स्टीफ़न पैडक को लेकर ऑनलाइन मीडिया में एक बहस ज़ोर पकड़ रही है. लोग जानना चाहते हैं कि लास वेगास में 58 लोगों की जान लेने और 500 से ज़्यादा लोगों को घायल करने वाले पैडक को आतंकवादी क्यों नहीं कहा जा रहा?
रविवार शाम पैडक ने एक म्यूज़िक कंसर्ट सुनने आई भीड़ पर पड़ोस के होटल की 32वीं मंज़िल से गोलियां बरसाई थीं. उनके लिए हत्यारा, हमलावर, बंदूकधारी, लोन वुल्फ़, ग्रैंडडैड, जुआरी और पूर्व अकाउंटेंट जैसे शब्द इस्तेमाल हो रहे हैं लेकिन किसी ने अभी तक उन्हें आतंकवादी नहीं बुलाया.
सोशल मीडिया पर शुरू हुई बहस
सोशल मीडिया पर कुछ लोग लिख रहे हैं कि अगर पैडक मुसलमान होते तो उनके लिए तुरंत ‘आतंकवादी’ शब्द लिख दिया जाता.
अमरीका के नेवादा राज्य के क़ानून के मुताबिक़, ”ऐसा कोई भी काम ‘आतंकवाद’ की श्रेणी में आता है, जिसमें हिंसा का इस्तेमाल लोगों को मारने या उन्हें भारी शारीरिक नुकसान पहुंचाने के मक़सद से किया जाए.”
सोशल मीडिया पर बहुत से लोगों ने नेवादा के इस क़ानून का स्क्रीनशॉट शेयर किया. उन्होंने पूछा कि इसके बाद भी, लास वेगास मेट्रोपोलिटन पुलिस डिपार्टमेंट के शेरिफ़ जोसेफ़ लोम्बार्डो ने पैडक को आतंकवादी क्यों नहीं बताया.
शेरिफ़ लोम्बार्डो ने एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा था कि ”हम अभी नहीं जानते कि पैडक ने किस वजह से ऐसा किया. फ़िलहाल हम बस इतना जानते हैं कि वो एक लोन वुल्फ़ किस्म के शख़्स थे”.
लोन वुल्फ़ अकेले काम करने वाले को कहा जाता है.
59 लोगों की जान लेने वाले स्टीफ़न पैडक की पूरी कहानी
लास वेगास शूटिंग: हत्यारे का मकसद क्या था?
पैडक के लिए प्रयोग हो रहा है ‘लोन वुल्फ़‘ शब्द
इस हमले के बाद से ट्विटर पर ‘लोन वुल्फ़’ शब्द को दो लाख से भी ज़्यादा बार इस्तेमाल किया जा चुका है. वहीं शब्द ‘आतंकवादी हमले’ को एक लाख सत्तर हज़ार बार इस्तेमाल किया गया है. इसका इस्तेमाल वो लोग कर रहे हैं जिन्हें लगता है कि गोरे और अश्वेत संदिग्धों के बारे में बात करते समय भेदभाव किया जाता है.
फ़ेसबुक पर भी यह चर्चा गरम है. इंडोनेशिया के मूरसल पूछते हैं : ”इसे अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी नहीं माना जा रहा? शायद इसलिए क्योंकि इसका चेहरा अरब के लोगों जैसा नहीं है!”
अमरीका के एक मुस्लिम फ़ेसबुक यूज़र महमूद अलअवादी ने हमले पर दुख जताया लेकिन साथ ही ये भी लिखा कि इस हमले का वैसा असर गोरे परिवारों पर नहीं पड़ेगा जैसा किसी जिहादी हमलों के बाद मुस्लिम परिवारों पर पड़ता है.
उन्होंने लिखा, ”हमारे लिए ऐसे हमले का मतलब है कि मेरी पत्नी की जान ख़तरे में आ जाएगी, क्योंकि वो अपना सर ढंकती है, मेरे बेटे से स्कूल में मारपीट की जाएगी क्योंकि उसका नाम मोहम्मद है और मेरी चार साल की बेटी के साथ बुरा बर्ताव होगा क्योंकि वो अरबी ज़ुबान बोलती है. लेकिन कोई गोरा और ईसाई ऐसा हमला करे, तो उसे अचानक मानसिक रूप से बीमार बता दिया जाता है और सब कुछ सामान्य रहता है.”
अमरीका के लिएआतंकवाद क्या है?
संयुक्त राज्य अमरीका के संघीय क़ानून में ऐसी किसी भी गतिविधि को ‘घरेलू चरमपंथ’ माना जाता है जिसमें ये तीन बातें शामिल हों:
- ऐसा काम जो केंद्र और राज्य के क़ानून को तोड़े और लोगों के लिए ख़तरा पैदा करे
- ऐसा काम जिनका मक़सद आम लोगों या सरकार को डराना-धमकाना या मजबूर करना हो
- ऐसा काम जो प्राथमिक तौर पर अमेरिका की धरती पर किया जाए
एफ़बीआई की राय में, किसी काम को आतंकवाद से प्रेरित क़रार देने के लिए ”उसमें राजनीतिक या सामाजिक एजेंडे के अलावा, आम नागरिकों, सरकार या किसी और हिस्से को डराने-धमकाने या मजबूर करने की नीयत भी शामिल होनी चाहिए”.
यह एक अहम सवाल है. क्या हमला, बड़े पैमाने पर तबाही मचाने के अलावा, किसी ख़ास विचारधारा को आगे बढ़ाने या सरकार को दबाने-झुकाने के लिए किया गया?
पैडक ने ये हत्याएं क्यों की, यह कोई नहीं जानता. ऐसा कोई सुराग नहीं मिला जिससे उन्हें अंतरराष्ट्रीय चरमपंथ से जोड़ा जा सके. न ही, उनके मानसिक रूप से बीमार होने की कोई पुष्टि हो सकी है.
इस मसले पर बीबीसी की नीति?
आतंकवादी और आतंकवाद शब्दों के इस्तेमाल पर बीबीसी की नीति बड़ी साफ़ है. हमारे संपादकीय दिशा
”इस पर कोई एकराय नहीं है कि आतंकवाद क्या है या एक आतंकवादी गतिविधि में क्या शामिल होता है. इन शब्दों का इस्तेमाल लोग अकसर अपने नज़रिए और समझ के हिसाब से करते हैं.
हम मानते हैं कि अगर किसी ने ‘आतंकवादी’ शब्द बोला है तो उन्हें कोट करते समय हमें यह शब्द नहीं बदलना चाहिए, लेकिन हमें खुद इसके इस्तेमाल से बचना चाहिए.
इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि हम किसी घटना की असलियत या उसकी दरिंदगी न दिखाएं; बल्कि हमें सोचना चाहिए कि हमारी भाषा का निष्पक्ष पत्रकारिता के हमारे सिद्धांत पर क्या असर पड़ेगा.”
इस मामले में पुलिस और मीडिया की सोशल मीडिया पर चल रही आलोचना के बीच, कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्हें लगता है कि पैडक को आतंकवादी बुलाना ग़लत होगा.
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