नयी दिल्ली/बीजिंग : भारत ने शुक्रवार को अमेरिका के विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन के अमेरिका-भारत संबंधों पर दिये गये बयान का स्वागत किया. टिलरसन ने कहा था कि वाशिंगटन और नयी दिल्ली एक महत्वाकांक्षी साझेदारी का निर्माण करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने एक प्रश्न के जवाब में कहा, भारत के अपने दौरे से पहले टिलरसन ने कहा, अनिश्चितता और चिंता के इस दौर में भारत को विश्व स्तर पर एक भरोसेमंद साझेदार की जरूरत है. मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि वैश्विक स्थिरता, शांति और समृद्धि को लेकर हमारे साझा मूल्य एवं नजरिये को देखते हुए अमेरिका ही वह साझेदार है. हालांकि, चीन ने कहा, अमेरिकी विदेश मंत्री टिलरसन की ओर से भारत के साथ संबंधों को प्रगाढ़ बनाने पर जोर देने और बीजिंग की आलोचना करने में पक्षपात की बू आती है. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने गुरुवार को संवाददाताओं से कहा कि बहुत सारे मीडिया की भारत और अमेरिका के बीच संबंधों के विकास में काफी दिलचस्पी है.
वाशिंगटन डीसी में बुधवार को रणनीतिक एवं अंतरराष्ट्रीय अध्ययन संस्थान में आनेवाले शताब्दी के लिए भारत के साथ हमारे संबंधों की परिभाषा कार्यक्रम को संबोधित करते हुए टिलरसन ने कहा था, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसी भी अन्य नेता से ज्यादा एक ऐसी महत्वाकांक्षी साझेदारी के लिए प्रतिबद्ध हैं जो न केवल दोनों महान लोकतंत्र, बल्कि अन्य संप्रभु देशों के लिए शांति और स्थिरता को फायदा पहुंचाती हो. उन्होंने कहा था, ट्रंप प्रशासन भारत और अमेरिका के बीच इस साझेदारी को और मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध है. टिलरसनने कहा था, उन्होंने इसकी मजबूती के विविध आयाम और नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के लिए हमारी साझा प्रतिबद्धता को उजागर किया. कुमार ने कहा, हम संबंधों को लेकर उनके सकारात्मक मूल्यांकन और भविष्य की दिशा के लिए उनके सकारात्मक दृष्टिकोण की सराहना करते हैं.
टिलरसन ने चीन और पाकिस्तान को आड़े हाथ लेते हुए कहा था कि बीजिंग की उकसावेवाली कार्रवाई उन अंतरराष्ट्रीय कानूनों व तरीकों के खिलाफ है जिनके भारत और अमेरिका पक्षधर हैं और साथ ही स्पष्ट किया था कि वाशिंगटन यह आशा करता है कि पाकिस्तान अपनी सीमा के अंदर सक्रिय आतंकवादी समूहों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करेगा. टिलरसन अगले सप्ताह अपने पहले आधिकारिक दौरे पर भारत आ रहे हैं.
लू कांग नेकहा, हम दोनों देशों के बीच संबंधों के विकास को देखकर तब तक खुश हैं जब तक वे क्षेत्र के शांतिपूर्ण विकास और क्षेत्र के देशों के बीच रिश्तों के बढ़ने के पक्ष में हैं. लू ने कहा कि चीन आशा करता है कि वाशिंगटन चीन के विकास और अंतरराष्ट्रीय समुदाय में चीन की भूमिका को निष्पक्ष ढंग से देखेगा.