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कश्मीर: जिनकी चोटी कटी, उनके ख़ून के नमूने लेगी पुलिस

भारत प्रशासित कश्मीर में महिलाओं की चोटियां काटे जाने की घटना को लेकर पुलिस ने कहा है कि सभी पीड़ितों के ख़ून के नमूने लिए जाएंगे. पुलिस का ये भी कहना है कि ख़ून के नमूने हासिल करने का मक़सद मेडिकल जाँच को आगे बढ़ाना है. राज्य के पुलिस प्रमुख शेष पॉल वैद ने बताया, […]

भारत प्रशासित कश्मीर में महिलाओं की चोटियां काटे जाने की घटना को लेकर पुलिस ने कहा है कि सभी पीड़ितों के ख़ून के नमूने लिए जाएंगे.

पुलिस का ये भी कहना है कि ख़ून के नमूने हासिल करने का मक़सद मेडिकल जाँच को आगे बढ़ाना है.

राज्य के पुलिस प्रमुख शेष पॉल वैद ने बताया, "जितने भी मामले अभी तक सामने आए हैं, उनमें पीड़ितों के ख़ून के नमूने हासिल किए जाएंगे. ये इसलिए किया जाएगा क्योंकि मेडिकल जांच में इन नमूनों की ज़रूरत पड़ेगी. पीडितों ने ये आरोप लगाया है कि उनकी चोटियां काटते समय स्प्रे का इस्तेमाल किया गया है. इसलिए खून के नमूने हासिल करने से ये पता लगाया जा सकता है कि किस तरह का स्प्रे इस्तेमाल किया गया है."

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मामला कोर्ट में…

शुक्रवार को जम्मू और कश्मीर की सरकार ने हाई कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट पेश की थी. हाईकोर्ट ने पिछले मंगलवार को सरकार से चोटियां काटने की घटनाओं की स्टेटस रिपोर्ट तलब की थी.

हिलाल अकबर लोन नाम के व्यक्ति ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की थी और सरकार से इन घटनाओं की जाँच करने की मांग की है.

साथ ही उन्होंने याचिका में सवाल उठाया है कि अगर लोगों ने कई बार चोटी काटने वाले लोगों को पकड़कर पुलिस के हवाले किया है, तो फिर पुलिस ने बिना जाँच के इन लोगों को छोड़ कैसे दिया? लोन ने इस मामले को भी जाँच का हिस्सा बनाने का सवाल उठाया है.

उन्होंने बताया, "अदालत ने सरकार को सड़कों पर नाके लगाने, गश्त बढ़ाने की हिदायत दी है. अदालत ने सरकार से ये भी कहा है कि वह इस बात का आश्वासन दे कि इस तरह की घटनाएं नहीं होंगी."

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अदालत ने सरकार से ये भी पूछा कि जिस तरह उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और दूसरी जगहों पर जो मामले सामने आए हैं और उन पर कैसे काबू पाया गया, अदालत के सामने उसकी रिपोर्ट पेश की जाए.

पुलिस अभी तक किसी को भी गिरफ्तार नहीं कर पाई है. पुलिस का कहना है कि अब तक 102 मामले सामने आए हैं.

श्रीनगर में ऐसी ही दो पीड़ितों से हम मिले, जिनकी चोटियां काट दी गई हैं. श्रीनगर के बटमालू इलाके में तेरह साल की हिना (बदला हुआ नाम) के बाल गुरुवार को उस समय काटे गए, जब वह अपने घर में पढ़ाई कर रही थीं.

उन्होंने बताया, "सुबह 11 बजे मैं अपने घर में अकेली थी और पढ़ाई कर रही थी. मैं अपने किचन में पानी पीने गई. मैं जब पानी पी रही थी तो मुझे लगा कि दरवाज़ा किसी ने खोल दिया. मुझे लगा कि हवा की वजह से दरवाजा हिल रहा है. कुछ ही देर में मुझे परछाई नज़र आई. मैंने जब पीछे देखा तो मेरे कटे बाल नीचे गिर गए थे. साथ ही मैंने एक व्यक्ति का पिछला हिस्सा देखा जो भाग रहा था. उसने सिर से पैरों तक काले कपड़े पहने थे."

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काले रंग का लिबास…

हिना की माँ दिलशाद (बदला हुआ नाम) की भी चोटी कुछ दिन पहले उनके घर में काटी गई, जब वह अपने रसोई में खाना बना रही थीं.

वह उस घटना के दिन को याद करते हुए कहती हैं, "मैं अपने घर के किचन में खाना पका रही थी. मेरे पीछे से चलने की आवाज़ आई. मुझे लगा कि मेरा बेटा आ गया. इतने में दो व्यक्ति मेरे सामने खड़े हो गए. उन्होंने मुझे पकड़ने की कोशिश की. मैंने जब चिल्लाने की कोशिश की तो इन्होंने एक दूसरे से स्प्रे छिड़कने का इशारा किया, जिसके बाद मैं बेहोश हो गई. मुझे फिर दो दिन के बाद होश आया. यहां फिर पुलिस भी आ गई थी. जिन दो लोगों ने मेरी चोटी काटी, उन्होंने काले रंग का लिबास पहना था और चेहरे कपड़े से ढंके थे. सिर्फ आंखें देखी जा सकती थीं. उस दिन भी वह उसी दरवाज़े से भाग गए."

दिलशाद का घर सड़क के किनारे पर है. वह कहती हैं कि यहाँ घर के बाहर हमेशा पुलिस तैनात रहती है. हिना की घटना के बाद इस इलाके में पुलिस और आम लोगों के बीच हिंसक झड़पें हुईं.

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सरकार के इस्तीफ़े की मांग

वहीं अलगाववादी इन घटनाओं के लिए भारत की सुरक्षा एजेंसियों को ज़िम्मेदार मानते हैं. विपक्षी नेशनल कॉन्फ्रेंस ने कई बार सड़कों पर आकर सरकार के ख़िलाफ़ प्रदर्शन भी किया है और सरकार से इस्तीफ़ा भी मांगा है.

मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने गुरुवार को चोटियां काटने की घटनाओं को ‘मास हिस्टीरिया’ क़रार देते हुए कहा है कि उनकी सरकार हर वो क़दम उठाएगी और पता लगाने की कोशिश करेगी कि आख़िर चोटियां काटने के पीछे क्या मक़सद है?

अब तक इस मामले में मारपीट में एक आम नागरिक की भी मौत हो गई है जबकि कई लोगों को चोटी काटने के शक में आम लोगों ने मारा पीटा भी है.

पुलिस और लोगों ने हाल ही में छह विदेशी पर्यटकों को उस समय लोगों की मारपीट से बचाया, जब श्रीनगर में उनको लोगों ने चोटी काटने वाले समझकर पकड़ लिया था.

पुलिस ने चोटी काटने की गलत अफवाह फैलाने वाले छह लोगों को अभी तक गिरफ्तार किया है.

चोटियां काटने की घटनाओं की जाँच करने के लिए पुलिस ने एक विशेष जांच दल गठित किया है.

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