकार को सरदार पटेल को लेकर इतना भव्य आयोजन करने का ख़्याल तब […]

सिर्फ़ राजनीतिक दल ही नहीं बल्कि वो भी जिन्होंने नए भारत के निर्माण में सरदार वल्लभ भाई पटेल की केंद्रीय भूमिका की भूरी-भूरी प्रशंसा की है, इस सवाल से जूझ रहे हैं कि तक़रीबन तीन साल से केंद्र में मौजूद नरेंद्र मोदी सरकार को सरदार पटेल को लेकर इतना भव्य आयोजन करने का ख़्याल तब ही क्यों आया जबकि गुजरात और हिमाचल में चुनाव सर पर हैं?

महात्मा गांधी के पोते और सरदार पटेल की जीवनी लिखने वाले राजमोहन गांधी ने पटेल की विरासत पर क़ब्ज़ा करने की बीजेपी की कोशिश को शर्मनाक बताया है.

नरेंद्र मोदी सरकार ने इस मौक़े पर – जिसे राष्ट्रीय एकता दिवस कहा जाता है, देश भर में न सिर्फ़ ‘रन फॉर यूनिटी’ प्रोग्राम का आयोजन किया बल्कि इस अवसर पर सरकारी अधिकारियों और छात्रों को देश की एकता क़ायम रखने के लिए शपथ भी दिलाई गई.

सोशल मीडिया और सरकारी संचार माध्यमों पर इस दौड़ और दूसरे कार्यक्रमों के इशितहार पहले से आ रहे थे.

मंगलवार की सुबह-सुबह ही राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री से लेकर गृहमंत्री, दूसरे केंद्रीय मंत्री और आला अफस़र तक इंडिया गेट के पास मौजूद मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम पहुंच गये थे जहां भारत के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल को श्रद्धांजलि देने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण हुआ.

भाषण की शुरुआत मोदी ने अपने ख़ास अंदाज़ जय-जयकारों से की जिसमें वहां मौजूद लोगों को भी शामिल करवाया गया. उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को भी याद किया जिनकी आज पुण्यतिथि है. लेकिन फिर प्रधानमंत्री मोदी के भाषण ने राजनीतिक रंग ले लिया. शायद वो कांग्रेस पर हमला करने का मोह नहीं छोड़ पाए.

उन्होंने कहा, ‘सरदार वल्लभ भाई पटेल से शायद नई पीढ़ी को परिचित करवाया ही नहीं गया. एक तरह से इतिहास के झरोखे से इस महान व्यक्ति के नाम को या तो मिटा देने का प्रयास हुआ या तो उसे छोटा करने का प्रयास हुआ, लेकिन इतिहास गवाह है कि सरदार साहब सरदार साहब थे.’

हालांकि मोदी ने कांग्रेस का नाम नहीं लिया, लेकिन सबको मालूम था कि उनका इशारा किस तरफ़ है.

पटेल की विरासत

बीजेपी की कोशिश पर सवाल ये कहकर भी उठाए जा रहे हैं कि राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ से प्रेरणा लेने वाला राजनीतिक दल पटेल की विरासत पर क़ब्ज़े की कोशिश कैसे कर सकता है जबकि सबको मालूम है कि महात्मा गांधी की हत्या के बाद सरदार पटेल ने आरएसएस को बैन कर दिया था.

राजनीतिक विश्लेषक अजय सिंह हालांकि बीजेपी की पटेल की विरासत को अपने पाले में करने की कोशिश को ग़लत नहीं मानते हैं.

अजय सिंह कहते हैं, ‘इतिहास के संदर्भ में ये बहस हो सकती है कि सरदार पटेल के समय में जो आरएसएस था क्या सरदार उससे इत्तेफ़ाक़ रखते थे. ये बहस हो सकती है, लेकिन बीजेपी अगर उस विरासत को राजनीतिक तौर पर अपनाना चाहती हो तो उसमें कुछ ग़लत नज़र आता है.’

मंगलवार के सुबह के अख़बारों को देखने के बाद पूरे मामले के राजनीतिकरण की बात और भी साफ़ हो जाती है.

क्या कहते हैं अख़बार

दिल्ली से छपनेवाले अख़बारों में केंद्र सरकार के अधीन दिल्ली पुलिस, केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय और हरियाणा सरकार ने सरदार पटेल की वर्षगांठ पर तो बड़े-बड़े इश्तेहार दिए, लेकिन भारत की तीसरी प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि का ज़िक्र नदारद था.

हिंदुत्ववादी विचारक और इतिहासकार राकेश सिन्हा हालांकि कहते हैं, ‘इंदिरा गांधी और सरदार पटेल की बराबरी नहीं हो सकती. और अगर इस तरह का कोई आरोप है तो सवाल ये पूछा जाना चाहिए कांग्रेस से कि दो अक्टूबर को शास्त्री का नाम उतनी बार क्यों नहीं आ पाता. ये सवाल नज़रअंदाज़ करने का नहीं है बल्कि ओझल होने का है किसी विराट व्यक्तित्व के सामने.’

लेकिन अगर बीजेपी ने इंदिरा के नाम का इश्तिहार देने की बात को ग़ैर-ज़रूरी समझा तो कांग्रेस भी इसमें पीछे नहीं है – मंगल के दिन ही दिल्ली के अख़बारों के पहले पन्ने के नीचे का आधा हिस्सा इंदिरा गांधी पर दिए गए कांग्रेस के इश्तिहारों से पटा था तो पटेल का ज़िक्र राहुल गांधी के ट्वीट तक सीमित रहा.

कांग्रेस महासचिव शकील अहमद कहते हैं, ‘इंदिरा गांधी की हत्या जिस परिस्थितियों में हुई थी उसमें लोगों की तरफ़ से एक इश्तेहार दिया गया, लेकिन उसमें पटेल की अनदेखी की कोई बात नहीं.’

अगर बीजेपी और कांग्रेस के तर्कों पर ध्यान दें तो दोनों में कोई ख़ास फर्क नहीं, सिवाए नाम के.

(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)

]]>

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें