बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में पिछले दिनों छात्राओं की सुरक्षा को लेकर हुए हंगामे के बाद विश्वविद्यालय में पहली बार महिला चीफ प्रॉक्टर की नियुक्ति की गई है.
प्रोफ़ेसर ओंकारनाथ सिंह के इस्तीफ़े के बाद प्रोफ़ेसर रोयाना सिंह को चीफ़ प्रॉक्टर बनाया गया है.
प्रोफ़ेसर रोयाना सिंह बीएचयू के इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में एनाटॉमी विभाग में प्रोफसर हैं और विश्वविद्यालय के अंदर कई जांच समितियों में बतौर सदस्य उनकी भूमिका रही है.
रोयाना सिंह फ़िलहाल बीएचयू की महिला शिकायत प्रकोष्ठ की अध्यक्ष हैं और पहले डिप्टी चीफ़ प्रॉक्टर भी रह चुकी हैं.
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फ्रांस में प्राथमिक शिक्षा
विश्वविद्यालय की जानकारी के मुताबिक फ्रांस के रोइना शहर में जन्मी रोयाना सिंह की प्राथमिक शिक्षा फ्रांस में ही हुई लेकिन बाद में वो अपने माता-पिता के साथ भारत आ गईं.
उन्होंने बीएचयू के इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज़ से ही स्नातकोत्तर यानी पीजी की उपाधि ली है.
रोयाना सिंह के माता और पिता दोनों ही बीएचयू में प्रोफ़ेसर रहे हैं.
माँ डॉक्टर चंद्रप्रभा सिंह प्लांट फ़िज़ियोलोजी विभाग में जबकि पिता डॉक्टर इंद्रसेन सिंह जेनेटिक्स विभाग में प्रोफ़ेसर रहे हैं.
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पहली महिला चीफ प्रॉक्टर
मूल रूप से जौनपुर ज़िले के डोभी गांव की रहने वाली रोयाना सिंह के पति डॉक्टर शिवप्रकाश सिंह वाराणसी के ही रज़ा मुराद के रहने वाले हैं और शहर के जाने माने डॉक्टरों में उनकी गिनती होती है.
रोयाना सिंह बीएचयू की पहली पहली महिला चीफ प्रॉक्टर हैं.
प्रोफ़ेसर ओएन सिंह के इस्तीफ़े के बाद प्रोफ़ेसर महेंद्रनाथ सिंह को चीफ़ प्रॉक्टर का अस्थाई कार्यभार दिया गया था लेकिन एक दिन बाद ही विश्वविद्यालय ने स्थाई चीफ़ प्रॉक्टर के तौर पर रोयाना सिंह की नियुक्ति कर दी.
बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से पहले रोयाना सिंह गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में भी पढ़ा चुकी हैं.
अपने फ़ेसबुक प्रोफ़ाइल पेच पर उन्होंने तमाम महिलाओं के साथ सड़क पर स्वच्छता अभियान के तहत झाड़ू लगाते हुए तस्वीर लगा रखी है.
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