27.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पाकिस्तान-उत्तर कोरिया के बीच परमाणु प्रसार संबंधों की जांच करायी जाये : भारत

न्यू यॉर्क : भारत ने मंगलवारको पाकिस्तान की तरफ इशारा करते हुए कहा कि उत्तर कोरिया की परमाणु प्रसार संबंधी गतिविधियों की जांच की जानी चाहिए और इसके लिए जो जिम्मेदार हैं, उन्हें जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का यह बयान उत्तर कोरिया द्वारा शुक्रवार को जापान के ऊपर से मध्यम दूरी […]

न्यू यॉर्क : भारत ने मंगलवारको पाकिस्तान की तरफ इशारा करते हुए कहा कि उत्तर कोरिया की परमाणु प्रसार संबंधी गतिविधियों की जांच की जानी चाहिए और इसके लिए जो जिम्मेदार हैं, उन्हें जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का यह बयान उत्तर कोरिया द्वारा शुक्रवार को जापान के ऊपर से मध्यम दूरी की एक और बैलिस्टिक मिसाइल दागे जाने के कुछ दिन बाद आया है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने पत्रकारों से कहा, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने उत्तर कोरिया की हालिया कार्रवाई की निंदा की और कहा कि उसकी प्रसार संबंधी गतिविधयों का पता लगाया जाना चाहिए और इसके लिए जो जिम्मेदार हैं, उन्हें जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए. सुषमा ने यह बयान सोमवार को अमेरिका के विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन और उनके जापानी समकक्ष तारो कोनो के साथ त्रिपक्षीय बैठक के दौरान दिया. उनके बीच यह बैठक संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र के इतर हुई. कुमार ने प्रश्नों का उत्तर देते हुए सीधे तौर पर किसी देश का उल्लेख नहीं किया, लेकिन कहा कि उनके संकेत यह बताने को पर्याप्त हैं कि वह किसका जिक्र कर रहे हैं.

उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि मैं आपको पर्याप्त सामग्री दे रहा हूं ताकि यह पता लगा सकें कि मैं किसकी बात कर रहा हूं. कुमार ने कहा, हमने बहुत स्पष्ट तौर पर यह कहा है कि हम केवल उत्तर कोरिया के हालिया कदमों की निंदा नहीं कर रहे, बल्कि यह भी कहा है कि प्रसार संबंधी गतिविधयों का पता लगाया जाना चाहिए और इसके लिए जो जिम्मेदार हैं, उनकी जवाबदेही तय की जानी चाहिए. इसके अलावा तीनों नेताओं ने समुद्री सुरक्षा एवं कनेक्टिविटी के मुद्दे पर भी चर्चा की. तीनों देशों के बीच पहली त्रिपक्षीय मंत्री स्तरीय बैठक वर्ष 2015 में हुई थी. वरिष्ठ अधिकारियों के स्तर पर बैठक 2011 से हो रही है.

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेटी एवं सलाहकार इवांका ट्रंप ने यहां संयुक्त राष्ट्र महासभा के वार्षिक सत्र से इतर मंगलवारको मुलाकात की और अपने-अपने देशों में महिला उद्यमिता एवं कार्यबल विकास पर चर्चा की. भारत में नवंबर में वैश्विक उद्यमिता शिखर सम्मेलन (जीइएस) में अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने जा रहीं इवांका ने सुषमा से मुलाकात की. इवांका ने बैठक के बाद एक ट्वीट में कहा, हमने अमेरिका और भारत में महिला उद्यमिता, आगामी जीइएस-2017 और कार्यबल विकास पर चर्चा की. भारत और अमेरिका 28 से 30 नवंबर तक हैदराबाद में जीइएस की सह-मेजबानी करेंगे. जीइएस विश्वभर में उभरते उद्यमियों, निवेशकों और व्यापारिक नेताओं की वार्षिक सभा है. 35 वर्षीय इवांका ने सुषमा के प्रति सम्मान प्रकट करते हुए उन्हें करिश्माई विदेश मंत्री बताया.

विदेश मंत्री ने द्विपक्षीय सहयोग और भारत के विकास एजेंडा को आगे बढ़ाने के मकसद से, संयुक्त राष्ट्र महासभा से इतर पांच देशों के अपने समकक्षों के साथ बैठक की. उन्होंने ट्यूनीशिया, बहरीन, लातविया, संयुक्त अरब अमीरात और डेनमार्क के विदेश मंत्रियों के साथ वार्ता की. रवीश कुमार ने संवाददाताओं से कहा, वार्ता मुख्य रूप से द्विपक्षीय सहयोग पर केंद्रित थी. बैठक के दौरान सुषमा ने ट्यूनीशिया के विदेश मंत्री खेमेइस झानिओई से कहा कि वह 30 और 31 अक्तूबर को नयी दिल्ली में दोनों देशों के बीच होनेवाली संयुक्त आयोग की अगली बैठक का इंतजार कर रही हैं.

रवीश कुमार ने कहा, आर्थिक संबंधों को बेहतर बनाने के लिए बहुत सी चर्चाएं की गयीं. भविष्य में फार्मा, वस्त्र, जैव प्रौद्योगिकी, नवीकरणीय ऊर्जा और सूचना प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में सहयोग करने पर चर्चा की गयी. कुमार के मुताबिक, सुषमा स्वराज ने यह देखा कि भारतीय फर्मा उत्पादों खासकर टीकों को ट्यूनीशिया में बड़े पैमाने पर निर्यात किया जा सकता है क्योंकि उनकी दवाओं की दरें प्रतिस्पर्धात्मक हैं.

डेनमार्क के विदेश मंत्री एंडर्स सैमुअलसन के साथ मुलाकात में अगली संयुक्त आयोग की बैठक की तारीख तय करने पर चर्चा की गयी. डेनमार्क नवंबर के पहले हफ्ते में होने जा रहे वर्ल्ड फूड इंडिया एक्स्ट्रावेगेंजा में भी भागीदारी कर रहा है. उन्होंने भारत में निवेश के लिए भी डेनमार्क को आमंत्रित किया. सुषमा की लातविया के विदेश मंत्री एडगर्स रिनकेविक्स के साथ बैठक में व्यापार संबंधों के विस्तार पर चर्चा की गयी. कुमार ने कहा, लातविया के विदेश मंत्री ने घोषणा की है कि उनके प्रधानमंत्री इस साल के अंत में होनेवाले विश्व खाद्य सम्मेलन के लिए भारत जायेंगे. साथ ही उन्होंने बताया कि सूचना प्रौद्योगिकी, शिक्षा और संस्कृति जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने को लेकर दोनों नेताओं ने चर्चा की.

संयुक्त अरब अमीरात(यूएइ) के विदेश मंत्री अब्दुल्ला बिन जायद अल नहयान के साथ वार्ता में दोनों नेताओं ने यूएइ से और अधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश भारत में लाने के प्रयासों पर चर्चा की. यूएइ भारत का रणनीतिक साझेदार है. भारत और यूएइ के बीच 52.8 अरब अमेरिकी डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार होता है. कुमार ने कहा, यह देखा गया कि इस समय यह दर, क्षमता से कम है. ऊर्जा क्षेत्र, नागरिक उड्डयन खासकर क्षमता निर्माण और बेहतर कार्यप्रणालियों में सहयोग को लेकर चर्चा की गई. अंतिम द्विपक्षीय वार्ता के लिए सुषमा स्वराज बहरीन के अपने समकक्ष खालिद बिन अहमद अल खलीफा से मिलीं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें