न्यूयार्क :भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज आज से अमेरिकी दौरे पर जा रही है. यहां सुषमा स्वराज संयुक्त राष्ट्र के 72 वें अधिवेशन में हिस्सा लेंगी. बताया जा रहा है कि इस दौरान पाक आतंकी मसूद अजहर का मुद्दा उठ सकता है. उधर सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार भारत के विदेश मंत्री सुषमा स्वराज पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ से मुलाकात कर सकते हैं. दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच संभावित वार्ता को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं हो पायी है लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि दोनों देशों के कड़वे संबंधों को देखते हुए फिर से संवाद शुरू किये जा रहे हैं.
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संयुक्त राष्ट्र में आमने-सामने हो सकते हैं भारत – पाक के विदेश मंत्री, फिर उठेगा मसूद अजहर का मुद्दा
न्यूयार्क :भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज आज से अमेरिकी दौरे पर जा रही है. यहां सुषमा स्वराज संयुक्त राष्ट्र के 72 वें अधिवेशन में हिस्सा लेंगी. बताया जा रहा है कि इस दौरान पाक आतंकी मसूद अजहर का मुद्दा उठ सकता है. उधर सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार भारत के विदेश मंत्री सुषमा […]
शंघाई सहयोग संगठन और सार्क समूह की बैठक के अलावा 15 विभिन्न बैठकों में सुषमा स्वराज हिस्सा लेंगी. इनमें जी -77, जी -4 बैठक और ब्रिक्स सम्मेलन शामिल है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि विदेश मंत्री सात से आठ दिनों की यात्रा में यहां आयेंगी. संयुक्त राष्ट्र संघ में 23 सितंबर को संबोधित करेंगी. हमने द्विपक्षीय , क्षेत्रीय और बहुपक्षीय वार्ता का कार्यक्रम रखा है. यहां G-77 की बैठक होगी. संयुक्त राष्ट्र में भारत के प्रतिनिधी सैयद अकबरूद्दीन ने कहा कि आर्थिक सुधार, आतंकवाद, जलवायु और शांति के मुद्दे को विदेश मंत्री उठायेंगी.
अजहर को न्याय के कटघरे में लाने तक चैन से नहीं बैठेगा भारत
संयुक्त राष्ट्र द्वारा मसूद अजहर को जल्दी ही आतंकी घोषित किए जाने की उम्मीद जताते हुए भारत के एक शीर्ष राजनयिक ने कहा है कि जब तक पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद के इस नेता को न्याय के कटघरे में नहीं लाया जाता, तब तक भारत चैन से नहीं बैठेगा.भारत ने अजहर की पहचान दो जनवरी 2016 को पठानकोट में हुए आतंकी हमले के मास्टर माइंड के रुप में की थी. भारत ने उसके भाई रउफ और पांच अन्य को भी हमला करने का आरोपी बताया था। उक्त हमले में भारत के सात जवान शहीद हुए थे. इसके अलावा छह आतंकी भी मारे गए थे.
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने यहां कहा, न्यायिक शब्दों में कहें तो यह मामला विचाराधीन है. इस समय यह मामला संयुक्त राष्ट्र की समिति के समक्ष है. हम उम्मीद करते हैं कि समिति मसूद अजहर को आतंकी का दर्जा देने की अपनी भूमिका निभाएगी. हमने कई बार उसे आतंकी घोषित करवाने की कोशिश की है लेकिन अब तक इसमें सफलता नहीं मिली है. अजहर को आतंकी का दर्जा दिलाने के भारत के प्रयासों से जुडे सवाल के जवाब में उन्होंने कल कहा, हम यह स्पष्ट करना चाहेंगे कि हमारी ओर से मसूद अजहर का मामला तब तक उठाया जाता रहेगा, जब तक कि उसे न्याय के कटघरे नहीं लाया जाता. अजहर को आतंकी घोषित करवाने के भारत के प्रयासों को बार-बार चीन अवरुद्ध करता रहा है.
पठानकोट हमले के मास्टरमाइंड को संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकी घोषित करवाने के भारत के प्रस्ताव को अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन का समर्थन है. अगस्त में चीन ने इस प्रस्ताव पर अपनी तकनीकी रोक की अवधि को तीन माह का विस्तार दे दिया था.यदि चीन ने रोक को यह विस्तार नहीं दिया होता तो अजहर स्वत: ही संयुक्त राष्ट्र की ओर से एक आतंकी घोषित हो जाता. चीन की तकनीकी रोक की अवधि दो नवंबर को खत्म हो रही.
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