झारखंड के रांची में कथित तौर पर अवैध और ज़हरीली शराब पीने से कम से कम चार लोग मारे गए हैं.
झारखंड आर्म्ड पुलिस (जैप) के दो जवान समेत तीन लोगों की मौत भी शराब को लेकर संदेह के घेरे में है.
इनके अलावा एक अन्य व्यक्ति की मौत के बाद जल्दबाज़ी में दफनाए जाने को लेकर पुलिस ने छानबीन शुरू कर दी है.
शराब पीने से बीमार हुए छह लोगों को अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है. बीमार पड़ने वालों और मृतकों की संख्या बढ़ सकती है. मरने वाले सभी लोग रांची के हैं.
छह मामले दर्ज, तीन गिरफ्तार
इस मामले में सरकार और पुलिस के स्तर से कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है.
दक्षिणी छोटानागपुर क्षेत्र के आरक्षी उपमहानिरीक्षक एवी होमकर ने बताया है कि जैप के एक हवलदार समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि कई ठिकानों से शराब की अवैध बोतलें बरामद की गईं हैं.
पुलिस अधिकारी के मुताबिक, रांची के नामकुम और डोंरडा के थाना इंचार्ज को तत्काल निलंबित कर छह मामले दर्ज किए गए हैं.
जांच में जुटी CID
पुलिस अधिकारी के मुताबिक, इन मामलों में सीआईडी की टीम भी जांच में जुट गई है. मरने वाले जैप-1 के जवान योगेश छत्री के बारे में उसके सहयोगी ने बताया है कि उसकी मौत भी अवैध तौर पर शराब पीने से हुई है. लेकिन पुलिस को जैप के मृतक जवानों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतज़ार है.
मुख्यमंत्री के सचिव अविनाश कुमार ने इस पूरे मामले में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बात कही है.
उन्होंने बताया है कि कोतवाली अंचल के उत्पाद इंस्पेक्टर राणा मोती लाल सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.
सरकार बेचती है शराब
झारखंड में पिछले एक अगस्त से शराब की बिक्री सरकार करवा रही है. राजस्व में वृद्धि और अवैध शराब की बिक्री पर नकेल कसने के मकसद से सरकार ने झारखंड बिवरेजेज कॉरपोरेशन के जरिए शराब की दुकानें खुलवाई हैं.
दुकानों की संख्या पहले से कम होने की वजह से कई जगहों पर भीड़ संभालने के लिए पुलिस की भी तैनाती की जा रही है.
विपक्षी दलों ने ज़हरीली शराब को लेकर होने वाली मौतों को लेकर सरकार पर निशाने साधने शुरू कर दिए हैं.
झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा है कि सरकारी तंत्र के द्वारा शराब बेचने की हकीकत सामने आ रही है.
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