म्यांमार यात्रा के दौरान बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रंगून में भारतीय मूल के लोगों को संबोधित किया.
मोदी ने अपने भाषण में बर्मा से भारत के ऐतिहासिक रिश्ते को ख़ासतौर पर जिक्र किया.
उन्होंने कहा, "म्यांमार में लघु भारत के दर्शन हुए, विरासत के सेतु हैं यहां बसे भारतीय. हमारी सरकार बनने के बाद रिश्ते पहले से मजबूत हुए हैं. म्यांमार में भारत 10वां सबसे बड़ा निवेशक देश है."
मोदी के भाषण की पांच ख़ास बातें
- विदेश में बसे भारतीयों के लिए भारतीय दूतावास के दरवाजे हर समय खुले हुए हैं. भारत और म्यांमार की सिर्फ सीमाएं ही नहीं भावनाएं भी एक दूसरे से जुड़ी हुई हैं.
- यहां तिलक ने गीता रहस्य लिखा. 1857 के पहले स्वतंत्रता संग्राम के बाद बादशाह बहादुर शाह ज़फ़र को दो गज ज़मीन भी इसी धरती पर मिली. भारत के स्वतंत्रता आंदोलन का इतिहास म्यांमार को नमन किए बिना कभी पूरा नहीं हो सकता है.
- मैं जब भी कहीं यात्रा करता हूं तो वहां के भारतवंशी समुदाय से जरूर मिलता हूं. भारतीय लोग जहां कभी बसते हैं, वहां के विकास में अपना पूरा योगदान देते हैं. वे अपनी जड़ों से भी जुड़े हुए रहते हैं.
- लोगों का एक दूसरे से जुड़ाव ही भारत-म्यांमार के संबंधों को मजबूत करता है. दोनों देश के बीच सांस्कृतिक संबंध मजबूत करेंगे.
- दुनिया के मंच पर भारत एक वैचारिक नेता के तौर पर उभर रहा है. योग को दुनिया भर में जो पहचान मिली है वो भारतीय मूल के लोगों की उपलब्धि है. वही लोग दुनिया भर में योग को ले गए हैं.
(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)