कोपेनहेगन : नार्वे के नोबेल संस्थान ने आज कहा कि म्यामां की नेता आंग सांग सू ची को वर्ष 1991 में दिये गये पुरस्कार को वापस नहीं लिया जा सकता. नॉर्वे के नोबेल संस्थान के प्रमुख ओलव जोल्सताद ने एक ईमेल के जरिये ‘एसोसिएटेड प्रेस ‘ को बताया कि ना ही पुरस्कार के संस्थापक अल्फ्रेड […]
कोपेनहेगन : नार्वे के नोबेल संस्थान ने आज कहा कि म्यामां की नेता आंग सांग सू ची को वर्ष 1991 में दिये गये पुरस्कार को वापस नहीं लिया जा सकता. नॉर्वे के नोबेल संस्थान के प्रमुख ओलव जोल्सताद ने एक ईमेल के जरिये ‘एसोसिएटेड प्रेस ‘ को बताया कि ना ही पुरस्कार के संस्थापक अल्फ्रेड नोबेल के वसीयत के अनुसार और ना ही नोबेल फाउंडेशन के नियमों के अनुसार प्राप्तकर्ताओं से पुरस्कार वापस लेने का कोई प्रावधान है.
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उन्होंने कहा है, ‘ ‘एक बार नोबेल शांति पुरस्कार प्रदान किये जाने के बाद प्राप्तकर्ता से पुरस्कार वापस नहीं लिया जा सकता. ‘ ‘ ओलव ने कहा, ‘ ‘स्टॉकहोम और ओस्लो की किसी भी पुरस्कार समिति ने पुरस्कार प्रदान किये जाने के बाद उसे वापस लेने के बारे में विचार नहीं किया है. ‘ ‘ गौरतलब है कि म्यामां में रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ हो रहे कथित उत्पीडन को लेकर करीब 3,86,000 लोगों ने जरिये ऑनलाइन याचिका पर हस्ताक्षर कर सू ची से नोबेल पुरस्कार वापस लेने की मांग की है