रांची: पूर्व केंद्रीय मंत्री और रांची से चुनाव लड़ रहे कांग्रेस के दिग्गज नेता सुबोधकांत सहाय को आला कमान का साथ नहीं मिला. सुबोधकांत अपने दम पर चुनाव लड़ रहे हैं. सुबोधकांत के चुनावी प्रचार में कोई भी आला नेता दिल्ली से रांची नहीं आया. राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने खुद को सुबोधकांत के प्रचार से दूर रखा. केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश चुनावी दौरे में झारखंड पहुंचे.
चाईबासा, हजारीबाग, खूंटी के इलाके में प्रचार अभियान चलाया, लेकिन रांची संसदीय सीट में रुचि नहीं दिखायी. सुबोधकांत के चुनावी अभियान से कांग्रेस आला कमान की बेरुखी के कई अर्थ लगाये जा रहे हैं. उल्लेखनीय है कि सुबोधकांत को रांची सीट से टिकट देने के मामले में भी काफी किचकिच हुई थी. आखिरी समय में केंद्रीय नेतृत्व ने सुबोधकांत को टिकट दिया था.
पिछली बार सोनिया ने की थी रैली
सुबोधकांत सहाय के पक्ष में वर्ष 2009 में केंद्रीय आला कमान ने ताकत लगायी थी. सुबोधकांत सहाय के पक्ष में राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी चुनावी सभा को संबोधित करने पहुंची थी. इसके साथ ही कई केंद्रीय नेता सुबोधकांत के पक्ष में माहौल बनाने पहुंचे थे. सुबोधकांत के सहारे ही 2009 के चुनाव में झारखंड में कांग्रेस का खाता खुला था. सुबोधकांत ने जीत हासिल कर दिल्ली की राजनीति में अपनी पैठ बनायी और केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह मिली.
सोनिया-राहुल की हुई एक -एक सभा
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने इस बार अपने को झारखंड से अलग रखा. दूसरे चरण का प्रचार अभियान खत्म होने वाला है. लेकिन इन दोनों नेताओं की महज एक-एक सभा हुई. राहुल गांधी ने गोड्डा और सोनिया गांधी ने रामगढ़ में जनसभा को संबोधित किया. वहीं चुनाव की घोषणा के बाद भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने झारखंड में अब तक आठ सभाओं को संबोधित किया है.