ह म में से कई लोग यह जानना चाहते हैं कि कंपनी में हम काम के प्रति ईमानदार कैसे रहें? ज्यादा से ज्यादा काम करने के लिए प्रेरित कैसे हों? तरक्की कैसे करें? आज हम इसी बात का हल निकालने की कोशिश कर रहे हैं. एक कंपनी के ऑनर ने इसका बेहतरीन उपाय बताया. उन्होंने कहा कि जब उन्होंने कैरियर की शुरुआत की थी, तो उनके पिता ने उन्हें कहा, ‘मैं हमेशा से चाहता था कि तुम बिजनेसमैन बनो और अपनी खुद की कंपनी खड़ी करो, लेकिन अब क्योंकि तुम किसी कंपनी में जॉब कर रहे हो, मैं चाहता हूं कि तुम उसमें भी अपना 100 फीसदी योगदान दो.
उसे अपनी कंपनी समझो. इसके लिए सबसे बेहतर तरीका यह है कि खुद को ही एक कंपनी समझो. तुम्हारा नाम सौरभ है, इसलिए तुम कंपनी का नाम रख लो सौरभ कॉरपोरेशन. अब यह मान लो कि तुम्हारी कंपनी किसी अन्य कंपनी को सर्विस देती है, जिसके बदले में तुम्हें रुपये मिलते हैं. अगर तुमने उस कंपनी को सर्विस नहीं दी, तो वह किसी और कंपनी को प्रोजेक्ट दे देगी.’
आप खुद का आकलन करें कि आप अपनी कंपनी को कितनी वैल्यू दे रहे हैं. हम कैसे अपनी कंपनी यानी खुद की वैल्यू बढ़ा सकते हैं. कैसे हमारी कंपनी बेहतरीन सर्विस दे सकती है. जब आप यह सोचेंगे, तो आपकी क्षमता बढ़ेगी. आपकी मार्केट में डिमांड बढ़ेगी. आप पर सामनेवाली कंपनी का भरोसा बढ़ेगा.
आप अपने आसपास देखेंगे, तो पायेंगे कि कई लोग हैं, जिन्होंने अपनी क्षमता बढ़ायी और उनकी सैलरी बढ़ी, प्रोमोशन मिली. कई लोग ऐसे होते हैं, जो किसी के प्रमोट होने पर कहते हैं कि वह तो चमचागिरी से आगे बढ़ा. ये ऐसे लोग हैं, जो कई सालों से उसी जगह पर हैं. खुद कोई कोशिश नहीं करते, लेकिन कोई और आगे बढ़ता है, तो बहाने बनाते हैं.
याद रखें, अगर आपकी सर्विस में दम है, तो कोई क्लाइंट (यानी आपकी कंपनी) आपको छोड़ना नहीं चाहेगी. आप वनपर्सन कंपनी हैं, जिसे कोई नहीं निकाल सकता. तय करें कि आपको अपनी कंपनी को डुबाना है या ऊंचाई तक ले कर जाना है.
बात पते की..
हर दिन अपनी क्षमता बढ़ाने की कोशिश करते रहें. नये कामों को अपने हाथ में लें और उसमें दक्षता हासिल कर अपनी योग्यता बढ़ायें.
आप ऐसी कंपनी के मालिक हैं, जिसके पास हाथ, पैर, दिमाग, आंखें जैसे कई कर्मचारी हैं. आपको इन कर्मचारियों से पूरा-पूरा काम लेना है.